होली महोत्सव 2023 का सुहावना संदेश (9.)

❂ जयगुरुदेव 

परम् सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज का
नया आदेश प्रेमियों के लिए-


 अपने-अपने एरिया, जिला, प्रान्तों में गरीबों, जरुरतमंदों का पता लगा लो, वहां भोज करो, भंडारा करो, पैकेट बॉट आओ, उसका ज्यादा लाभ पुण्य मिलेगा।

 आपके दाता गुरु है। जब आप दाता बनोगे तो क्या गुरु अपना हाथ रोकेंगे? कभी नहीं रोकेंगे।

 दाता केवल सतगुरु देत न माने हार जब देने लगेंगे तो कोई कमी रखेंगे? ये कर के देखो, खिला कर देखो, अन्न-धन की कमी नहीं होने पाएगी, बल्कि और बढ़ेगी। पुरानों से पूछ लो कि पहले बाप-दादा फटा कपड़ा पहनते थे और अब बड़े आदमी कैसे बन गए, घर, धन, मोटरकार कैसे आई? बताएँगे गुरु की दया से आई, उनके संस्कार से आई, भक्ति करने यानी गुरु आदेश के पालन से आई।

 सन्तों का लक्ष्य सभी जीवों की सेवा करना, सुख-सुविधा दिलाना होता है। अकेले शरीर से नहीं कर सकते इसलिए अपने प्रेमियों से ये काम कराते हैं। जो दूसरों के लिए करते हैं उन्हीं का जीवन सफल हो जाता है।

➤ आप सब में ये भाव आ जाये कि हमको गरीबों की सेवा भी करनी है, असहायों की मदद भी करनी है, हमारे खाने-पीने, रहने में दिक्कत न आवे उस बरकत के लिए ये जनहित का काम करना है, अपनी आत्मा के लिए भक्ति करनी है, सुमिरन ध्यान भजन करना है, दूसरे को कराना है, ये सोचो। बाह्य भक्ति तन-मन-धन से सेवा है और आंतरिक भक्ति अपनी और दूसरे की आत्मा को अपने घर पहुंचाने का काम है।

➤ आप करो प्रचार-प्रसार आपको जानकार मिल जाए तो श्लोक, चौपाई आदि सुना सकते हो लेकिन आपको न पता हो तो लोगों को बताओ कि जयगुरुदेव नाम में शक्ति है, हमको इससे क्या-क्या फायदा हुआ, बीमारी ठीक हुई, संगत से जुड़ने पर हमें इस तरह का फायदा हुआ। ये सेवा तो कर सकते हो। मनुष्य ही परोपकार कर सकता है, जानवर नहीं नामदान का महत्व बता दो।

➤ व्यापारी, अधिकारी, कर्मचारी, किसान, मजदूर, विद्यार्थी अपने-अपने उम्र वालों को ही बताने लग जाओ तो जल्दी परिवर्तन हो जाए, माहौल बदल जाए, फिर सतयुग आने से पहले कचूमर नहीं निकलेगा, सतयुग की किरण बहुत से लोग इस धरती पर देख लेंगे। सतयुग का प्रकाश हो जाएगा। तो प्रेमियों इस काम में आपको लगना रहेगा।



❂  होली 2023 कार्यक्रम के वृहद आयोजन के विविध आयाम 


पूरे देश से आए विभिन्न प्रांतों के 30 भंडारों में देश विदेश से आए हुए श्रद्धालुओं के निःशुल्क अल्पाहार एवं भोजन प्रसाद की व्यवस्था के लिए सतसंगी प्रेमी तन्मयता से अपनी-अपनी सेवाओं में लगे हुए थे। सभी प्रांत अपनी-अपनी क्षेत्रीय खान पान की विशेषताओं के साथ पूरे कार्यक्रम भर प्रेमी जनों की सेवा में निःस्वार्थ भाव से लगे रहे।

चिकित्सा व्यवस्था- 
उज्जैन आश्रम पर निःशुल्क बाबा जयगुरुदेव रोगांतक संस्थान में सतसंगी प्रेमी जनों के साथ-साथ सभी धर्म-जाति के लोगों के लिए भी निरंतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध रहती है। परंतु होली सत्संग कार्यक्रम के दौरान देश देश से बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के दृष्टिगत इसका विस्तार किया गया था। 


एलोपैथिक, होम्योपथिक के साथ ही आयुर्वेदिक चिकित्सा व्यवस्था भी की गई थी। इन सभी विधाओं में चिकित्सा सेवा करने वाले चिकित्सक भी सतसंगी प्रेमी ही थे.  ओ.पी.डी. के साथ ही गंभीर रूप से बीमार प्रेमियों के भर्ती की सुविधा एवं पर्याप्त दवाओं की व्यवस्था भी थी। एक्यूप्रेशर में प्रशिक्षित प्रेमी गण भी श्रद्धालुओं की एक्यूप्रेशर के द्वारा चिकित्सा सेवा अनवरत रूप से कर रहे थे।


सफाई व्यवस्था-
सतसंगी प्रेमियों का एक दल मेले में सफाई व्यवस्था की सेवा पूरी तन्मयता से कर रहा था।

शौचालय व्यवस्था-
पूरे मेले में स्थाई शौचालयों के साथ ही साथ सैकड़ों अस्थाई शौचालयों की व्यवस्था की गई थी।

सुरक्षा व्यवस्था-
सुरक्षा व्यवस्था के लिए सतसंगी प्रेमियों की टीमें व्यवस्था को संचालित कर रही थीं। 

विध्युत व्यवस्था -
पूरे मेले में प्रांतवार लगे हुए तंबुओं और केम्पों में बिजली की व्यवस्था को सुचारु रूप से रखने के लिए एक सतसंगी प्रेमियों की टीम सेवा में लगी हुई थी।

✩ जयगुरुदेव ✩ 
साभार, (पुस्तक) होली  2023
Holi-book-2023



त्रिकालदर्शी बाबा उमाकान्त जी महाराज 

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