जयगुरुदेव
सतसंग सन्देश: दिनांक 05.फरवरी.2022
सतसंग दिनांक: 23.07.2020
सतसंग स्थलः आश्रम, उज्जैन, मध्यप्रदेश
सतसंग चैनल: Jaigurudevukm
"व्यभिचारिता को आजकल लोग फैशन बना दे रहे हैं लेकिन हम यह याद दिला दे रहे हैं कि इस तरह की स्थिति पिछले समय में भी आई थी।"
- बाबा उमाकान्त जी महाराज
वक्त के कामिल मुर्शिद, आला फकीर, सभी जीवों को रूहानियत का रास्ता बताने वाले, इस धरा पर मौजूद वक्त के पूरे संत सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने सतसंग सन्देश में बतलाया कि,
अब तो व्यभिचारिता को आजकल लोग फैशन बना दे रहे हैं लेकिन हम यह याद दिला दे रहे हैं कि इस तरह की स्थिति पिछले समय में भी आई थी।
जब कुदृष्टि पड़ी, महाभारत हो गया, रावण का सर्वनाश हो गया। यह वो भूमि है, वो देश है। इसलिए आप सत्संगियों धर्मनिष्ठ लोग हो, आप इससे बचो और बच्चों को भी बचाओ, उन पर ध्यान दो।
"आज 23 जुलाई 2020 को उज्जैन आश्रम से मैं बोल रहा हूं, नोट कर लो..."
आगे कोई ऐसी बीमारी आ गई जो व्यभिचारियों को होने लग गई तब क्या करोगे?
जैसे एड्स वाले के संपर्क में आने वाले को भी हो जाता है। ऐसे ही यदि रोग वाले के मुँह से जब वायरस निकलेगा, उसको छूने से ही बीमारी फैलेगी तो सोचो क्या हाल होगा?
देखो! आज हम बता देते हैं आपको, 23 जुलाई 2020 को, आप नोट कर लो, उज्जैन आश्रम पर मैं बता दे रहा हूं।
अगर लोगों ने अपना चाल-चलन ठीक नहीं किया, व्यभिचार और व्यभिचारीपन खत्म नहीं हुआ तो ऐसे गुप्त रोग इनको पकड़ेंगे जो दवा से ठीक नहीं हो पाएंगे और वही जानलेवा हो जायेंगे।
ऐसा सड़न बदन में पैदा होगा जो जानलेवा हो जाएगा। सतसंगियों और नए लोगों से हमारी प्रार्थना अपील है कि आप इससे बचो।
"शराब और मांस काम वासना रूपी अग्नि को बढ़ाने में घी का काम करता है..."
अब यह चीजें क्यों बढ़ती हैं? जैसे आग तेज क्यों होती है? जब उसमें घी पड़ जाता है। वह आग को प्रज्वलित कर देता है, बढ़ा देता है।
यही पशु-पक्षियों का मांस घी में पकाया जाता है। जब मिर्च मसाला जो उत्तेजित करने वाली चीजें उसमें डाली जाती हैं, उस मांस को गलाने के लिए।
जो चीजें उसमें डाली जाती हैं, वह उत्तेजना पैदा करती हैं। उसकी वजह से यह काम वासना बढ रहा है।
"शराबी का सारा ज्ञान खत्म हो जाता है..."
अगर मांसाहारी को किसी पियक्कड़ ने बता समझा दिया कि अल्कोहल पेट में पड़ी चीजों को गला देता है और जब वो शराब पीने लग गया तब तो सारा ज्ञान खत्म हो जाता है।
नशे में अपनी मां को, बेटी को, बहन को नहीं पहचान पाता है। इसलिए हमेशा इस चीज का प्रेमियों ध्यान रखो।
"मांस, मछली, अंडे से बनी हुई कोई चीज पेट में न जाने पावे..."
देखो प्रेमियों! आपके बच्चों, परिवार के लोगों को आगाह कर दो, समझा दो और बता दो।
ऐसा काम न करो कि जिससे जान ही चली जाए और कम उम्र में ही मजबूरन इस शरीर को छोड़ देना पड़े।
यह शरीर भजन-इबादत के लिए उस मालिक ने दिया है, उस असली काम के लिए मन न लगे और यह समय निकल जाए। इसलिए बराबर समझाते रहो।
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