युग महापुरुष बाबा जयगुरुदेव जी महाराज (18.)

✧ सतयुग आगमन साकेत महायज्ञ

भारत में इमरजेंसी की काली रात जब वर्ष 1977 में समाप्त हुई पार्टी शासन में आई। फिर बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने कलयुग में कलयुग के जाने की और सतयुग के आने की घोषणा सत्संग में की। संत सूरदास जी ने भी कई सौ वर्ष पूर्व अपनी रचनाओं में सतयुग आने की बात कही है-

सहस वर्ष लगि सतयुग व्यापे, सुख की दशा फिरे। 
स्वर्ण फूल बन पृथ्वी फूले, धर्म की बेल बढ़े।
अकाल मृत्यु जग माहि व्यापे, प्रजा बहुत मरे। 
काल व्याल से वही बचेगा, जो गुरु का ध्यान धरे।
सूरदास हरि की यह लीला टारे नहीं टरे।
रे मन धीरज क्यों न धरे।

बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने तीन सतयुग आगमन साकेत महायज्ञ का आयोजन उत्तरप्रदेश तथा गुजरात प्रान्त में किया जो इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा।
काशी में यज्ञ के दौरान विशाल बाबा जी के हथकड़ी बेड़ी के चित्र को देखकर जनता आंसू गिराती थी। एक दिन बाबा जी ने गंगा के किनारे रखे गये अपने हथकड़ी बेड़ी पहने चित्र को जब देखा तो कुछ देर तक देखते रहे फिर धीरे से कहा कि ‘ यह हमारा क्रास है’।


✧ स्वामी जी ने कहा 

 शिवनेत्र प्राप्त करने के लिये गुरु के पास जाना ही होगा। बिना दया के यह महान कार्य असंभव होगा। मरने के पूर्व आंख का खुलना अनिवार्य है।

 बहुत से सत्संगी सत्संगियों की बुराइयां खोजते हैं। अपनी बुराइयों को देखो। जब तुममें कोई बुराई न होगी तब दूसरों की दूर करना। जो अपनी बुराई दूर करता है वह अच्छा आदमी है।

 सन 1973 में भर्ती शुरु होगी। पहला भजन करने वालों की, दूसरा रक्षा करने, तीसरा वितरण करने वालों की और चौथा शासन करने वालों की।

 जिस तरह विज्ञान ने सिद्ध किया है कि पेड़ पौधे बोलते हैं उसी तरह आने वाले वैज्ञानिक इस बात को सिद्ध कर देंगे कि दीवारों से भी जयगुरुदेव की आवाज आ रही है।

 मैंने जितनी भी अर्जियां भगवान के दरबार में दी हैं वे सब स्वीकार होने वाली हैं। यद्यपि भगवान ने अभी कुछ कहा नहीं मगर उनके हाव भाव से लगता है कि वे शीघ्र ही मंजूर करेंगे।

 शराबी कबाबी गरीबी लाकर दिखा देंगे और महंगाई असीमित हो जायेगी। नशे में किसानों एवं मजदूरों पर टैक्स लगा देेंगे।

 रेडियो व अखबारों में खबरें झूठ लिखी जायेंगी।

 गऊ काटना बन्द कर दिया जायेगा। राष्ट्रभाषा हिन्दी संस्कृत हो जायेगी। परिवार नियोजन गर्भपात बन्द कर दिया जायेगा।

 सिनेमा बन्द कर दिये जायेंगे।
 मांस मदिरा की दुकानें बन्द कर दी जायेंगी।

 किसानों का सरकारी गैर सरकारी कर्ज माफ कर दिया जायेगा।
 टैक्स बहुत से खत्म कर दिये जायेंगे।

 साहूकारों का ब्लैक धन 40 प्रतिशत लेकर सफेद कर दिया जायेगा।
 आमदनी पर केवल 40 प्रतिशत इनकम टैक्स लगेगा।

 चीजें सस्ती कर दी जायेंगी। 
 छात्रों को काॅलेज से निकलते ही नौकरी या काम दे दिया जायेगा।

 गांव के प्रत्येक घर में रोज पूछा जायेगा कि कोई घर ऐसा तो नहीं है जिसके घर में बच्चे का खाने का राशन नही तो तुरन्त उसी समय दिया जायेगा गांव में प्रधान का काम यह रोज का होगा।

 सन् 70 से 80 तक भारत व अन्य मुल्कों में भारी परिवर्तन होगा।
 राजनीतिक संस्थायें आपस में लड़ जायेंगी।

 नर नारियों को शराब नहीं पीनी चाहिए। जो नारी शराब मांस मछली अण्डे खाती हैं उसका चरित्र रह ही नहीं सकेगा।
घास पात खात है उन्हें सताये काम, मांस मछली अण्डे शराब ताड़ी खात हैं उनकी जाने राम।

 महात्मा झूठ नहीं बोलते हैं। उन्हें मोड़ने की कोशिश मत करो। अगर वे मुड़ जायेंगे और अपनी निगाहें फेर लेंगे तो तुम दशरथ की तरह घुट कर मर जाओगे और वे परवाह नहीं करेंगे।
 65 करोड़ की आबादी में 6 करोड़ का शासन हो यह प्रजातंत्र नहीं गड़बड़ तंत्र है।

 मेरे बीस करोड़ आदमी करीब करीब तैयार हो चुके हैें और दिसम्बर 72 तक पूरे तैयार हो जायेंगे। फिर देखना कि जमाना कैसे बदलता है।
 मैं सन् 1973 से भभूत बाटूंगा। इसको लेने के लिये शमशान घाट से भूत-प्रेत भी भागकर चले आयेंगे और कहेंगे कि महाराज जी मेरा भी कल्याण कर दीजिये।

 जो प्यार अपना पिता दे देता है उसे कोई पिता बनकर नहीं दे सकता।
 जयगुरुदेव के सन्देश अब जगह जगह पर भले लगेंगे। गांवों गांवों में इसका दृश्यअब देखने को मिल रहा है।

 सन् 72 में अभी दो महीने कुछ दिन बांकि हैं। इसे पूरा हो जाने दो फिर तुम्हें समझ आ जायेगी।
 शराबी कबाबी किसी का भला नहीं कर सकते हैं। किसान मजदूर आशा छोड़ दें कि हमारी गरीबी दूर होगी। 

 दिल्ली की गद्दी में सड़न्त पैदा हो गई। जो उसमें बैठैगा उसमें भी सड़न्त पैदा हो जायेगी।
 एक समय ऐसा आयेगा जबकि तुम्हारे रुपया पैसे गहने को छोड़कर गल्ला लेने के लिये तुम्हारी जान ले लेंगे।

 तुम तकलीफों को, भूख को बर्दाश्त कर लेना लेकिन मालिक से रोटी मत मांगना। उससे दया मैहर यानि कि तकलीफों को बर्दाश्त करने की शक्ति मांगना। यह ठीक है कि वो तुम्हें भूखा नहीं रखेगा। जब लोग भुखमरी की ज्वाला में मरेंगे उस समय अगर तुम्हें एक रोटी भी मिलेगी तो उसकी बहुत बड़ी दया है।

 सुनो सत्संगियों! दुनिया के लोग तो लड़ाई झगड़े के कलह द्वेष के, तोड़ फोड़, आन्दोलन हड़ताल के, और विनाश के कारण बना रहे हैं। तुम इन बातों को कारण मत बनने देना। तुम दया, प्यार, सेवा,ईश्वर, भक्ति, उदारता आदि के कारण बना लो क्योंकि आने वाले समय में व्यक्तिगत बनाये गये कारणों से ही कार्य होगा।

 अबदेश  का सुधार बच्चों द्वारा ही होगा। मेरी बातों को सुनकर बच्चों में एक तरह की फुरफुरी पैदा होती है कुछ कर देने की। इस बात को महात्मा समझ रहे हैं। समय आने पर इन बच्चों को खड़ा कर दिया जायेगा। फिर ये क्या काम करेंगे ये तो समय बतायेगा। आप लोग अपने बच्चों से होशियार हो जायें। ये कृष्ण की तरह अपने मामा को माफ नहीं करेंगे, राम की तरह अपने माता पिता का मोह छोड़ देंगे, बुद्ध की तरह वैभव पर लात मार देंगे और दुनिया को न्याय, नीति और धर्म का आदर्श दिखा देंगे।

 अब जनता झूठे वादे करने वालों को सबक सिखा देगी। शराब ताड़ी पीने वालों को अब जनता का वोट नहीं मिलेगा।
 पहली जनवरी 73 को जयगुरुदेव का झण्डा सभी अपने अपने मकानों पर लगायेंगे। इस संदर्भ में विस्तृत आदेश भण्डारे पर दिया जायेगा।

 काल भगवान ने मुझसे कहा है कि आप धर्म का प्रचार करिये। कुदरत हर प्रकार से इस काम में मदद करेगी।
 विदेशी पैसों से अगर भारत में प्रचार होता तो सभी लोग ईसाई बन गये होते। खून पसीने की कमाई से धर्म का प्रचार होता है।
 लोगों के पास से धर्म गया, कर्म गया, सेवा गई, सदाचार गया और पास में कुछ भी नहीं रहा।

 महात्माओं के दरबार में खाक छाननी होगी तब तुम्हे कुछ मिलेगा। तुम पैसे वाले हो, ओहदे वाले हो तो यहां क्यों प्रार्थना करते हो ?

 यह समुदाय जो समुद्र की भांति हर जगह उमड़ता हुआ इस सन्देश को सुनने के लिये चला आ रहा है तुम्हें चैन से बैठने नहीं देगा। जनता अब समझ चुकी है कि उसके दर्द को कौन सुन सकता है।तुम एक बीघे जमीन में खाद डालकर बोवाई करो और दूसरे बीघे में बीज में भभूत के करामात को देखना। खाद वाले खेत से अगर तुम्हें दस मन अनाज मिलता है तो भभूत वाले खेत में तुम्हें 15 मन मिल जायेगा।

 बाबा जी का स्वप्न कभी गलत नहीं होगा। अगर अब तक गलत नहीं हुआ है तो आगे भी गलत नहीं होगा। जमाना जरूर बदलेगा इसलिए अच्छा है कि अभी से सम्हल जाओ।

 ऐ किसानों! जो तुम्हें बर्गला कर नोट दिखाते हैं वे अपना फायदा करते हैं तुम्हारा फायदा कोई नहीं। वे अपनी थाली भरते हैं। इन दलालों सेहोशियार।

 जो लोग दुनिया का काम ठीक से नहीं करते हैं वे परमार्थ का काम भी ठीक से नहीं कर सकते। 

 मुझे काम करने वाले लोग चाहिए केवल बातें करने वाले नहीं।

 24 घण्टे में सुमिरन एक बार अवश्य करो। इसमें नागा नहीं होना चाहिए।

 सौ का नोट घबड़ाहट में न बदल दिया जाये। देश में और भी मुसीबत आ खड़ी होगी, बाबा जी को स्वप्न में परछाई नजर आई।

 देश को महान बनाना व सुखी करना हो तो महात्माओं से रास्ता पूछें।

 नई कांग्रेस गरीबी दूर नहीं कर सकेगी। वो गरीबी लायेगी। रिश्वत के बाजार नई कांग्रेस ने खोले हैं। अन्याय इसी के समय से होने लगा। महंगाई व टैक्सो की भरमार इसी कांग्रेस ने मचाई है। किसानों को पूरा विश्वास हो गया कि अब गरीबी नई कांग्रेस दूर नहीं कर सकती।

 अखवारों में दूसरों की निन्दा से कोई काम प्रजा का नहीं होगा। चोरी, डकैती, कत्ल लिखने से बन्द नहीं होंगे। चरित्र भाव, सदाचारी भाव, परस्पर प्रेम पैदा करो।

 मांस, मछली, अण्डा, शराब, ताड़ी, गांजा, भांग खाने पीने व हड़ताल तोड़फोड़, आन्दोलन करने कराने से देश का भला कभी नहीं होगा। इन सबका नुकसान मजदूर किसान, निम्न वेतन भोगी लोगों को देना होगा। ये सब पाप कर्म हैं।

 रावण को समझ नहीं आ सकती। अगर समझ आ गई होती तो सोने की लंका क्यों फूंक दी जाती। और अब समझ आ भी नहीं सकती। अब तो उसे मरना ही है। राम के समय में तो एक रावण था अब तो अनेकों रावण हैें। अब प्रत्येक रावण मरेगा।

 चित्रकूट पर जमे पत्थर पर आटा गाढ़ करके मैंने टिक्कर लगाये हैं वैसे ही तुमको दिखा दूंगा और तुमसे टिक्कर लगवा दूंगा।

 महात्मा भेष की भी आलोचना मत करो। जब तुम आलोचना करना बन्द कर दोगे तभी तुम्हें सच और झूठ की पहचान होगी।

 निशाने सब पूरे बन चुके हैं। अब तो अर्जुन गाण्डीव उठायेगा और तीर छोड़ता चला जायेगा। मरने वाले मारे जा चुके हैं और बचने वालों की रक्षा हो चुकी है। तुममें से कोई भी श्रेय ले ले वैसे चक्र सुदर्शन तो चल ही रहा है।

 आगे बहुत जोर शोर के साथ सत्संग होगा। समय की कदर करो। एक बजे का समय दिया तो 2-3 मिनट पहले आया करो। अगर समय से नहीं आओगे तो पूरा लाभ न मिल सकेगा।

 सत्संग घूम फिर कर बराबर करते रहें। कभी इस गांव में और कभी उस गांव में यह कार्यक्रम बराबर चलता रहे। इसे तुम अपना नियम बना लो तभी सिद्धि मिल सकती है।

 नौकरी वाले ठीक से नौकरी करें, व्यवसाय वाले ठीक से व्यवसाय करें, और खेती करने वाले मेहनत से खेती करें। परिवार में मिलजुल कर रहो और दुनिया का काम भी करो और परमार्थ का काम भी ठीक से करो। फिर यहां से तो चलना है ही। यहां कोई रह नहीं सकता और तुम भी रहने नहीं पाओगे। 

जब ऐसा महापुरुष जन जीवन के बीच उतरता है, लोगों में सुधार करता है तब तब भविष्य वाणियां की गईं। इतिहास बताता है कि जब हनुमान ने राम को जंगल में देखा और छद्म भेष में उनका परिचय लेने लगे तो केवल इतना सुनने पर कि राम स्त्री वियोग में घूम रहे हैं, राजा दशरथ के पुत्र हैं लक्ष्मण उनका भाई है, हनुमान को ऋषियों की बात याद आ जाती है और वह ‘प्रभु पहचान परयो गहि चरना।’ कृष्ण के आने के पहले भी महान आत्माओं ने भविष्यवाणियां की थी और उस समय लोगों ने कृष्ण को पहचाना था।  

लेकिन वर्तमान समय अंग्रेजियत का आया। बुद्धिवाद का आया, विदेशीपन का आया यही कारण है कि अटकल लगाया जा रहा है कि कौन हो सकता है? सोचने की बात है आध्यात्मिक क्रान्ति क्या वो लोग ला सकते हैं जो आज की ढुलमुल राजनीति के दल दल में फंसे हैं खुद भी भ्रमित हैं और सारे देश को भ्रमित कर रहे हैं ? क्या विश्व को वो लोग शाकाहारी बनायेंगे जो खुद शाकाहारी नहीं बन सके हैं ? राज्य करना, व्यवस्था करना, व्यापार करना, खान पान बिगाड़ना या बनाना और बात होती है आध्यात्मिक क्रान्ति लाना और बात होती है। आध्यात्मिक क्रान्ति लाने वाला पुरुष ही संत फकीर अथवा महात्मा हो सकता है।

हमारे देश की महान विभूतियों ने तो बड़ा ही स्पष्ट इशारा दिया है। सूरदास ने कहा- रे मन धीरज क्यों न धरे, संवत दो हजार के ऊपर ऐसा जोग परे, पूरब पश्चिम, उत्तर, दक्षिण चारों ओर अकाल पड़ेगा। मौत होगी तकलीफें आयेंगी इसके बाद परिवर्तन होगा धार्मिक युग आएगा सुखी होंगे सभी लोग लेकिन कौन लोग ? जो गुरु का ध्यान धरे इससे साफ और क्या कहा जा सकता है। शाह इनायत फकीर कहते हैं कि ‘जो तू हरि नमवा दियो है भुलाय तो क्याा होगा ?’ सूखा पड़ेगा, अन्न की कमी होगी गदर होंगे चारों ओर अशांति की आग उठेगी लेकिन साथ ही साथ अवतारी भी आएंगे ब्रह्मज्ञान का प्रतिपादन करेंगे नास्तिकों का खात्मा हो जायेगा। उन्होंने तो तारीख भी बता दी सन् 1970 इसवी में से 80 ईसवी तक गंदला सबै साफ होई जाये।
जयगुरुदेव
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