जयगुरुदेव सतसंग सन्देश: दिनांक 06.फरवरी.2022 सतसंग दिनांक: 30.01.2022 सतसंग स्थलः आश्रम, उज्जैन, मध्यप्रदेश सतसंग चैनल: Jaigurudevukm "नाम जिसकी महिमा गाई गई है, वो सन्तों के आधीन रहता है ..." - बाबा उमाकान्त जी महाराज

जयगुरुदेव
सतसंग सन्देश: दिनांक 06.फरवरी.2022

सतसंग दिनांक: 30.01.2022
सतसंग स्थलः आश्रम, उज्जैन, मध्यप्रदेश
सतसंग चैनल: Jaigurudevukm

"नाम जिसकी महिमा गाई गई है, वो सन्तों के आधीन रहता है ..."
- बाबा उमाकान्त जी महाराज

युग महापुरुष परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के मासिक भंडारे की तिथि कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के अवसर पर उनके आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, इस धरा पर नामदान देने के एक मात्र अधिकारी, परमात्मा के तदरूप, उज्जैन के त्रिकालदर्शी पूज्य सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अपने प्रेमी भक्तों को दिये गये सन्देश में लोक और परलोक दोनों बनाने के बारे में बताया कि,

आप जहाँ रहते हो इसको मृत्यु लोक कहते हैं। इसके ऊपर बहुत से लोक हैं, स्वर्ग, बैकुंठ, ब्रह्म, पारब्रह्म, सूर्य, चंद्र, ब्रह्मा, विष्णु, शिव लोक और भी बहुत से लोक हैं।
उनमें भी आप जाने लग जाओगे, इस शरीर के रहते -रहते, तो उसको परलोक बनाना कहते हैं। यह जो मैं नाम बताऊंगा, इससे आपके लोक और परलोक दोनों बनेंगे।
जो नाम बताउंगा, उसमें प्रभु की आवाज सुनाई पड़ेगी। उस नाम को याद करते ही, दुनिया की तरफ से ध्यान हटाते ही, जब प्रभु के नाम रूप को याद करेगें, तब उनकी आवाज सुनाई पड़ने लग जाएगी। उनका रूप दिखाई पड़ने लग जाएगा।
उस प्रभु की और देवी-देवताओं की पहचान हो जाएगी। उसी से आपको अपनी पहचान भी हो जाएगी।

"नाम रहा संतन आधीना। संत बिना कोई नाम न चीन्हा।।"
समय समय पर लोगों ने बहुत से नाम को बताया और जगाया, लेकिन वह उसी वक्त तक कामयाब रहा। क्योंकि नाम की पहचान संत ही कराते हैं और नाम उनके अधीन हुआ करता है।
जब वह चाहते हैं तो वर्णनात्मक नाम को जगा देते हैं। लेकिन ध्वन्यात्मक नाम तो एक ही है। यही पांच नाम जो आज आपको सतसंग में बताउंगा, यही नाम शुरु से चलता चला आ रहा है।

अब जिसको जिस नाम की जानकारी हो पाई, वहां तक वह नाम उसने बताया। यह सब एक जगह पर इकट्ठा हो गए। जितने भी सतगुरु आए, पिछले महात्मा भी, अन्दर में गुरु स्वरूप याद करने पर समय के सतगुरु में समाये हुए मिलते हैं।

"बताई गयी साधना करने पर इस धरती पर आए सभी सन्तों का दर्शन कर सकते हो..."
अभी आपको मैं साधना करना बताउंगा। जब आप साधना करोगे, मन को साधोगे, जीवात्मा को ऊपरी लोक में ले जाओगे और जिन संतों को देखना चाहोगे, जिन लोगों ने नाम को जगाया, जिससे लोगों को फायदा हुआ, जिन्होंने यह ध्वन्यात्मक नाम बताया, उनको अगर आप देखना चाहोगे तो एक साथ ही कई संत दिखाई पड़ जाएंगे।

यह भी पहचान आपको करना होगा कि जिन्होंने रास्ता बताया जो इस वक्त पर मौजूद हैं, वह कैसे हैं? क्या हैं?
तो सब का रूप उनमें दिखाई पड़ जाता है। जो गुरु महाराज के नामदानी हो, गुरु महाराज की पहचान अगर आपको देखनी रहेगी तो सब जो उनसे पहले के हुए, उनमें ऐसे समाए हुए दिखाई पड़ जाएंगे।

Mare Murshid


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