जयगुरुदेव । 7 विरह प्रार्थनाओं का संग्रह ...
प्रार्थना रोज होनी चाहिए एवं २-३ प्रार्थना -
सभी प्रेमियो को याद होनी चाहिए।
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मैं रहा पुकार पुकार, मैहर कर देखो जरा।।
मेरी तड़फ उठी हिये माहि, दरश को तरस रहा।।
सुर्त भीगे अमी रस धार, तन मन होवे हरा।।
मै नीच अधम नाकार, तुम रे द्वारे पड़ा।।
स्वामी जी पिता हमार जल्दी पार किया।।
प्रार्थना 02.
दया की नज़र करो मेरी ऒर।।२।।
दया की नज़र करो मेरी ऒर।।३।।
आया शरण अब मै तोर,
दया की नज़र करो मेरी ऒर।।४।।
मेरी विरिया कस भयऊ कठोर,
दया की नज़र करो मेरी ऒर।।५।।
मो सो पतित अब जायें केही ऒर,
दया की नज़र करो मेरी ऒर।।६।।
फिर न धरहूं पग यही मग ऒर,
दया की नज़र करो मेरी ऒर।।
मैहर की नजर करो मेरी ओर।।७।।
He mere gurudev karuna...
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हूं अधम आधीन अशरण, अब शरण में लीजिए।।
निर्लज्जता है एक बाक़ी औऱ बस अभिमान है।।
आसरा न और कोई दूसरा संसार में।।
नाथ दोड़ो और बचा लो अब तो डूबी जा रही।।
जन्म दुःख से नाँव कैसे पार कर पाउँगा में ।।
पार करना या न करना दोनों मर्जी आपकी।।
हे मेरे गुरुदेव करुणा सिंधू करुणा कीजिए।।
शान्ति नहीं मिल सकती है मन में।
खोज फिरा संसार सतगुरु एक तुम्हीं आधार।।
तब पावे प्रकाश की धारा।
आकर तेरे द्वार सतगुरु एक तुम्हीं आधार।।
मिले न जब तक चरण सहारा।
हो न सकें भव पार, सतगुरु एक तुम्ही आधार।।
हमें बचाते भव कूपों से।
ऐसा परम् उदार सतगुरु एक तुम्हीं आधार।।
सब दुःख दूर करो दुखहारे।
जयगुरुदेव दयाल सतगुरु एक तुम्हीं आधार।।
रहूँ जिससे निर्भय सहारे तुम्हारे ।।१।।
बताओ तुम्ही किसके जाऊँ द्वारे ।।२।।
मगर कौन बिन तेरे स्वामी उतारे ।।३।।
दया करके अब तो लगा दो किनारे ।।४।।
दयालु शरण मैं हूँ आया तुम्हारे ।।५।।
जयगुरुदेव पतवार मेरी सम्हाले ।।६।।
मन निज शोभा खोई। गुरु बिन....
कोटी जतन कोई करि करि हारे,
कागा हंस न होई। गुरु बिन.....
साई संग कैसे होई। गुरु बिन .....
यहि ते आज चलो मन मेरे,
जहां सतसंग गुरु होई । गुरु बिन....
मैं गुरु चरण समोई।। गुरु बिन....
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Jaigurudev