जयगुरुदेव
शाकाहारी प्रचार अभियान, सत्संग, रैली आदि मे जन जागरण हेतु बोले जाने वाली-
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
जयगुरुदेव चेतावनी 129.
*Jaigurudev nam duniya me*
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
जयगुरुदेव नाम दुनिया में, दिन-दिन बढ़ता जाएगा।
हर मजहब का प्राणी इसको, खुश होकर अपनायेगा।
जयगुरुदेव नाम का झंडा, घर-घर में लहराएगा।
हर मजहब का प्राणी इसको खुश होकर अपनायेगा।।
कुछ ही दिन के बाद प्रेमियों, एक विकल्प मिलने वाला है।
बचे रहे तो देखते रहना, कैसा समय निराला है।
कुदरत के डंडे से प्यारे, ‘जयगुरुदेव’ नाम बचाएगा।
हर मजहब का प्राणी इसको, खुश होकर अपनायेगा।।
बाबा की नहीं मानोगे, यदि अपनी-अपनी ठानोगे।
कुछ ही दिन के बाद प्रेमियों, सन्त गति पहचानोगे।
जो नहीं माने बात सन्त की, वह पीछे पछतायेगा।
हर मजहब का प्राणी इसको, खुश होकर अपनायेगा।।
चाहे हिंदुस्तान हो या, जर्मन व जापान हो।
बड़े देश दुनिया के सबही, चाहे पाकिस्तान हो।
भूमण्डल का रहने वाला, इसको शीश झुकायेगा।
हर मजहब का प्राणी इसको, खुश होकर अपनायेगा।।
चाहे वेद पुराण हो या, बाइबिल और कुरान हो।
चाहे हिंदू-ईसाई या, चाहे मुसलमान हो।
बैर भाव रखने वालों में, प्रेम भाव आ जाएगा।
हर मजहब का प्राणी इसको खुश होकर अपनायेगा।।
जयगुरुदेव नाम दुनिया में, दिन-दिन बढ़ता जाएगा।
हर मजहब का प्राणी इसको, खुश होकर अपनायेगा।
जयगुरुदेव नाम का झंडा, घर घर में लहराएगा।
हर मजहब का प्राणी इसको खुश होकर अपनायेगा।।
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
जयगुरुदेव चेतावनी 130.
*Karte jaigurudev ji pukar*
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
करते जयगुरुदेव जी पुकार, कि भैया शाकाहारी बनो।
करते जयगुरुदेव जी पुकार, कि बहनों शाकाहारी बनो।
छोड़ो छोड़ो सब मांसाहार, कि भैया शाकाहारी बनो।। टेक
अण्डा मछली मांस को छोड़ो, दारु-ताड़ी से मुख मोड़ो।
जीवन में आएगा सुधार, कि भैया शाकाहारी बनो।।
मालिक ने सबको उपजाया, सबमें उसका नूर समाया।
फिर तुम खाते हो क्यों उनको मार, कि भैया शाकाहारी बनो।
मन में दया धरम तुम धारो, बेजुबान खग-पशु न मारो।
छोड़ो अब सारे अत्याचार, कि भैया शाकाहारी बनों।।
ऐसे भोेजन की बीमारी, झेल रही है दुनिया सारी।
इसका न कहीं है उपचार, कि भैया शाकाहारी बनो।।
कुदरत भी तैयार खड़ी है, देखो तबाही बड़ी-बड़ी है।
देखो बड़े-बड़े नरसंहार, कि भैया शाकाहारी बनो।।
मानव तन से बड़ा क्या बोलो, बिषय बासना में मत डोलो।
पाओ तो सतगुरु से सार, भैया शाकाहारी बनो।।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, शाकाहारी हो जाओ भाई।
सब धर्मों ने लिखा शाकाहार, कि भैया शाकाहारी बनो।।
तन मन्दिर की महिमा भारी, इसे शुद्ध कर बनो पुजारी।
तभी पूजा होगी स्वीकार, भैया शाकाहारी बनो।।
शुद्ध आचार विचार बना लो, सूने घर में प्रेम जगा लो।
सतयुग होगा तब अवतार, कि भैया शाकाहारी बनो।।
शाकाहारी की हवा चली है, चर्चा इसकी गली गली है।
प्रेमियों की सबसे है गुहार, कि अब तो शाकाहारी बनो।।
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
जयगुरुदेव चेतावनी 131.
*Satsang me sukh shanti*
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
सत्संग में सुख शान्ति भरो है, मानव का परमार्थ धरो है।
साधु समाज प्रयाग यही है, भक्तों का अनुराग यही है।
संतन का सर्वस्व धरो है। सत्संग में सुख.......
त्रिवेणी स्नान यही है, वेद, यजुर, ऋग, साम यही है।
सत्य सिन्धु का श्रोत यही है, भव सागर का पोत यही है,
धन्य सो जिन सतसंग करो है, सतसंग में सुख...............
मानव का कल्याण यही है, जन समाज का प्राण यही है,
प्रभु पावन का पन्थ यही है, जप तप साधन मंत्र यही है।
पारस कंचन करत खरो है, सतसंग में सुख...............
सत्य ईश भगवान कहां हैं, भेद मिले सतसंग जहां है।
सतसंग जय गुरु देव तुम्हारा, पावे जो दीन होय कोइ प्यारा।
बिन सतसंग पशुवत विचरो है, सतसंग में सुख...............
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
जयगुरुदेव चेतावनी 132.
*Musafir rehna nahi*
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
मुसाफिर रहना नहीं देश बिराना है।
यह संसार कागज की पुड़िया, बूँद पड़े गलि जाना है।
यह संसार काँटे की बाड़ी, उलझ पुलझ मरि जाना है।
यह संसार झाड़ और झाँखर, आग लगे जल जाना है।
कहत कबीर सुनो भाई साधो, सतगुरु नाम ठिकाना है।।
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
जयगुरुदेव चेतावनी 133.
*Thari sab chinta mit jaye*
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
थारी सब चिन्ता मिट जाए, सेवा सतगुरु जी की कर ले।
सेवा गुरुवर जी की कर ले, सेवा जयगुरुदेव की कर ले।
थारे सब संकट कट जाए, सेवा सतगुरु जी की कर ले।।
तू नाम गुरु का ले ले, तू मानसी गंगा नहा ले।
थारे पाप सब धुल जाए, सेवा सतगुरु जी की कर ले।।
तू नाम का सुमिरन कर ले, तू शब्द की डोरी चढ़ ले।
थारे सारे काम बन जाए, सेवा गुरुवर जी की कर ले।।
तू गुरु की नाव में चढ़ ले, वैतरनी पार करले।
तुझे सब दर्शन हो जाए, सेवा गुरुवर जी की कर ले।।
तू ध्यान गुरु का करले, गुरु मुरत मन में बसा ले।
थारे सारे काम बन जाए, सेवा गुरुवर जी की कर ले।।
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
जयगुरुदेव चेतावनी 134.
*Satguru aye ri ujjainia*
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
सतगुरु आये री उज्जैनिया, बाबा की नगरी।
बाबा की नगरी, हे भोले की नगरी।।
सतगुरु जी का कहा मानकर, कर लो उनसे प्रीत।
जय गुरु देव नाम तुम जप लो, जाओगे जग से जीत।।
सतगुरु आय....
नाम दान की देकर नौका, देंगे तुमको बिठाई।
और खेह-खेह के तुमको, देंगे पार लगाई।।
सतगुरु आय....
धन्य भाग हमारे हैं जो, उनके चरण पखारें।
पावन कीन्ही वो भूमि, उनके चरण पधारे।।
सतगुरु आय....
जयगुरुदेव...
शेष क्रमशः पोस्ट 25.. में पढ़ें 🙏🏻👇🏼
 |
Satguru shanti wale |
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ
Jaigurudev