जयगुरुदेव
दहशत सारी दुनिया भर में, कोरोना है पसर गया।
महामारी तब आयी है, जब पशू ख़ून का असर भया।।
शाकाहारी नशामुक्ति का, डंका पीटा दुनिया में,
बाबा जी का सारा जीवन, यही सुनाते गुज़र गया।।
मानव-तन भगवान-भजन हित, पाया भारी क़िस्मत से,
श्वासें व्यर्थ बिता डालीं, कोई इधर गया कोई उधर गया।।
कठिन परिश्रम कर स्वामी ने, कई करोड़ों को बदला,
जिसने मान लिया वचनों को, उसका जीवन सुधर गया।।
मचा तहलका दुनिया भर में, कोई राह न दिखती है,
लाशों पर लाशें सड़ती हैं, सारा विश्व देखिए उजड़ गया।।
अभी बहुत संक्रामक रोगों, के है आने का अंदेशा,
पेट बनाओगे मुर्दा घर, दुर्दिन मानो ठहर गया।।
तीन मिनट में याद आएगा मालिक पूरा यक़ीं करो,
शाकाहारी नशामुक्त बन जाओ, तो फिर सारा कहर गया।।
चारों तरफ़ निराशा छाई, हर तबका है सदमें में,
"जयगुरुदेव" नामध्वनि बोलो, नहीं शहर का शहर गया।।
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1 टिप्पणियाँ
Jai guru Dev
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