जय गुरु देव
गांव, तहसील और जिले में गुरु पूर्णिमा मनाने दिशा निर्देश, दिनांक 24 जुलाई से 01अगस्त 202 तक
(1) दिनांक 24 जुलाई से 01 अगस्त 2021तक मनाई जा रही गुरु पूर्णिमा का नामकरण हुआ है,
नौ दिवसीय गुरु पूर्णिमा पूजन महोत्सव 2021
(2) नौ दिवसीय गुरु पूर्णिमा पूजन कार्यक्रम की सूचना प्रांत के जिम्मेदार जिला को व जिले के जिम्मेदार तहसील व तहसील से ग्राम स्तर तक पहुंचाएंगे।
(3) पहले 5 दिन (24-28 जुलाई तक) ग्रामीण स्तर पर कार्यक्रम करेंगे।
जहां संगत नहीं है वहां ग्राम स्तर पर अन्य क्षेत्र के सत्संगी जाकर के कार्यक्रम/ गुरु पूजन करेंगे। कोई गांव छूटे नहीं। एक गांव के प्रेमी आसपास के इन नौ दिनों में नौ नये गांव में कार्यक्रम करें तो बेहतर होगा।
(4) अगले 3 दिन (29-31 जुलाई तक) तहसील स्तर पर कार्यक्रम/ गुरु पूजन का आयोजन करेंगे।
(5) गुरु पूर्णिमा पूजन कार्यक्रम का समापन 01 अगस्त 2021 को जिला स्तर पर बड़ा कार्यक्रम करके करेंगे।
प्रशासन के नियमों के कारण जिला मुख्यालय पर बड़ा कार्यक्रम करना संभव ना हो तो तहसील, गांव में भी जिला स्तर का बड़ा कार्यक्रम करके समापन कर सकते हैं।
(6) जिला, तहसील व गांव स्तर के कार्यक्रम पहले से तय किए जाएं और कार्यक्रमों की सूचना पहले से वहां के सांसारिक लोगों और सतसंगी प्रेमियों को दे दी जाए। जहां संगत नहीं है वहां विशेष रूप से पूजन कार्यक्रम को महत्व देंगे।
(7) पूजन कार्यक्रम का समय सुबह 6:30 से 8:30 तक या अपने क्षेत्रीय समय परिस्थिति के अनुसार किसी भी समय 2 घंटे का कर सकते हैं।
(8) उत्सव की तरह गुरु पूर्णिमा पूजन कार्यक्रम में साफ-सुथरे गुलाबी कपड़े, चोगा, टोपी, जैकेट पहन कर और झंडा लेकर जाएं।
(9) एक ऊंचे स्थान पर साफ कपड़े पर परम पूज्य गुरुजी महाराज व परम पूज्य महाराज जी की तस्वीर(स्वरूपों को) रखेंगे।
विरह की प्रार्थना/चेतावनी की प्रार्थना बोलें और नाम ध्वनि करें, सत्संगीयों का क्षेत्र हो तो ध्यान भजन भी करें l स्थानीय लोगों को पर्चे/ पूज्य महाराज जी का स्वरुप देंl
(10) सभी जगह कार्यक्रम में सबसे पहले चेतावनी और विरह की निम्न प्रार्थना बोलना है,
चेतावनी की प्रार्थना,
1. क्या लेकर तू आया जग में ....
2. जीवन है बेकार भजन बिन ...
3. मानव तेरे जीवन का आधार ..
विरह की प्रार्थना,
1. दया की नजर करो मेरी ओर...
2. नैया लगा दो भव पार ....
3. मेरे प्यारे गुरु दातार....
(इसके अलावा अन्य प्रार्थनाएं या क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रार्थनाएं बोल सकते हैं।)
(11) पूजन के समय तस्वीर के आगे सेवा का गोलक रख सकते हैं।
केवल शाकाहारी या आज से शाकाहारी रहने का संकल्प लेने वाले लोग ही गोलक में सेवा डालें।
ऐसा गोलक पर लिखा हो।
(12) वक्ता के सत्संग में गुरु महिमा, नामध्वनी का महत्व तथा अन्य सत्संग की बातें बताएंगे। जातिवाद ,राजनीतिक आरक्षण और संविधान पर कोई चर्चा नहीं/कोई लिखाई भी नहीं होगी
(13) पूजन कार्यक्रम में महिलाएं व पुरुष अलग-अलग बैठेंगे। कार्यक्रम में एक उपस्थिति रजिस्टर रखें जिसमें वहां उपस्थित लोगों के नाम, मोबाईल नंबर, गांव का नाम आदि विवरण दर्ज हो जिससे उनसे संपर्क किया जा सके।
(14) भोजन भंडारे में समय परिस्थिति के अनुसार मीठा भोजन,स्वल्पाहार या पंजीरी भी बना सकते हैं।
गांव में भोजन भंडारा हो सके तो ठीक है नहीं तो स्वल्पाहार, पंजीरी, इलायची दाना, जो भी प्रसाद हो सके उसका वितरण किया जाए l
इसी के साथ गुरु पूर्णिमा पूजन, 23 जुलाई 2021, देरांठू आश्रम, अजमेर, राजस्थान का प्रसाद सभी जिला, तहसील व ग्राम स्तर तक पहुंचाएं।
(15) किसी भी प्रकार के मार्ग दर्शन के लिए अपने झोन, प्रांत के वरिष्ठ जिम्मेदारों से सम्पर्क अवश्य करें
निवेदक; प्रांतीय व्यवस्था समिति,
बाबा जयगुरुदेव संगत, मध्यप्रदेश प्रांत
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gurupurnima-nirdesh |
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