जयगुरुदेव
21.05.2023
प्रेस नोट
उज्जैन (म.प्र.)
जनप्रतिनिधि पक्ष-विपक्ष के बजाए राम-लक्ष्मण की जोड़ी बन जनता के लिए आगे बढ़ें, मेहनत-ईमानदारी, पद-प्रतिष्ठा का है आभूषण
बाबा जयगुरुदेव आश्रम में उज्जैन के महापौर, नेता प्रतिपक्ष, एमआईसी सदस्य एवं पार्षदगणों का स्वागत सम्मान
निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज के तत्वावधान में बाबा जयगुरुदेव आश्रम उज्जैन में चल रहे बाबा जयगुरुदेव जी के ग्यारहवें वार्षिक मार्गदर्शक भंडारे के अंतर्गत बाबा जयगुरुदेव शब्द योग विकास संस्था द्वारा उज्जैन नगरपालिका के महापौर श्री मुकेश टटवाल, निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, नेता प्रतिपक्ष श्री रवि राय, समस्त एमआईसी सदस्य एवं अनेक वार्डो के पार्षदगणों के लिए स्वागत एवं सम्मान भोज आयोजित किया गया।
इस अवसर पर संस्था के सदस्यों द्वारा आमंत्रित सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया। महापौर जी ने महाराज जी को नमन करते हुए कहा कि ये हमारा सौभाग्य है कि हमें बाबा उमाकान्त जी के सानिध्य में इस पवित्र भूमि पर आने का अवसर मिला और आपकी कृपा हमें और ऊर्जा के साथ जनसेवा करने की प्रेरणा शक्ति देगी। नेता प्रतिपक्ष रवि राय जी ने भी महाराज जी के मिशन शाकाहार नशामुक्ति और संस्था के परोपकारी रचनात्मक कार्यों की सराहना की।
जनता के विकास के लिए पक्ष-विपक्ष एक साथ जुड़ जाएँ
बाबा उमाकान्त जी ने सभी जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए समझाया कि ये परिवर्तनशील संसार है। एक समय आता है फिर दूसरा समय आता है। लेकिन यहाँ जो पक्ष-विपक्ष के जनप्रतिनिधि एक साथ पधारे हैं, ये एक ऐतिहासिक समय है। भारत का जो संविधान बना, उसमें भी पक्ष और विपक्ष है, लेकिन जनता के मुद्दों पर सभी को एक रहने की ज़रूरत है। महाराज जी ने प्रार्थना कि की जनप्रतिनिधि राम-लक्ष्मण की जोड़ी बनकर उज्जैन नगरी की जनता के लिए आगे बढ़े, जिससे ये धार्मिक नगरी अपनी व्यवस्था के लिए भी मशहूर हो जाये।
हमारी प्रार्थना- आप जनता की उम्मीदों को पूर्ण करें
अपने उपदेश में महाराज जी ने जनप्रतिनिधियों से प्रार्थना करते हुए कहा कि आप जिस स्थान पर है वो ऐसा है कि आप लोगों की सेवा करें, उस स्थान की मर्यादा को बनाये रखें। जनता ने जिस उम्मीद से आपको भेजा है, उसे पूरी करें। हम उस प्रभु से प्रार्थना करते है कि आप जनता की सेवा में खरे उतरें, तरक्की करें।
मेहनत-ईमानदारी, पद और प्रतिष्ठा का आभूषण
महाराज जी ने कहा जैसे प्रकृति जल, अग्नि, पृथ्वी, वायु और आकाश लोगों की सेवा करती है, वैसी भावना आप भी जागृत करें। मेहनत ईमानदारी, पद और प्रतिष्ठा का आभूषण है। पद, पैसा और परनारी आदमी को गिराती है। इसलिए चरित्र का उत्थान होना चाहिए।
अपराध और भ्रष्टाचार की जननी है शराब-मांस
बाबाजी ने नशे और मांसाहार के दुष्प्रभावों को समझाते हुए कहा कि लोग असली पूजा और असली खानपान को भूल कर नकल में मांसाहारी हो गए। मांसाहार से खून बेमेल हो जाता है, शरीर मे क्रोध बढ़ जाता है। अपराध और भ्रष्टाचार की जननी है शराब-मांस तो आप इससे बचें और जनता को बचाये। कार्यक्रम के अंत में महाराज जी ने समस्त जनप्रतिनिधियों को आशीर्वाद दिया एवं सबके लिए भोज का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में संस्था द्वारा पंवासा पुलिस थाने के भी समस्त पुलिसकर्मियों एवं थाना इंचार्ज का भी स्वागत एवं सम्मान भोज किया गया।
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