*"अपनी माता, धरती माता और गौ माता का सम्मान और रक्षा करो...."

*जयगुरुदेव*
*सन्देश / दिनांक 04.12.2021*

*सतसंग स्थलः बाबा जयगुरुदेव आश्रम, उज्जैन, मध्यप्रदेश*
*सतसंग दिनांक: 30.नवम्बर.2020*

*"अपनी माता, धरती माता और गौ माता का सम्मान और रक्षा करो...."
*- बाबा उमाकान्त जी महाराज*

आम जनमानस में भारतीय मूल्यों की पुनर्स्थापना करने वाले, भारतीय संस्कृति के रक्षक, भारत को विश्व गुरु बनाने का बीड़ा उठाने वाले, इस समय के महापुरुष,
उज्जैन वाले *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने 30 नवंबर 2020 को आश्रम उज्जैन,मध्यप्रदेश में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम *(jaigurudevukm)* पर प्रसारित सतसंग में बताया कि,
रज का दान देने वाली बच्चे को नौ महीना पेट में रखने और पालने वाली प्रमुख माँ, जननी के बाद दूसरी मां धरती ही है क्योंकि धरती पर पैर रखना पड़ता है।

धरती तत्व अगर न मिले तो यह शरीर बढ़ नहीं सकता, पोषण नहीं हो सकता है तो धरती भी मां ही है। तो आप प्रेमियों! कोई ऐसा काम न करो कि इस धरती को खतरा पैदा हो जाए, अपनी धरती माता गंदी हो जाए।
जैसे अपनी मां को कोई गंदगी लग जाती है तो आप साफ करते हो। जैसे अपनी मां को नंगा नहीं देख सकते हो, कपड़ा पहनाते हो कि हमारी मां ठीक लगे। देखने में ऐसे ही धरती की शोभा है यह पेड़-पौधे, पत्थर, नदी-नाले, यह सब इसकी शोभा है। *इसकी शोभा को बनाए रखो, इसको खत्म मत करो।*

*प्रेमियों! कोशिश करते रहो की इस धरती के ऊपर रक्तपात न हो, ये साफ-सुथरी रहे...*
और इस धरती के ऊपर खून न बहने पावे, गंदा न होने पावे। ऐसा कोई काम आप लोग न करो कि जिससे यह धरती खून से लथपथ हो जाए, यह अपनी धरती मां गंदी हो जाए।
और बहुत से तरीके हैं कि इसको गंदा होने से बचाया जा सकता है। तो आप इस पर विचार करो, सोचते रहो कि हम इसको खुद गंदा न करें और जो गंदा करने के नीयत बनाए हुए हैं उनको भी समझाते रहे।
उनको भी यह कहते रहें कि यह मां है, इसको साफ-सुथरा रखो और इस पर खून बहने न दो, इसको कलंकित न करो तो बराबर समझाते रहो।

*मांसाहार से धरती, वातावरण सब गंदा होता है...*
यही नियम बनाया गया कि वातावरण को गंदा मत करो। मांस खाकर के लोग फेंक देते हैं। वायुमंडल में उसकी गंदगी फैल जाती है।
कहते हो कि बहुत अच्छी हवा मिल रही, यहाँ बहुत ऑक्सीजन है, शुद्ध है, पहाड़ है, पेड़-पौधे हैं और कहीं-कहीं दम घुटने लगता है। हवा कम हो जाती है, गंदी हवा हो जाती है, सांस लेना मुश्किल हो जाता है तो ध्यान रखो।

*तीसरी माँ गौ माता की रक्षा और उसकी सेवा करो..*
तीसरी मां कब मिलती है?
गर्भ में तो बच्चे को मालिक का दर्शन होता रहता है। माँ से पोषण मिलता है लेकिन बाहर आकर दर्शन होना बंद हो जाता है, बढ़ने के लिए तत्व नहीं मिल पाते है तब दूध की जरूरत होती है।
मां दूध पिलाती है और एक दूध पिलाने वाली गऊ माता जिसका दूध पीता है बच्चा, उसकी जरूरत पड़ती है।
कहा गया जैसे मां की सेवा की जाती है, मां के ऋण से कोई उद्धार नहीं है, *ऐसे ही गऊ की भी सेवा करनी चाहिए।*
jaigurudev
Dharti ke Sartaj baba ji maharaj


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