Jaigurudev Chetavni Sangrah 17.

जयगुरूदेव नाम प्रभु का
चेतावनी 91.
Saadho jag darshan ka mela
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साधो जग दर्शन का मेला ।।
ब्याज के कारण मूल गंवाया काम न आया धेला ।।

मेले में तो खूब है रोनक घर से चला अकेला।
जब मेला यह बिनस जायेगा जावे फिर तू अकेला ।।

कर ले सौदा जो करना है खर्च के पैसा धेला।
मेले में कर ले मेल तू सबसे नातर देख न मेला।।

चौसर बाजी बिछी हुई है सोच समझ जो खेला।
वह तो बाजी जीत के जावे नहीं तो पड़ा झमेला।।

मेले में तो मेली बहुत है कोई गुरू कोई चेला ।
शाहन्शाह है सबसे न्यारा ना वो गुरू ना चेला ।।
साधो जग दर्शन का मेला ।।



चेतावनी 92.
Sadho man ka man tyago
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साधू मन का मान त्यागो।
काम क्रोध संगत दुर्जन की, 
ताते अटक से भागो। 
साधू मन का मान त्यागो।।

सुख दुःख दोनों समकर जाने, और मान अपमाना।
हरख शौक ते रहे अतीता, तिन जग तत्व पसाना। 
साधू मन का मान त्यागो।।

अस्तुति निन्दा दोऊ त्यागे, खोजे पद निर्वाना।
जन नानक ये खेल कठिन है, कोई गुरुमुख जाना। 
साधू मन का मान त्यागो।।



जयगुरुदेव चेतावनी 93. 
Satguru par vishwas karo
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सतगुरु पर विश्वास करो, कोई बात नहीं घबराने की।
थोड़े दिन के बाद देखना बदले हवा जमाने की।।१

परिवर्तन होगा दुनिया में, सारे रंग बदल जाएंगे।
अगन, पवन, जल, धरन, गगन, पशु- पक्षी सभी बदल जाएंगे।।

सज्जन, दुर्जन मनुष एक दिन सारे ढंग बदल जाएंगे।
कुछ तो बदलें खुशी- खुशी कुछ होकर तंग बदल जाएंगे।।

करलो प्रयत्न बनाने का चाहे कोशिश करो मिटाने की।
थोड़े दिन के बाद देखना बदले हवा जमाने की।।२

वकील, क्लर्क, जज, मजिस्ट्रेट और सब कानून बदल जाएंगे।
स्कूलों में छात्र- मास्टर सब मजमून बदल जाएंगे।।

टोप, टाई, कालर, नैकर, सुतने, पतलून बदल जाएंगे।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, भील व हूड बदल जाएंगे।।

मेरी यह आवाज नही जग के इतिहास पुराने की।
थोड़े दिन के बाद देखना बदले हवा जमाने की।।३

अंधकार के बाद उजाला प्रकाश के बाद अंधियारी हो।
दिन के बाद में रात आये फिर बाद में दिन की बारी हो।।

छः ऋतुओं और तीन गुणों की चाल हमेशा न्यारी हो।
उधर तराजू झुक जाती है जिधर का पलड़ा भारी हो।।

सारे जग में धूम मचेगी अब जय गुरु देव  को पाने की।
थोड़े दिन के बाद देखना बदले हवा जमाने की।।४


आज विश्व का ध्यान लगा हुआ ऊँची लम्बी दौड़ पे है।
घटने- बढ़ने का निर्णय उत्थान पतन के मोड़ पे है।।

ज्यादा दिन की बात रही न सारा तंत्र निचोड़ पे है।
सारी मन्जिल तय कर ली जग आज पतन के छोर पे है।।

बिन सतगुरु अब कोई शक्ति जग में नही बचाने की-
थोड़े दिन के बाद देखना बदले हवा जमाने की।।५

कलयुग में ही सतयुग आये दुष्ट न रहने पाएंगे।
दया धर्म और प्रेम बड़े सब शाकाहारी बन जायेंगे।।

प्रकृति इतना देगी सब ही आनन्द मनाएंगे।
धन धान्य और हीरे जवाहरात घर में नही समायेंगे।।

सबको लगन लगेगी जयगुरुदेव नाम को पाने की-
थोड़े दिन के बाद देखना बदले हवा जमाने की।।


जयगुरुदेव....



जयगुरुदेव चेतावनी 94. 
Sukhad thande path se
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सुखद ठण्डे पथ से गुरू चल रहे हैं।
मगर दुनिंया वाले ये क्यों जल रहे हैं।।

गुरू इनसे चलने को भी कह रहे हैं।
मचल कर ये कांटो के पथ धर रहें हैं।।

वे वर्षा दया प्रेम का कर रहे हैं।
ये तपती गुफाओं में जल मर रहे हैं।।

गुरू आत्म बल प्रेम से भर रहे हैं।
ये निन्दा व भव रोग में गल रहे हैं।।

मनुज को गुरू देवता कर रहे हैं।
अभागे निशाचर बने चर रहे हैं।।

गुरू पाप पापी के धो रहे है।
ये ले पाप गठरी का सिर ढो रहे हैं।।



जयगुरुदेव चेतावनी 95. 
Suno re bhai sathi
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सुनो रे भाई साथी,  गुरु के भरोसे हाँको गाड़ी।
मालिक के भरोसे हाँको गाड़ी।।

जीवन के पथ में बहु तेरे, कांटे झंकड झाड़ी-
गुरु के भरोसे हाँको गाड़ी।।१


जिसका न कोई संगी साथी, उसके गुरु है सहाई।
हर विपदा से सबको बचाएं, प्रीतम सतगुरु साईं।।
नाम की ज्योति जगा अंतर में, परम् दया से अनाड़ी-
गुरु के भरोसे हाँको गाड़ी।।२


सुख के फूल हैं दुःख के कांटे, इनमें तू फस जाये।
मोह निशा की रैन अंधेरी, में कैसे हँस पाये।।
इसी अंधेरे में प्रकाश ले, मालिक खड़े अगाड़ी-
गुरु के भरोसे हाँको गाड़ी।।३


ईर्ष्या, मान, सताये तुझको, बन आंधी के झोंके।
उलट जाएगी तेरी गाड़ी, जो न जतन से रोके।।
अगर नियंत्रण करना चाहो याद करो गुरु वाणी-
गुरु के भरोसे हाँको गाड़ी।।४


नाम दान लेकर के तुमको याद रहे गति सीमा।
साधना करके मुफ्त में करलो इस जीवन का बीमा।।
अंत में तेरे काम आयेगी दौलत यही खिलाड़ी-
गुरु के भरोसे हाँको गाड़ी।।५


परिवर्तन ऐसा है आगे तुमको नजर न आये।
तीव्र मोड़ आगे है देखो दुखड़ा उभर न आये।।
सन्त चाहते सुख बेला की फूले फले फुलवाड़ी-
गुरु के भरोसे हाँको गाड़ी।।६


टाट पहन भक्तों तुम अपनी शक्ति भुला मत देना।
राह अकण्टक देख के बन्दों, भक्ति भुला मत देना।।
गुरु भक्ति सीधा कर देगी तेरी किस्मत आड़ी-
गुरु के भरोसे हाँको गाड़ी।।७


बाबा जयगुरुदेव की सेना रंग नया लाएगी।
इसके आते ही सब जनता खुशहाली पायेगी।।
धर्म धरा पर ऐसे बड़े जैसे द्रोपदी की साड़ी-
गुरु के भरोसे हाँको गाड़ी।।८


जयगुरुदेव....
शेष क्रमशः पोस्ट 18. में पढ़ें 🙏🏻👇🏼

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