प्रेमियों! संकल्प बनाओ की 9 दिनों में पूरा देश गुरु की पूजा कर ले। यदि ये 9 दिवसीय गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम कर लोगे तो आपके आत्म कल्याण का काम और आसान हो जाएगा।

जय गुरु देव
प्रेस नोट/दिनांक 24 जुलाई 2021
बाबा उमाकान्त जी महाराज आश्रम,
देराठु, अजमेर, राजस्थान 

प्रेमियों! संकल्प बनाओ की 9 दिनों में पूरा देश गुरु की पूजा कर ले। यदि ये 9 दिवसीय गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम कर लोगे तो आपके आत्म कल्याण का काम और आसान हो जाएगा।

इस धरती पर वर्तमान में मनुष्य शरीर में मौजूद पूरे सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अपने अजमेर स्थित देराठु आश्रम से गुरु पूर्णिमा के महापर्व पर 24 जुलाई 2021 को प्रातःकालीन सतसंग में बताया कि,
प्रेमियों! गुरु पूर्णिमा पर, समय-समय पर लोगों की रक्षा के लिए नया आदेश गुरु महाराज दिया करते थे। जय गुरु देव नाम की ध्वनि आप जगह-जगह बुलवाओ। आपको पिछले गुरु पूर्णिमा में भी जय गुरु देव नाम नामध्वनि करने का आदेश था कि-
गुरु की पूजा में सबकी पूजा, गुरु समान कोई देव न दूजा।

गुरु ही संतमत में सब कुछ होते हैं। गुरु की पूजा होनी चाहिए। कैसी पूजा? कोई पैर धो कर के, कुछ तिलक लगाकर के, इस तरह से नहीं, अंतर में -
गुरु का ध्यान कर प्यारे, बिना इसके नहीं छूटना।

नई जगह आप जाते हो, गुरु पूजन कराने के लिए तो नाम ध्वनि बोलवा कर ध्यान में बैठे। थोड़ी देर, 10 मिनट ही सही। उनसे यही कह दो नाम ध्वनि बोलो पहले।
बाद में आप किसी देवी-देवता, अल्लाह-खुदा को मानते हो उसी का ध्यान लगाओ। जिसका फोटो तस्वीर देखते हो, आप जिस भगवान को मानते हो उसी का ध्यान लगाओ।
जगह-जगह पर गुरु पूर्णिमा की पूजा हो जानी चाहिए। गांव में जहां पर एक भी सत्संगी है वहां भी हो जाए। आप जो प्रांत के, जिला के, तहसील के, ब्लॉक के जिम्मेदार हो, आप सब लोग अपनी योजना बना लो और हर गांव में हो जाए। 9 दिन में पूरा जिला और पूरा देश गुरु पूजा कर ले।

सेवा, आदेश का पालन कर लो तो कर्मों की सजा से बच जाओगे।

आप समझो प्रेमियों! अगर आप इस काम को कर ले गए तो आपका काम और आसान हो जाएगा। अभी पिछले दिनों में कोरोना की वजह से आप प्रचार-प्रसार कर नहीं कर पाए।
शरीर को चलाने का सब काम करते रहे लेकिन उसमें भी कर्म आ गए। कर्मों की सजा से कोई बच नहीं पाया। कर्मों की सजा तो भोगनी पड़ती है। जो भी मनुष्य शरीर में आता है, चाहे वह साधारण इंसान हो, चाहे संत महात्मा हो, सब को भोगना पड़ता है।

गर्व से कहो हम शाकाहारी हैं।

दूसरी जगह जाओगे, जहां आपकी रिश्तेदारी है, चाहे पूरा परिवार मांसाहारी है, वहीं पर चले जाओ और वहीं डेरा डाल दो। नाम ध्वनि बोल दो।
इकट्ठा कर लो पूरे परिवार को। एक घंटा- दो घंटा नाम ध्वनि बुलवाओ, प्रार्थना बोलो, चेतावनी बोलो, पहले बोलो फिर नाम ध्वनि 2 घंटे की बोलो। वहां पर करके आ गए तो देखो कितना फर्क पड़ता है।

उसके बहुत से कर्म कटेंगे, भाव बदलेगा, सुनने का इच्छुक बनेगा। फिर आप तब बोलेंगे शाकाहारी हो जाओ तो सुनेंगे। अभी तो कोई सुनने वाला नहीं है। जो शराब-मांस-व्यभिचार के नशे में, जात-पात जाति वाद या धर्म की ओट में फंसे हुए हैं वह तो सुनने के लिए तैयार नहीं है, वह सुनने लगेंगे।
कहते हैं नाचो तो घूंघट नहीं। नाचो! तो फिर खुल के नाचो। गर्व के साथ कहो कि हम शाकाहारी हैं, हम बाबा जी के शिष्य हैं। यह तो बता ही सकते हो।

अभी मौका है, संदेश सबको बता दो।

देखो प्रेमियों! पहले लॉकडाउन लगा था तो आदमी घर से निकल नहीं पता था। आज अगर समय है तो समय निकल जाएगा। आगे परिस्थितियां कैसी आती हैं? क्या कर पाओगे?
यह 9 दिन का जो समय आपको पूजन का बताया गया, कोशिश करो कि जिले के हर गांव में हो जाए। ज्यादा से ज्यादा आप कोशिश करो। समय-परिस्थिति के अनुसार यह पूरे देश के लोगों को आदेश दिया जाता है।
जहां तक आप खबर पहुंचा सको, किसी भी माध्यम से वहां तक पहुंचा दो कि आज 24 जुलाई से शुरू कर दें, 1 अगस्त 2021 को समापन होगा। 9 दिन तक गुरु पूजन का कार्यक्रम यह महोत्सव चलेगा।

कुछ न कर सको तो ये करो।

देखो प्रेमियों! यदि आप कुछ नहीं जानते हो, कुछ नहीं बता सकते हो, जयगुरुदेव नाम, गुरु का नाम, गुरु की महिमा, गुरु के बारे में, गुरु कैसा होना चाहिए आदि कुछ न बता सको तो आप पहले जय गुरु देव नाम की ध्वनि बुलवाओ। प्रार्थना एक दो संत मत की जो याद हो सुना दो, फिर जय गुरु देव नाम की ध्वनि बोलो।

सम्पन्न लोगों में मान-सम्मान का भूत यानी चाह ज्यादा होता है।

देखो! आप छोटे-छोटे लोग, गांव के लोग, आप लोग तो कर ही सकते हो। यह मान-सम्मान का भूत किसमें है? जिसको बड़ा कहते हो। अच्छा खाते हैं, अच्छा पहनते हैं, गाड़ी में घूमते हैं, शहरों में रहते हैं, इनमें मान-सम्मान का बहुत ज्यादा है।
ऐसे लोगों से काम कम होता है। छोटे लोगों से ज्यादा काम होता है और छोटे लोगों का ही नाम हो जाता है।

आप मेहनत-ईमानदारी की कमाई वाले छोटे लोग ज्यादा काम कर सकते हो।

देखो! बंदर और गोपी-ग्वालों से राम-कृष्ण ने काम लिया। राम से अधिक राम का दासा। राम के जन्म भूमि पर इतना लड्डू नहीं चढ़ता जितना हनुमान गढ़ी पर चढ़ता है। हनुमान के भक्त ज्यादा मिलेंगे।
ऐसे ही गोपी और ग्वालों का पाठ याद जरूर होगा। गोवर्धन उठाया कृष्ण ने, लकड़ी लगाई गोपी और ग्वालों ने। नाम-श्रेय उनको दे दिया।
छोटे लोगों के द्वारा ज्यादा काम होता है। आप अपने को छोटा मत समझो। आपके विचार अच्छे हैं, भावना अच्छी हैं, मेहनत-ईमानदारी की कमाई खाते हो तो ऐसे लोगों से जो झूठ-ठगी की रोटी लोग खाते हैं,उनसे आप बहुत अच्छे हो।

संकल्प बना के जाओ, बहुत काम हो जाएगा।

आप इतने प्रेमी बहुत हो। आप इतने ही जाओ संकल्प बना के।
आप जो जिम्मेदार आए हो, आप लोग संकल्प बना करके जाओ कि हम वहां व्यवस्था बना देंगे तो अभी बहुत काम हो जाएगा।

gurupurnima-sankalp



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