परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के
विश्व एवं जन कल्याणकारी वचन
✩ जातिवाद,भाई -भतीजावाद, भाषावाद, कौमवाद एरिया बाद खून बहा देता है इससे दूर रहना चाहिए। लोगों को जोड़ने का काम करो तोड़ने का नहीं। निन्दा किसी की मत करो नहीं तो उसके पाप कर्मों से दब जाओगे।
✩ विश्व के सभी राजनेता, मजहबी धार्मिक गुरु तिफर्काबाजी, आतंकवाद, संभावित विश्व युद्ध नहीं हो ऐसा कार्य करें। इससे इबादत भजन के लिए मिलने वाले शरीर की रक्षा होगी और बर्बाद होने वाला धन देश के विकास में लगेगा।
✩ दिल दुखाकर लाया हुआ, बिना मेहनत का पैसा फलता-फूलता नहीं, बल्कि तकलीफ देता है।
✩ अधिकारी, व्यापारी व राजनेता भी नियम और कानून का पालन करें।
✩ गलत पैसा कमाने की इच्छा न रखें, अच्छे काम में एक दूसरे की मदद करें। देश और देश की जनता से प्रेम करें। नशामुक्त, शाकाहारी रहें। धर्म परायण भारत देश की मर्यादा को बनाए रखने के लिए सभी नेता एकजुट होकर के मानव हत्या, गौ हत्या, पशु-पक्षी की हत्या बंद करा दें जिससे लोग कुदरती कहर से बच सकें और सतयुग का प्रादुर्भाव धरती पर हो सके।
✩ याद कर लो जब कुदरत का खेल शुरू होगा तो एक दिन लोगों को मजबूर होकर शाकाहारी, नशामुक्त बनना ही पड़ेगा।
✩ अगर मांसाहार बंद नहीं हुआ तो ऐसी-ऐसी बीमारियाँ आयेगी कि रात को बीमार हुए, सुबह खत्म हो गए, जैसे कहते हो 'चट मंगनी पट ब्याह ।
✩ इतिहास उठाकर देख लो, युग परिवर्तन के समय महापुरुषों की बात मानने पर बहुत से लोगों की जान चली गई। कलयुग में ही शतयुग आने का समय हो रहा है इसलिए लोगों को नशामुक्त, शाकाहारी, सदाचारी बनाओ जिससे खराब समय से बच जाएं और सतयुग को अपनी आँखों से देख लें।
✩ कुदरत के बनाए नियम कानून का पालन करने से सुख मिलेगा।
✩ विश्व एवं जन कल्याणकारी वचन ✩
➤ ध्यान दें! बच्चे और बच्चियों के चरित्र का गिरना भारत जैसे धार्मिक देश के लिए खतरनाक होगा।
➤ यह मनुष्य शरीर जीते जी प्रभु दर्शन के लिए मिला है। समर्थ गुरु को खोजो, नाम की कमाई करके आत्मा का कल्याण कर लो।
➤ मृतक शरीर को मुक्ति तो शमशान घाट पर हो जाती है परन्तु आत्मा की नहीं इसलिए जन्म-मरण की पीड़ा, नर्क- चौरासी के कष्ट से बचने के लिए वक्त के समर्थ सतगुरु के पास पहुंचकर आदिकाल का पांच नाम लेकर प्रार्थना, सुमिरन, ध्यान, भजन करके आत्मा की मुक्ति करानी चाहिए।
➤ गुरु के द्वारा बताये गए पांच नाम का सुमिरन, ध्यान, भजन नित्य करते रहो तथा जान-अनजान में मन, तन, वचन व धन से बन गए कर्मों को काटने के लिए मानव धर्म, सच्चा आध्यात्मिक धर्म का प्रचार करते रहो व करने में सहयोग करते रहो।
➤ याद रखो कि प्रकृति का यह नियम है- सन्त, अवतारी शक्तियां, कोई भी हो जब मनुष्य शरीर छोड़कर चले जाते है, वापस उसी शरीर में कभी नहीं आते।
➤ सन्त सतगुरु चोला छोड़ने से पहले जिसको नामदान देने का अधिकार देकर जाते हैं, उसके मुंह से सुनना जरुरी होता है।
➤ यह भी याद रखो जो गुरु व गुरु के मिशन को आगे बढ़ाने में सहयोग करते हैं, इस दुनिया में उनको मनचाहा पद प्रतिष्ठा देकर गुरु एहसान तो चुका देते हैं लेकिन जब एहसान खत्म हो जाता है तब उसको दुःख ही मिलता है। इसलिए सतगुरु से दुनिया की चीज नहीं मांगनी चाहिए।
➤ प्रारब्ध को आगे-पीछे करने की पावर वक्त के समर्थ संत सतगुरु के पास ही होती है।
➤ यह मनुष्य शरीर लाखों योनियों में भटकने के बाद मिला है। इसको पाने के लिए देवता, फरिश्ते तरसते रहते हैं। धन, बल, पद प्रतिष्ठा पाकर मौत और प्रभु को भूलना नहीं चाहिए।
✩ पचरंगी पिया की चुनरिया। ✩
पचरंगी पिया की चुनरिया . . टेक। . .
पवन आकाश अग्नि जल पृथ्वो,
निज निज रंग रंगी डोरिया,
पचरंगी पिया की चुनरिया।
तिरगुन तारचमाचम चमके,
मोतियन की गूँथी लरिया,
पचरंगी पिया की चुनरिया 112 11
यह चुनरी देवन को दुर्लभ.
पाई भाग्य से गुजरिया,
पचरंगी पिया की चुनरिया 113 11
चतुर सखि कोई जुगति से ओढ़ी,
मैली किन्हीं कुहरिया,
पचरंगी पिया की चुनरिया 114.11.
पाँच नाम कृपा साबुन ले,
हमहुँ मैल धोय डरिया,
पचरंगी पिया की चुनरिया 115 11
✩ पूरन चंद्र उगो री। ✩
पूरन चंद्र उगो री
जली तब कलिमल होरी ।
पूरन गुरु से प्रीति प्रथम मई,
सुरत नाम रंग जोरी।
हिय के नयन खुले तब सुन्दर
सतगुरु रूप लखो री ।
सब सखियाँ मिलि गावन लागी,
फाग बसंत व होरी ।
घंटा शंख मृदंग ढोल,
डफ सारंगी किनकोरी ।
दशवें द्वार मची है होरी,
हंस मलहि मुल रोरी ।
बरसत रंग चन्द्रे पूरन से,
गुरु सरवर मह बोरी ।
काल कर्म का सब भय छूटा,
ग्रंथि सभी गुरु छोरी ।
सतगुरु निज सतरूप दिखायो,
ले संग मोहि चलो री ।
✩ जयगुरुदेव ✩
देशवालों नया एक सन्देशा सुनो।
देशवालों नया एक सन्देशा सुनो,
इस धरा पर ही 'सतयुग उतर आयेगा।
है नहीं बक्त ज्यादा कुछ ही वर्षों में,
देश-दुनियाँ का नक्शा बदल जायेगा !! देशवालों...
"बाबा जी महाराज' की है ये पेशनगोई,
वक्त नाजुक बहुत सामने आ रहा.
जितने पापी कुकर्मी है दुनियाँ में
अब इनका नामो-निशा भी न रह जायेगा! देशवालों...
चेतो प्यारे सभी! सदाचारी बनो,
शाकाहारी नशामुक्त बनकर रहो.
वरना सतयुग के आने के पहले से ही,
बच्चा तेरा 'कचूमर' निकल जायेगा। देशवालों...
सतयुग आने पर बीघे में सौ मन मिले,
और कोई दुखी भी न रह जायेगा,
सब में मानव सदाचार आ जायेगा.
धर्म का राज्य भारत में छा जायेगा। देशवालों...
जो भी पैगाम अब तक सुना आपने,
वो सभी सामने आपके आयेगा,
थोड़ा धीरज धरो, नेक करनी करो,
वरना 'कुदरत का थप्पड़ भी लग जायेगा! देशवालों..
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