●● Jai Guru Dev | Chetavni ●● 9.
चेतावनी 44
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गली गली मे खूब पर्चे बंटाए,
समझो न अब फिर भाग्य तुम्हारा।
सुने तो जाओ सन्देश हमारा।।
होगा जरूर जो कहूंगा फिर आगे,
मालिक की मौज कुछ ऐसा इशारा।
सुने तो जाओे सन्देश हमारा।।
मालिक मिलन का है भेद बताया,
सोचो तो क्या ऐ पागल गंवारा।
सुने तो जाओ सन्देश हमारा।।
इसी लिए हम आ नही पाए,
करते हैं हम कर्तव्य हमारा।
सुने तो जाओे सन्देश हमारा।।
कर्मों का बादल बवंडर बनेगा,
बरसेगी बहेगी तेरे पापों की धारा।
सुने तो जाओे सन्देश हमारा।।
आये शरण उसे माफ़ी करा दो,
जानो अब आप काम जाने तुम्हारा।
सुने तो जाओे सन्देश हमारा।।
उत्तर व दक्षिण मे खूब धधकेगी,
लाशों पे लाशों का होगा नजारा।
सुने तो जाओ सन्देश हमारा।।
पेडों की पत्ती न तुमको मिलेगी,
फट जाये धरती उठेगा गुबारा।
सुने तो जाओे सन्देश हमारा।।
अरब इजरायल आपस मे लड़ेगा,
खून की नदियों की बहेगी धारा।
सुने तो जाओ सन्देश हमारा।।
दिखती असम्भव पर सम्भव सभी हैं,
है अचूक ये दावा हमारा।
सुने तो जाओे सन्देश हमारा।।
जिसकी महत्ता का वर्णन नही है,
सहायक शक्तियों का नही पारवारा।
सुने तो जाओे सन्देश हमारा।।
छोटे छोटे देश बड़े देशों मे मिलेंगे,
भारत की अध्यात्म शक्ति का होगा पसारा।
सुने तो जाओे सन्देश हमारा।।
जिसके लिए था हमेशा चिल्लाया,
होगा शुरू अब यहीँ से निपटारा।
सुने तो जाओे सन्देश हमारा।।
चाहे प्रोफेसर हरार की ही मानो,
पश्चिम का तुम पै चढ़ा है नजारा।
सुने तो जाओे सन्देश हमारा।।
झण्डे के नीचे तुम्हे आना पड़ेगा,
होकर लाचार नाम लोगे हमारा।
सुने तो जाओे सन्देश हमारा।।
बचना जो चाहो तो साथी बना लो,
समझो तो क्या यह सच रखवाला।
सुने तो जाओे सन्देश हमारा।।
जीवों से प्रेम यही है सतनीति,
आत्मज्ञान का यही है भण्डारा।
सुने तो जाओ सन्देश हमारा।।
*मानव धर्म को जगाते रहेंगे*
*जयगुरुदेव नाम का अब होगा पसारा*
*सुने तो जाओ सन्देशा हमारा।।*
चेतावनी 45
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पंगु पुरुष चढ़े बिन सीढ़ी, पीवे भर भर झारी रे।।
बहरा सुन सुन मस्त होत है तन की खबर बिसारी रे।।
अंधा देख देख सुख पावे बात बतावे सारी रे।।
ब्रह्मानन्द संतजन बिरला, समझे बात हमारी रे।।
चेतावनी 46
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होनी भी टल जायेगी, रख गुरु में विश्वास ।।
लेकिन गुरु के द्वार से, कभी न होना दूर ।।
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बिना गुरु के तर सका, हुआ न कोई शूर।
फैल रहा चारों तरफ, मेरे गुरु का नूर ।।
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गुरु चरणों में शिष्य के, दुःख कट जाते आप ।
पास न उसके आ सके, जग के तीनों ताप ।।
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अपने गुरु से प्रीत जो, करता है निष्काम।
गुरु चरणों में ही बसे, उसके चारों धाम ।।
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जितने भी तू कष्ट दे, सब मुझको स्वीकार।
लेकिन गुरु-सेवा विमुख, मत करना करतार ।।
चेतावनी 47
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चढ़ि चलो अगम अटारी।
चढ़ चलो...।।
सतगुरु जोड़ दिया री ।
काल कर्म बस तन मन भरमाया,
निज घर भूल गया री।।
कोटिन भानु उगारी।
कोटिन भानु उगारी सोहागिन...।।
आनन्द हिडोलना पड़ा री।
आनन्द हिडोलना पड़ा री सोहागिन... ।।
सुनि सुनि उमगे जिया री।
सतगुरु स्वामी अवसी मिलेंगे
जयगुरुदेव दया री ।
जयगुरुदेव दया री सोहागिन...।।
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काम अपना करो भाई, पराये काम नहीं फसना।।
यही है दाम गठ बंधना।
जगत का रंग सब मैला,
धुला ले मान यह कहना।।
सहज में त्यागते चलना।
सरन सतगुरु गहो दृढ़ कर,
करो यह काज पिल रहना।।
पकड़ धुन ध्यान घर गगना।
फंसे तुम जाल में भारी,
बिना इस जुक्ति नहीं खुलना।।
मान यह बात चित धरना।
भटक में क्यों उमर खोते,
कहीं नहिं ठीक तुम लगना।।
सिमट कर एक यहां होना।
दुई यहां दूर हो जावे,
दृष्टि ज्योति में धरना।।
सुरत को तान धुन सुनना।
बंक के द्वार धंस बैठो।
तिरकुटी जाय कर लेना।।
सुरत से मानसर न्हाना।
महासुन चौक अंधियारा,
वहां से जा गुफा बसना।।
गहो वहां जाय धुन बीना।।
अलख और अगम के पारा।
हुआ मन आज अति मगना।।
*Apna koi nahi sansar*
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अपना सतगुरु प्यारा है।।१
माटी का सिरयाना।
एक दिन ऐसा होगा रे बन्दे
माटी में मिल जाना-
अपना कोई नहीं संसार....।।२
बन्दा कहे घर मेरा।
न घर तेरा न घर मेरा
चिड़िया रैन बसेरा-
अपना कोई नहीं संसार...।।३
जगमग जगमग होये।
खत्म हुआ तेल झड़ गई बाती,
ले चल ले चल होये-
अपना कोई नहीं संसार...।।४
बहन रोवे दस मासा।
तेरह दिन तक तिरिया रोवे
पेर करे घर वासा।।
अपना कोई नहीं संसार...।।५
कैस जले जैसे घांस।
सोने जैसी काया जल गई,
कोई न आया पास-
अपना कोई नहीं संसार...।।६
*Dhurdham ke vasi*
निज मौज से जब जब आते हैं।
भूले जीवों पर प्यारे गुरु,
तब खूब दया बरसाते हैं।।
उनको खूब पिलाते हैं।
निज आशिक मतवाला करके,
अपने फरमान सुनाते हैं।।
चौथे का भेद बताते हैं।
निज पिण्ड से प्यार करा करके,
घट में सतरुप दिखाते हैं।।
निज नाम जहाज चलाते हैं।
जो भाग्यवान चढ़ जाते हैं,
वो भाग्यहीन कहलाते हैं।
धुरधाम के वासी अविनाशी...
*Guru dhyan dharo tum*
गुरु नाम सुमिर छिन छिन में ।
गुरु ही फिर होय सहाई ।।
गुरु बिन कोई नही पहुंचे ।
गुरु ही सुन्न शिखर चढाया।।
गुरु भंवर गुफा दरसाई ।
गुरु अलख अगम परसाया ।
गुरु से सतगुरु स्वामी जाना . . . .
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1 टिप्पणियाँ
Very good information' God Gyan
जवाब देंहटाएंJaigurudev