जयगुरुदेव चेतावनी संग्रह 23.

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जयगुरुदेव चेतावनी 123.
*Nam prabhu ka hirday se*
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नाम प्रभु का ह्रदय से न भूलो,
यह भुलाने के काबिल नहीं है।
बड़ी मुश्किल से नर तन मिला है,
यह गंवाने के काबिल नहीं है।।

चोला अनमोल तेरा सिला है,
जिसमें जीवन का फूल खिला है।
सांस गिन गिन कर तुमको मिला है,
ये लुटाने के काबिल नहीं है।।

जिसने हीरा जनम ऐसा पाकर,
खोज अपनी ना की मन लगाकर।
वो तो भगवान के पास जाकर,
मुंह दिखाने के काबिल नहीं है।।

उसने नर तन भी पाकर क्या पाया,
जो शरण में प्रभु की ना आया।
भिक्षु पर दुख समझ जो ना पाया,
संत कहाने के काबिल नहीं है।।


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चेतावनी 124.
*Kalyug ka pyara he*
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कलयुग का प्यारा है सच्चा नाम, 
बोलो जयगुरुदेव प्रभु का नाम।
पार लगाएंगे मेरे स्वामीजी, 
फन्द छुड़ाएंगे मेरे स्वामीजी। 
कष्ट मिटायेंगे मेरे स्वामी जी।।

जन्मे थे त्रेता युग में राम, 
दशरथ के राज दुलारे।
पहिचान न पाया कोई उनको, 
राक्षस रावण जैसे को मारे।
पहिचानो मेरे मालिक को, 
पार लगाएंगे मेरे स्वामी जी।।

कलयुग का प्यारा है सच्चा नाम, 
बोलो जयगुरुदेव प्रभु का नाम।
पार लगाएंगे मेरे स्वामी जी...

द्वापर में आये कन्हैया, 
कहलाये वो माखन चुरैया।
पहिचान न पाया कोई उनको, 
आये थे वो तो जग के रचैया।
पहिचानो मेरे मालिक को, 
फन्द छुड़ाएंगे मेरे स्वामी जी...

कलयुग में पहिचानो उनको,
मत भूलो गुरु को ओ प्यारे।
इस भव से पार उतारें, 
मेरे गुरुदेव उज्जैन वाले।
हमें भव से पार उतारें, 
महाराज जी उज्जैन वाले।
पहिचानो उस मालिक को, पार लगाएंगे मेरे स्वामीजी।।


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चेतावनी 125.
*Guru ki kar hardam puja*
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गुरु की कर हरदम पूजा। 
गुरु समान कोई देव न दूजा।।

गुरु चरण सेव नित करिये। 
तन मन गुरु आगे धरिये।।

गुरु दर्श करो आंखन से। 
गुरु वचन सुनो श्रवण से।।

गुरु के बल मन को मारो। 
गुरु के बल काल संहारो।।

गुरु ब्रह्मरूप धर आये। 
गुरु पारब्रह्म गति गाये।।

गुरु सत्तनाम पद खोला। 
गुरु अलख अगम को तोला।।

गुरु रूप धरा जयगुरुदेव स्वामी। 
गुरु से बड़ा नहीं अनामी।।


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चेतावनी 126.
*Kese milenge bhagwan*
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कैसे मिलेंगे भगवान, गुरु के बिना।। टेक।।
गंगा में नहाओ चाहे, जमुना में नहाओ।
चाहो नहाओ चारों धाम। सतगुरु के बिना।। कैसे।।

गीता पढ़ो चाहे, पढ़ो रामायण।
चाहे पढ़ो वेद पुराण। सतगुरु के बिना।। कैसे।।

मुण्डन कराले चाहे, जटा बढ़ा ले।
चाहे फढ़ा ले दोनों कान, सतगुरु के बिना।। कैसे।।

धूनी  रमाले चाहे, राख रमाले,
चाहे लगा ले कितना ध्यान, सतगुरु के बिना ।। कैसे।।

मंदिर में जा ले चाहे, मस्जिद में जा ले,
चाहे बजा ले कितने ताल, सतगुरु के बिना।। कैसे।।


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चेतावनी 127.
*Subah ko bachpan*
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सुबह को बचपन हँसते देखा, फिर दोपहर जवानी।
सांझ बुढ़ापा ढलते देखा, रात को खतम कहानी।।

बचपन बेपरवाह की जिसने, खेल कूद के मेले।
आई जवानी अंधी होकर, पाप किया द्युत खेले।।

वृद्ध अवस्था थर थर काँपे, आवे याद पुरानी।।
उलझा जीवन जीता रहा तू, हार कभी ना मानी।।

राम न सुमरा काम न बिसरा, करता गया मनमानी।
समय बदला तू ना बदला, हो गयी भारी हानी।।

जीवन में आशाओं के तूने, कितने महल सजाये।
धरा धरा यहाँ रह जाये जब, अन्त बुढ़ापा आये।।

टूटा पिंजरा उड़ गया पंछी, हो गयी खतम कहानी।।
सुबह को बचपन हँसते देखा, फिर दोपहर जवानी।
सांझ बुढ़ापा ढलते देखा, रात को खतम कहानी।।


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चेतावनी 128.
*Nav Javano jago*
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नव जवानों जगो वक्त है आ गया, 
शाकाहारी का संदेश दे देना है।
त्यागो मछली व अंडों का खाना सभी, 
बुद्धि नाशक है मदिरा का पीना तजो।।

सत्य, सेवा, दया का अब पालन करो, 
प्रेमधारा धरा पर बहा देना है।
नव जवानों जगो वक्त है आ गया, 
शाकाहारी का संदेश दे देना है।।

छाया है पाप धरती पर चारों तरफ, 
वासनाओं की है कोई सीमा नहीं।
धर्म का पाठ इन को पढ़ा करके अब, 
दुष्कर्मों को इनके छुड़ा देना है।।
नव जवानों जगो वक्त है आ गया, 
शाकाहारी का संदेश दे देना है।

सीता, अनुसुइया की इस तपोभूमि पर, 
दुष्कर्मों की ज्वाला है जलने लगी।
देवियां रो रही अब जहां रो रहा, 
रोती मानवता को अब बचा लेना है।
नव जवानों जगो वक्त है आ गया, 
शाकाहारी का संदेश दे देना है।।

वक्त आया तो बाबा ने आवाज दी, 
नव जवानों जगो अब ना देरी करो।
यदि नहीं चेते तो नवजवानों सुनो, 
ऐसा सुंदर, सुगम वक्त खो जाएगा।
नव जवानों जगो वक्त है आ गया, 
शाकाहारी का संदेश दे देना है।

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                      जयगुरुदेव 
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शेष क्रमशः पोस्ट 24. में पढ़ें 🙏🏻👇🏼






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