*देश हित और जन हित में वक्त के त्रिकाल दर्शी संत बाबा उमाकान्त जी बराबर दे रहे हैं चेतावनी।*

*जयगुरुदेव*
*प्रेस नोट/ दिनांक 12.10.2021*

*सतसंग स्थलः आश्रम उज्जैन, मध्यप्रदेश / दिनांक: 30.मार्च.2020*

*देश हित और जन हित में वक्त के त्रिकाल दर्शी संत बाबा उमाकान्त जी बराबर दे रहे हैं चेतावनी।*

जन कल्याण, आत्म कल्याण और विश्व कल्याण के लिए शाकाहार नशामुक्ति का अभियान चला रहे वक्त के त्रिकाल दर्शी संत,
उज्जैन वाले *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने 30 मार्च 2020 को आश्रम उज्जैन, मध्यप्रदेश से दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम *(jaigurudevukm)* पर प्रसारित संदेश में बताया कि,
बराबर इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम को जितने पानी की जरूरत है उतना ही पानी हम प्रयोग करें। यह नहीं हो की नहाने के बाद कपड़ा भी बदल लिया और नल चालू है तो समझो पानी बेकार गया है। जरूरत भर बाल्टी में निकाल लो।
पीने की जब नहीं मिलेगा तो एक लोटा पानी की बड़ी कीमत होगी और आप चार बाल्टी नहाने में खर्च कर दिए तो *बचत करनी चाहिए।*

*आपने अमीरी के घमंड में बिजली व्यर्थ की तो अस्पताल में ऑपरेशन में मरीज की गयी जान वापस कैसे लाओगे?*
बिजली से मशीनें चलती हैं। ऑपरेशन में, वेंटीलेटर लगा कर किसी की जान बचाना है, उसके सांस को चालू करना है और बिजली नहीं है तो?
आपने बिजली बहुत खर्चा कर दिया, बेकार का जल रहा है। आपने उसकी कोई कीमत नहीं समझी, बोले हमारे पास पैसा है, बिल आएगा तो हम दे देंगे, कोई बात नहीं, क्या फर्क पड़ता है।
लेकिन जान तो उसकी चली जाएगी, जब आप ज्यादा बिजली खर्च कर दोगे।

*विकट समय आ रहा है, सभी तक ये बचत का संदेश पहुंचा दो।*
जब परिस्थितियां ऐसी आएगीं कि आदमी जान बचाने के लिए भागेगा तब कोई पावर हाउस चलाएगा ताकि आपको बिजली मिले?
या आपको पेट्रोल मिलेगा? जब गाड़ियां बंद हो जाएंगी, बाहर से नहीं आ पाएंगी। बाहर से पेट्रोल नहीं आ पाएगा तो व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाएगी।
इसलिए आप प्रेमी इस बात को याद रखो। अगर यह बात हमारे देश वासियों तक पहुंच जाए किसी भी माध्यम से,
*आप पहुंचा दो कि इस समय पर बचत की जरूरत है, हर चीज की बचत की जरूरत है।*

*जिम्मेदारों, अधिकारियों, प्रतिनिधियों को भी अपनी प्रतिष्ठा बचाने की जरूरत है।*
जो अधिकारी वर्ग के लोग हो, जनप्रतिनिधि हो, जो देश के व प्रांतों के जिम्मेदार हो, देश की व्यवस्था को संभालते हो, सबको अपनी इज्जत प्रतिष्ठा बचाने की जरूरत है।

*आगे मोबाइल, इंटरनेट पर भी भारी प्रभाव पड़ेगा।*
अब तो गांव में जगह-जगह जाकर प्रचार करने का, भाषण देने का समय नहीं है। जैसे इस समय निकल नहीं सकते हो लेकिन अभी और साधन बंद नहीं हुए हैं।
आगे चलकर के यह भी तो ठप होंगे। ये मोबाइल, इंटरनेट यह सब इन पर भारी प्रभाव पड़ेगा। लेकिन जब तक यह साधन मौजूद हैं आप लोग अपने तौर-तरीके से प्रेमियों जो जहां पर हो,
*उसी हिसाब से इसका प्रचार करो।*

*संकट में रक्षक 'जयगुरुदेव' नाम और नामध्वनी के बारे में सबको बताओ।*
*जयगुरुदेव* नाम की ध्वनि के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताओ। जो लोग पैदल जा रहे हैं, बैठे हुए हैं, जगह-जगह पर हैं सबको बताओ।
इस समय तो देश में हल-चल, भगदड़ मची हुई है। सब *जयगुरुदेव* बोलते हुए ही आवे - जावें। जहां कहीं भी आप किसी को पानी पिलाते हो, रोटी खिलाते हो वहां भी *जयगुरुदेव* नाम की ध्वनि बुलवाते रहो।
रटा दो इनको *'जयगुरुदेव' नाम की ध्वनि और 'जयगुरुदेव' नाम इनको याद करा दो, यह भी लोगों की तकलीफों में आराम देगा।*



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