04.09.2024
प्रेस नोट
रेवाड़ी (हरियाणा)
*मांस-मछली खाते हुए इन्सान नहीं सोचता कि बदला देना पड़ेगा, आज नहीं तो कल, यहां कटने-काटने से बच गए तो वहां काटे-भुनाए जाओगे*
*ये देव दुर्लभ मनुष्य शरीर बेशकीमती है, स्वाद के लिए एक-एक मिनट जीवन खत्म कर रहा इंसान*
जिन जीवों का मांस खाया, उसका बदला बड़ी भयानक सजा भोग कर देना पड़ता है, तो अपनी दिव्य दृष्टि से जीव की होने वाली दुर्दशा को देख कर द्रवित होकर बार-बार बड़े प्रेम से सही बात बताने-समझाने वाले, गलत आदतों को तुरंत छोड़ने की प्रेरणा देने वाले, अब तक जो गलती बन गयी है उसे माफ़ करके अकाउंट को क्लियर करने की पॉवर रखने वाले, शरण में आकर तो देखो, तो ऐसे इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि
मांस-मछली खाने वाले तेल मिर्च डाल करके भूंज-भाज करके, कीमा बनाकर मांस को खा जाते हैं। लेकिन यह नहीं मालूम है कि बदला देना पड़ेगा। आज नहीं तो कल काटे जाओगे। यहां (इस मृत्युलोक में) कटने-काटने से अगर बच गए तो वहां कटाई-भुनाई होगी। इसको तो भूल जा रहे हैं। स्वाद में जैसे मछली फंस गई, ऐसे ही स्वाद में जीवन को बर्बाद कर दे रहे हैं।
*सोचो ! देव दुर्लभ मनुष्य शरीर किस काम के लिए मिला*
किस काम के लिए मनुष्य शरीर मिला और किस काम में लगा करके बर्बाद कर दे रहे हैं। मछली खाने वाले मछली की खोज (पकड़ने) के लिए घंटों तालाब के पास बैठे रहते हैं। जीवन का समय बर्बाद कर दे रहे हैं। 4-6 घंटे मछली नहीं फंसी तो भी जुबान के स्वाद के लिए वहीं बैठे रहते हैं।
*पानी की बुलबुले की तरह इंसान का जीवन कभी भी हो जाए खत्म*
आपको सोचना चाहिए हमारा समय कितना कीमती है। जीवन का एक-एक मिनट, हमारे लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन उसको इंसान न जानकारी में, जुबान के स्वाद के लिए खत्म कर दे रहा है। ये मनुष्य शरीर बेशकीमती है, इसकी कोई कीमत नहीं (लगा सकता) है। यह भजन-पूजन करने के लिए मिला है, उसमें इसे नहीं लगा रहे। यह नहीं सोच रहा हैं कि पता नहीं यह पानी के बुलबुले की तरह कब खत्म हो जाए।
पानी तेरा बुदबुदा, अस मानुष की जात। देखत ही छिप जाएगें, ज्यों तारे प्रभात।। जैसे सवेरा होते ही आसमान में तारे देखते ही देखते छुप जाते हैं, ऐसे ही समय पूरा होने पर यह शरीर भी खत्म हो जाएगा। बच्चे और बच्चियों! जिनको नाम मिल गया है, अपने जीवन का जो समय बचा है, आप उसे गृहस्थी का काम करते हुए, नाम की कमाई करने में लगाना।
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