【 *जयगुरुदेव प्रार्थना | JaiGuruDev Prarthana* 】 (post no.8)
*प्रार्थना रोज होनी चाहिए एवं २-३ प्रार्थना -*
*सभी प्रेमियो को याद होनी चाहिए।*
*He mere gurudev karuna...*
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हूं अधम आधीन अशरण, अब शरण मे लीजिए।।
निर्लज्जता है एक बाक़ी औऱ बस अभिमान है।।
आसरा न और कोई दूसरा संसार मे।।
नाथ दोड़ो और बचा लो अब तो डूबी जा रही।।
जन्म दुःख से नाँव कैसे पार कर पाउँगा मे।।
पार करना या न करना दोनों मर्जी आपकी।।
हे मेरे गुरुदेव करुणा सिंधू करुणा कीजिए।।
*He dayamay deen bandhu...*
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शमन सब पापों का मेरे आप सब कर दीजिए।।
पर शरण में आ गया हूँ त्राण मम अब कीजिए।।
करि दया सतगुरु मुझको देखने अब दीजिए।।
बंधू को अपने उबारन हाथ आगे कीजिए।।
पर जनाया है जिसे पहचान अपनी दीजिए।।
*Itni shakti mujhe do....*
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तेरी भक्ति मे खुद को मिटाता चलूँ ।।१।।
फिर भी तेरा दिया गीत गाता चलूँ।।२।।
मुझको केवल तुम्हारी मदद चाहिये।।३।।
नाम का तेरे डंका बजाता चलूँ ।।४।।
सो न जाऊं यही डर सताता मुझे ।।५।।
खुद जगूँ और जगत को जगाता चलूँ ।।६।।
काम व मोक्ष की भी जरूरत नही ।।७।।
तेरी महिमा निरंतर सुनाता चलु ।।८।।
पर हमारे लिये तो तुमही एक हो ।।९।।
तेरे कदमों मे सिर को झुकाता चलूँ ।।१०।।
सिर्फ रिश्ता तुम्हारा निभाता चलूँ ।।११।।
*He deen bandhu guruvar...*
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प्रभु इस तरह सदा ही झांकी मिले तुम्हारी।।१।।
तुमसे जगह न खाली मथुरा हो या हो काशी ।
भीतर झलक रही है लीला अजब तुम्हारी।।२।।
यह रूप भी दिखाया लगते हो कितने प्यारे।
कल-कल की नाद करती नदियाँ हैंकितनी प्यारी।।३।।
खुशियाँ अनंत होती तुमको ह्रदय मे पाकर ।
कितनी मधुर- मधुर है अनहद कीतान प्यारी ।।४।।
तुम्हो वहीदिखाते जोकृष्ण ने दिखाया
तेरी मुखार बिन्दु सब सन्तो की है वाणी ।।५।।
सब कुछ दिखाओ फिर भी भगवन कहाँ ये माने।
भक्तों ने देख पाई लीला अजब तुम्हारी ।।
प्रभु इसतरह सदा ही झांकी मिले तुम्हारी।।६।।
*He satguru tumhe...*
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फिर क्यों देखते हो उधर दृष्टि फेरे।।
मगर आ पड़ा अब शरण में मैं तेरे।।
इसी से शरण तेरी आया सवेरे।।
अब आ गिर पढ़ा हूं शरण में मैं तेरे ।।
मुझे चोर पकड़े हैं यह पांच घेरे।।
इसी से ना आया कभी पास तेरे।।
उठा लो मुझे अब नहीं कोई मेरे ।।
*He prabhu anand data...*
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शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए।।
ब्रह्मचारी धर्म-रक्षक वीर व्रत धारी बनें।
हे प्रभु आनंददाता ज्ञान हमको दीजिये...।।
ईर्ष्या कभी भी हम किसी से भूल कर भी न करें।
हे प्रभु आनंददाता ज्ञान हमको दीजिये...।।
दिव्या जीवन हो हमारा, यश तेरा गाया करें।
हे प्रभु आनंददाता ज्ञान हमको दीजिये...।।
हाथ डालें हम कभी न भूल कर अपकार में।
हे प्रभु आनंददाता ज्ञान हमको दीजिये...।।
मोह मद मत्सर रहित होवे हमारी आत्मा।
हे प्रभु आनंददाता ज्ञान हमको दीजिये...।।
प्रेम से हम संस्कृति की नित्य ही सेवा करें।
हे प्रभु आनंददाता ज्ञान हमको दीजिये...।।
ब्रह्म निष्ठा प्राप्त कर के सर्व हितकारी बनें।
हे प्रभु आनंददाता ज्ञान हमको दीजिये...।।
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3 टिप्पणियाँ
aapne jo Jai Gurudev Prarthna likhin hain mujhe bahut pasand aayi hain. aapka dhanyabad.
जवाब देंहटाएंVery good information' God Gyan
जवाब देंहटाएंEsme aur prathanaye journey kid Kris kre Jai guru dev
जवाब देंहटाएंJaigurudev