जयगुरुदेव अमृतवाणी
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
प्रार्थना 89.
*Gurudev teri charcha...*
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
गुरुदेव तेरी चर्चा जब मुख खुले तो निकले,
तन धन जगत की चर्चा, सब चित्त मन से भूले।।
व्यवहार के लिए यदि बोलूं अगर कहीं कुछ,
तो सत्य न्याय संगति के, शब्द मुख से निकले।।
ये कान भी हमारे, गुणगान तेरे सुनते,
सुनकर उसी को भर लें, फिर कान बंद कर लें।।
आंखें न अब जगत का, व्यापार दृश्य देखें,
बाहर तुम्हीं को देखें, भीतर तुम्हें परख लें।।
मन का तुरंग थककर, जब गिर पड़ें चरण में,
सुरत डोर में बंधा कर, गुरु शब्द को पकड़ लें।।
ये पांव यदि चलें तो, तेरे ही पास पहुंचे,
उपकार दान सेवा का, हाथ धर्म धर लें।।
सत्संग नित्य करते, यह प्राण मन से निकलें।।
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
प्रार्थना 90.
*Naina tarse darash ab dikhaja...*
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
नैना तरसे दरश अब दिखा जा,
मेरे स्वामी कहां हो तू आ जा ।।
तेरे दर्शन को नैना हैं प्यासी,
तेरे मूरत को हरदम तलाशी।
आके नैनों की प्यास बुझा जा,
मेरे स्वामी कहां हो तू आ जा ।।
आज दर्शन हुआ तेरा सपना,
ध्यान में स्वामी देते दरश ना।
इस अभागे को दर्शन दिखा जा,
मेरे स्वामी कहां हो तू आ जा।।
तुम जगाते हो पर मैं हूं सोता,
तेरी आज्ञा का पालन न होता।
घट के अन्तर में शब्द सुना जा,
मेरे स्वामी कहां हो तू आ जा।।
स्वामी जयगुरुदेव कृपा कर,
मुझे दर्शन दीजे अपना आ कर।
मुझ पापी को सत जल पिला जा,
मेरे स्वामी कहां हो तू आ जा।।
नैना तरसे दरश अब दिखा जा,
मेरे स्वामी कहां हो तू आ जा ।।
जयगुरुदेव ।
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
प्रार्थना 91.
*O Palanhare Nirgun or...*
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
ओ पालनहारे
निर्गुण और न्यारे
तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं
हमरी उलझन, सुलझाओ भगवन
तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं
तुम्हीं हमका हो संभाले,
तुम्हीं हमरे रखवाले।
तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं।
तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं।।
चन्दा में तुम्हीं तो भरे हो चांदनी,
सूरज में उजाला तुम्हीं से।
ये गगन है मगन,
तुम्हीं तो दिए हो इसे तारे।
भगवन ये जीवन,
तुम्हीं ना संवारोगे तो क्या कोई सँवारे।
ओ पालनहारे,
निर्गुण और न्यारे।
तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं।
तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं।।
जो सुनो तो कहे,
प्रभुजी हमरी है बिनती।
दुखी जन को, धीरज दो,
हारे नहीं वो कभी दुख से।
तुम निर्बल को रक्षा दो,
रह पाएं निर्बल सुख से।
भक्ति को, शक्ति दो,
भक्ति को, शक्ति दो।
जग के जो स्वामी हो,
इतनी तो अरज सुनो।।
हैं पथ में अंधियारे,
दे दो वरदान में उजियारे।
ओ पालनहारे,
निर्गुण और न्यारे।।
तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं।
हमरी उलझन, सुलझाओ भगवन,
तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं।
तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं।।
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
प्रार्थना 92.
*Prarthna kar jodke...*
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
प्रार्थना कर जोड़ के, लीला अपनी छोड़ के;
आओ अब गुरुदेव- आओ अब गुरुदेव ।।१।।
सब अधीर अब हो रहे, सारे साधक रो रहे;
आओ अब गुरुदेव- आओ अब गुरुदेव ।।२।।
आप के दर्शन बिना, कुछ भी न भाता हमें;
याद करके आपकी, मन बहुत तड़पाता हमें ।
कष्ट इतना न सहो - दूर हमसे न रहो,
आओ अब गुरुदेव- आओ अब गुरुदेव ।।३।।
हे प्रभु ! जो बन पड़ा, वह सभी तो हमने किया;
पर सफलता न मिली, जल रहा सबका जिया ।
आप ही कुछ कीजिए, शीघ्र दर्शन दीजिये;
आओ अब गुरुदेव- आओ अब गुरुदेव ।।४।।
क्या करें अब हम सभी, कुछ भी समझ न आ रहा;
अभी तक का हर प्रयास - विफल ही होता जा रहा ।
संकट ये भारी हरो, प्रेरणा कुछ तो करो ;
आओ अब गुरुदेव- आओ अब गुरुदेव ।।५।।
है सहारा हम सभी को, आप तारण हार हैं;
पाके सबल आपका हम हो रहे भव पार हैं ।
गुरु रूप निहारते, आपको ही पुकारते;
आओ अब गुरुदेव- आओ अब गुरुदेव ।।६।।
सूना है जग आप बिन सभी व्याकुल हो रहे,
आपके दर्शन बिना सब धैर्य अपना खो रहे ।
कर कृपा अब आओ ना ! संकट दूर भगाओ ना !!
आओ अब गुरुदेव- आओ अब गुरुदेव ।।७।।
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
प्रार्थना 93.
*Prabhuji tum chandan hum pani...*
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
प्रभु जी तुम चंदन हम पानी।
जाकी अंग-अंग बास समानी॥
प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा।
जैसे चितवत चंद चकोरा॥
प्रभु जी तुम दीपक हम बाती।
जाकी जोति बरै दिन राती॥
प्रभु जी तुम मोती हम धागा।
जैसे सोनहिं मिलत सोहागा।।
प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा।
ऐसी भक्ति करै 'रैदासा'॥
प्रभु जी तुम चंदन हम पानी।
जाकी अंग-अंग बास समानी॥
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
प्रार्थना 94.
*Prabhuji mere avgun chatt...*
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
प्रभु जी मेरे अवगुण चित्त न धरो।।
समदर्शी है नाम तिहारो चाहो तो पार करो।
स्वामी जी मेरे अवगुण चित्त न धरो....।।
इक लोहा पूजा मे राखत एक घर बधिक परो,
ऊँच नीच पारस नही जानत कंचन करत खरो।
स्वामी जी मेरे अवगुण चित्त न धरो....।।
एक नदिया एक नार कहावत मेलो नीर भरो,
जब मिल दोनों एक बरन भये सुरसरी नाम परो।
स्वामी जी मेरे अवगुण चित्त न धरो....।।
एक जीव एक ब्रह्म कहावत सूर श्याम झागरो,
अबकी बैर मोहे पार उतारो नही प्रण जात टरौ।
स्वामी जी मेरे अवगुण चित्त न धरो....।।
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
Jai Guru Dev Naam Prabhu Ka
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
शेष क्रमशः पोस्ट न. 16 में पढ़ें 👇🏽
पिछली पोस्ट न. 14 की लिंक...
 |
Baba Jaigurudev Ji Maharaj |
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ
Jaigurudev