सन्त उमाकान्त जी महाराज के अनमोल वचन-

जयगुरुदेव
पूज्य महाराज जी ने कहा - 

सभी जीवों के प्राण बचाओ। गाय को राष्ट्रीय पशु बनाओ।।
शराब मांस को दूर हटाओ। धरती पर सतयुग ले आओ।।

मांसाहार बंद नही हुआ तो ऐसी भयंकर बीमारियां आयेंगी कि शाम को बीमार हुए और सुबह खत्म हो गये।
इस समय पर सभी लोग दुखी हैं । कई तरह की बीमारी, टेंशन, कर्ज, लड़ाई-झगड़ा, ठगी, तलाक, मुकदमेबाजी, बेरोजगारी, बदनामी, बाढ़, सूखा, अकाल, आंधी तूफान, भूस्खलन आदि की  परेशानियां झेल रहे हैं।

ऐसी विषम परिस्थितियों में सभी परेशानियों का एक समाधान बतानेे वाले  दुखहर्ता वक्त के समरथ गुरु बाबा उमाकान्त जी महाराज देश के कोने कोने में जाकर लोगों को सुख शान्ति बरकत एवं प्रभु प्राप्ति का रास्ता  नामदान दे रहे हैं। साथ ही युवा पीढ़ी को चरित्रवान सेवाभावी त्यागी तपस्वी देशभक्त बनाने के लिये शाकाहारी नशामुक्त बनाकर उनमें आध्यात्मिक ज्ञान भरने का कार्य कर रहे हैं।

ज्ञातव्य है कि यह वही बाबा उमाकान्त जी महाराज हैं जिनका सतसंग सुनने, दर्शन करने एवं उनके बताये रास्ते पर चलने से तकलीफों में आराम मिलने लगता है।


बाबा उमाकान्त जी महाराज के वचन-

1. आध्यात्मिक  ज्ञान के बिना यह भौतिक विज्ञान विनाशकारी हो जाता है।
2. आगे हवा इतनी दूषित हो जायेगी कि सांस लेने में तकलीफ होने लगेगी।

3. किसी भी देश में रहो, देशभक्ति करो परन्तु अपना भोजन, भाषा, वेष, देश मत भूलो।
4. एहसान भूलना नहीं चाहिये। चुका देना चाहिये।

5. युवाओं नशे की चीजें खा, पीकर जबानी बर्बाद मत करो।
6. पूजा पाठ, इबादत का लाभ तभी मिलेगा जब नशामुक्त शाकाहारी रहोगे।

7. अशुद्ध धन का भोजन खाने-पीने  से सोच, चिंतन, भाव-भक्ति खत्म हो जाती है।
8. बुरा कर्म करने वाले जीवों को सन्तों की बात समझ देर से आती है।

9. मांसाहार बंद नहीं हुआ तो तरह-तरह की जानलेवा  बीमारी आएंगी।
10. देशभक्ति और मानव प्रेम का जज्बा पैदा करने का कार्य करो,  लोगों को आध्यात्मिक बनाओ।

11. ऐसा कोई काम मत करो  जिससे किसी देश, व्यक्ति, धर्म और धार्मिक ग्रंथ का नुकसान हो।
12. व्यभिचारी को मुक्ति मोक्ष नहीं मिलता है।

13. जीव हत्या करके पैसा कमाने वाला कोई भी देश तरक्की नहीं कर सकता है।
14. एक समय आयेगा देश में गौ हत्या ही नहीं किसी भी पशु पक्षी की हत्या नही होगी।

15. पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ, जल बचाओ, प्रकृति के सारे जीव बचाओ।
16. भारत जैसी धर्म धरती पर आध्यात्मिक शक्तियां सदैव विद्यमान रहीं हैं।

17. हिंद, मुस्लिम,  सिख, ईसाई उन्मादों से बचो और लोगों को भी बचाओ।
18. सरकारी नियम का पालन करो, अधिकारी व कर्मचारियों का सम्मान करो, उनके कार्य में यथा संभव सहयोग करो।

19. देशभक्त बनो, देश की सम्पत्ति को अपना समझकर रक्षा करो।
20. जीवन का समय पूरा हो जाने पर कहीं भी भागकर जाओ, मौत से बच नहीं सकते हो।

21. भगवान को हमेशा हाजिर-नाजिर समझो। जो भी कर्म करते हो, वह देख रहा है। बुरा कर्म करेागे तो सजा मिल जायेगी।
22. एक समय ऐसा आयेगा कि लोग गांव छोड़कर नदियों के किनारे चले जायेंगे।

23. अपराध, शराब, कबाब और शबाब बंद नहीं  हुआ तो तालाब और नदियों का पानी पीकर जीना पड़ेगा।
24. राजधर्म में भेद भाव नहीं होता है।

25. श्मशान घाट पर शरीर को मुक्ति मिलती है, आत्मा को नहीं।
26. आत्मा को मुक्ति परमात्मा के पास पहुंच जाने पर मिलती है। आत्मा को मुक्ति समर्थ गुरु ही दिला सकते हैं।
27. पापी पेट के लिये ईमान मत बेचो।

28. निष्पक्ष रहोगे तो सब प्रेम करेंगे।
29. शंका पर विश्वास नहीं समाधान करना चाहिए।

30. हुनर, ज्ञान  संकट में काम आ जाता है, सीखना चाहिए।
31. अपने को ही बुद्धिमान समझना सबसे बड़ी मूर्खता है।

32. आज के आदमी से ज्यादा जानवर नियम संयम का पालन करते हैं। 
33. महात्माओं के दरबार में जाति-पांति, ऊंच-नीच के भेदभाव को कोई स्थान नहीं दिया जाता है।
34. मास्टर, डाॅक्टर, वकील, ड्राइवर, रसोईया  हमेशा काबिल (परफेक्ट) रखना चाहिए।

"जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव" 
रोज रात को सोने से पहले बराबर कुछ दिन बोलने से फायदा  दिखने लगेगा।

आश्रम का पता-
बाबा उमाकान्त जी महाराज, आश्रम, पिंगलेश्वर रेलवे स्टेशन के सामने, मक्सी रोड, उज्जैन, म.प्र.
मोबाइल- 9575600700,  9754700200
वेबसाइट व यूटयूब चैनल-  Jaigurudevukm 

Sant umakant ji maharaj








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