जयगुरुदेव प्रार्थना... (post no.17)

परम् पूज्य स्वामी जी महाराज व महाराज जी का आदेश...
प्रार्थना रोज होनी चाहिए एवं २-३ प्रार्थना -
सभी प्रेमियो को याद होनी चाहिए। 


 101. Bahut din ho gaye darshan 
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बहुत दिन हो गए दर्शन मिले स्वामी चले आओ |
ध्यान में अब मेरे आकर दरश अपना दिखा जाओ ||

दयालु हमको रह रहकर तुम्हारी याद आती है |
मगर नयनों से क्यो हो दूर स्वामी पास आ जाओ ||

तुम्हारे नाम की माला मेरा मन रोज जपता है |
ना तड़पाओ मेरे प्यारे गुनाहे माफ़ फ़रमाओ ||

तुम्हें कैसे रिझाऊँ मैं करम का बोझ लादे हूँ |
विरह की आग जलती है इसे आकर बुझा जाओ ||

महा आनन्द सागर से भरी वो आपकी आंखें |
किधर बरसा वो करती हैं इधर बरसात कर जाओ ||

बहुत दिन हो गए दर्शन मिले स्वामी चले आओ |
ध्यान में अब मेरे आकर दरश अपना दिखा जाओ ||



102. Fariyad meri sunte hi
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फरियाद मेरी सुनते ही गुरुदेव चले आना। 
देरी से आने का मत ढूंढो बहाना।।

यह मेरी गलती है तुझको न याद किया। 
इस पावन जीवन को यूँ  ही बर्बाद किया।।
अब आगे क्या करना है गुरु आकर बता देना।  

कईयों की परीक्षा ली है गुरु मेरी मत लेना।।
मैं सबसे पापी हूं सारे जग को बता देना।।
तूं लख दातारी है यह मैेंने भी सुना है। 
तेरे नाम अनेकों हैं ना उनकी गणना है।।
चाहूं जब दर्शन देना, चाहे जिस रूप में मिल जाना।।

गिरते को उठाना गुरु तेरा पेशा है। 
इस दुनियां में ना कोई तेरे जैसा हैै।
गुरु भक्तों का संकट आकर के छुटा देना।।
फरियाद मेरी सुनते ही गुरुदेव चले आना।
देरी से आने का मत ढूढ़ों बहाना।।



103. He satguru swami darash 
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हे सतगुरु स्वामी दरश दीजियेगा,
हे सतगुरु स्वामी दया कीजिएगा,
मुझे अपने चरणों की रज दीजियेगा।।

रहूं आपके प्रेम में मगन शहनशाह,
मुझे अपनी भक्ति का वर दीजियेगा।।

मैं बहते अलम में बहा जा रहा हूं,
मुझे डूबने से बचा लीजिएगा।

मै निर्धन हूं, निर्बल हूं, कामी हूं क्रोधी।
बने जैसे मुझको निभा लीजिएगा।।

हे स्वामी हो जिस काम से आप राजी।
वही काम मुझसे करा लीजिएगा।।



104. Jab jab bhi baba tumse naina milaye
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जब जब भी बाबा तुमसे नैनो से नैन मिलाये,
नैना मेरे भर आये।।

याद करुं मैं मेरा बीता ज़माना,
कोई नहीं था बाबा मेरा ठिकाना।
दर दर की लाखो मैंने ठोकर थी खाई,
किस्मत मेरी तेरे दर पे ले आयी।
बाहे फैला के मुझको अपने गले लगाये,
नैना मेरे भर आये..........

जिस दिन से थामा बाबा हाथ ये मेरा,
दूर हुआ जीवन का अँधेरा।
खुशियां ही खुशियां मेरे जीवन में आई,
संग संग में रहता मेरे जो परछाई।
जान गयी कैसे तू हारे को जीत दिलाये,
नैना मेरे भर आये.........

रिश्ता बनाया है तो साथ निभाना,
अपने बेटे को दिल से न भुलाना।
दासी की बाबा बस यही तमन्ना,
किरपा तुम्हारी कभी मुझपे हो कम न।
दिल की ये बाते अपने दिलबर को जब बतलाये,
नैना मेरे भर आये।।




105. Satguru bahiya pakdo mori
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सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी...२

डूबत हूं मै भव धारा मे,
फेंको भक्ति की डोरी। सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी।।

मैं दुर्बल अति हार गया हूँ, 
जग से नाता तोड़ी। सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी।।

भक्ति भाव प्रार्थना भूला सब, 
पूजा न जानूँ तोरी। सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी।।

अति अभिमानी अधम आधीन हूं,
करत रहत नित चोरी। सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी।।

काम क्रोध मद लोभ सभी हैं, 
खींचत अपनी ओरी। सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी।।


भव मे नही है साथी मेरा, 
दूजा तुमको छोड़ी।
सतगुरु बहियां पकड़ो मोरी।।

जय गुरु देव...
शेष क्रमशः पोस्ट न. 18 में पढ़ें  👇🏽 

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jaigurudev naam prabhu ka


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