★ संगत की प्रार्थना ★ (post no.18)

प्रार्थना 106. 
★ Dasha mujh din ki 

दशा मुझ दीन की भगवन,
सम्हालोगे तो क्या होगा।।
अगर चरणों की सेवा में,
लगा लोगे तो क्या होगा।।

मैं नामी पातकी हूं और ,
नामी पाप हर तुम हो।
हां स्वामी पाप हर तुम हो।।
जो लज्जा दोनों नामों की बचा लोगे तो क्या होगा।
दशा मुझ दीन की गुरुवर सम्हालोगे तो क्या होगा।।

जिन्होंने तुमको करुणा कर,
पतित पावन बनाया है।
उन्हीं पतितों को तुम पावन, 
बना लोगे तो क्या होगा।।
दशा मुझ दीन की भगवन सम्हालोगे तो क्या होगा।।

यहां सब मुझको कहते हैं,
तू मेरा है तू मेरा है।
यहां सब मुझको कहते हैं,
तू मेरा है तू मेरा है।
मैं किसका हूं यह झगड़ा तुम मिटा दोगे तो क्या होगा।।
दशा मुझ दीन की भगवन सम्हालोगे तो क्या होगा।।

अजामिल गिद्ध गणिका जिस दया सागर में तरते हैं।
अजामिल गिद्ध गणिका जिस दया सागर में तरते हैं।
उसी में मुझसे पापी को मिला लोगे तो क्या होगा।
दशा मुझ दीन की गुरुवर सम्हालोगे तो क्या होगा।।
दशा मुझ दीन की भगवन सम्हालोगे तो क्या होगा।।
अगर चरणों की सेवा में 
लगा लोगे तो क्या होगा।।


प्रार्थना 107. 
★ Darash bin dukhan lage nen 

दरस बिन दूखन लागे नैन।
जब से तुम बिछुड़े  मेरे प्रभु जी, कबहूँ न पायों चैन।
शब्द सुनत मेरी छतियाँ काँपै, मीठे लागे तुम बैन।
एक टकटकी पंथ निहारूँ, भई छमासी रैन।
विरह विथा कासे कहूँ सजनी, बह गई करवत ऐन।
"मीरा" के प्रभु कब रे मिलोगे, दुख मेटत सुख देन।,,


जयगुरुदेव प्रार्थना प्रार्थना 108. 
★ Guruji meri kyo nahi sunat 

गुरुजी मेरी क्यों नही सुनत पुकार।
दयालु मेरी क्यों नहीं सुनत पुकार।।

निस दिन अरज करूँ मैं तुम से,
विनती बारम्बार । गुरुजी मेरी क्यों नही सुनत पुकार।।

माँगत माँगत भीख दया की,
बहुत हुआ लाचार। गुरुजी मेरी क्यों नही सुनत पुकार।।

तुम तो परम दयालु दाता, 
मैं भिक्षुक तेरे द्वार। गुरुजी मेरी क्यों नही सुनत पुकार।।

मनुवा पाजी मोय सतावै, 
करै बहुत ही ख्यार। गुरुजी मेरी क्यों नही सुनत पुकार।।

मन उत्पाती मैंने तुमकों, 
सौंप दियो कई बार। गुरुजी मेरी क्यों नही सुनत पुकार।।

मन मेरे को तुम्ही सुधारौ, 
हे मेरे सरकार। गुरुजी मेरी क्यों नही सुनत पुकार।।

यही भीख मुझ दीन को दीजै,
हे मेरे दातार। गुरुजी मेरी क्यों नही सुनत पुकार।।

गुरुजी मेरी क्यो नहीं सुनत पुकार.......
दयालु मेरी क्यो नहीं सुनत पुकार.......

जयगुरुदेव.....


प्रार्थना 109. 
★ Bharoso charan kamal ka tere 

भरोसो चरन कमल का तेरे...२
श्वास श्वास पर आस तुम्हारी और न काहू केरे ।
भरोसो चरण कमल का तेरे...।।१।।

जब से जीव भया संसारी फिरे काल के फेरे ।
भरोसो चरण कमल का तेरे ...।।२।।

सुधि बुधि भूल रहा निज घर की सपनेहूँ हरि नहि हेरे।
भरोसो चरण कमल का तेरे ... ।।३।।

परम दयाल हरि निज जनहित रूप धरा नर केरे ।
भरोसो चरण कमल का तेरे ...।।४।।

जयगुरूदेव बतायो नाम निज भेद दियो घर पूरे ।
भरोसो चरण कमल का तेरे...।।५।।

जाग जाग अब क्यों नहीं जागे हरि आये बिन हेरे ।
भरोसो चरण कमल का तेरे... ।।६।।

चरण कमल पर शीश चढ़ार भाग जगा निज लेरे ।
भरोसो चरण कमल का तेरे...।।७।।
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*जयगुरुदेव प्रार्थना 110.*
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★ Kab aan Milo gurudev bahut din beet gaye 

कब आन मिलो गुरुदेव, बहुत दिन बीत गए...।।
बीत गए स्वामी बीत गए रे,
मेरे प्यारे, मेरे प्यारे।
मेरे प्यारे संगत के दुलारे।
कब आन मिलो गुरुदेव बहुत दिन बीत गए।।

तुम दाता हम तेरे भिखारी,
तुम दाता हम सब हैं तेरे भिखारी।
इष्ट देव तुम हम सब तेरे पुजारी।
अब आ जाओ दीनानाथ, बहुत दिन बीत गए।
अब आन मिलो दीनानाथ, बहुत दिन बीत गए।।

अब तो हमरी ओर निहारो, 
जल्दी सतगुरु आन पधारो।
तेरे बिन हम सब हैं अनाथ, बहुत दिन बीत गए।
कब आन मिलो गुरुदेव बहुत दिन बीत गए।
बीत गए रे, बीत गए रे।
अब आ जाओ गुरुदेव बहुत दिन बीत गए।।

बाट तुम्हारी देखें सारे,
स्वामी जी के लाल दुलारे।
अब ओर न तरसाओ, बहुत दिन बीत गए।।
कब आन मिलो गुरुदेव बहुत दिन बीत गए।।

विनती हमारी स्वीकार करलो,
बाहों में हम सब को भर लो।
हम पड़ें हुए तेरे द्वार, बहुत दिन बीत गए।।
अब आन मिलो गुरुदेव बहुत दिन बीत गए।।

दीन दयाल सतगुरु मेरे स्वामी,
दे दो दर्शन अन्तर्यामी।
तेरी संगत रही है पुकार, बहुत दिन बीत गए।
कब आन मिलो गुरुदेव बहुत दिन बीत गए।।

बीत गए रे, बीत गए रे।
मेरे प्यारे मेरे प्यारे।
मेरे प्यारे संगत के दुलारे।
अब मान भी जाओ महाराज बहुत दिन बीत गए।
अब ओर न तरसाओ, बहुत दिन बीत गए।।
अब आ जाओ प्राणानाथ बहुत दिन बीत गए।
हम पड़ें हुए तेरे द्वार बहुत दिन बीत गए।।
तेरी संगत रही है पुकार बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए,
बहुत दिन बीत गए....

जयगुरुदेव 
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Baba jaigurudev

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