प्रेमियों! इस समय पर अपनी जान बचाते हुए दूसरों की जान बचाने में मदद करो -बाबा उमाकान्त जी महाराज

जयगुरुदेव आध्यात्मिक सन्देश
यगुरुदेव

प्रेस नोट
उज्जैन, मध्य प्रदेश

प्रेमियों! इस समय पर अपनी जान बचाते हुए दूसरों की जान बचाने में मदद करो -बाबा उमाकान्त जी महाराज

लोगों को शाकाहारी बनाने, जीवों पर दया करने, प्रकृति के नियम के अनुरूप जीवन जीने की शिक्षा देने वाले उज्जैन के पूज्य संत बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 27 अप्रैल 2021 को अपने उज्जैन आश्रम से यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम के माध्यम से ऑनलाइन सतसंग में भक्तों से आह्वान किया कि इस समय जो ये कोरोना रोग चल रहा है, ऐसे समय में सजग रहने की जरूरत है। अपनी जान बचाते हुए दूसरों की जान बचाने में मदद करना है, दुसरों की सहायता करना है।
महाराज जी ने कहा कि इस समय पर सरकार ने जो नियम बनाये है, उनका पूर्ण रूप से पालन करो जैसे मास्क लगाओ, दूरी रखो आदि। इन सभी बातों को मानो और दूसरों की भी जान बचाओ।

सरकारें भी इस समय पर मतभेद भुलाकर के लोगों की जान बचाने में लगी हुई हैं

महाराज जी कहा कि यह जो कोरोना रोग है, इस समय पर बड़ी तेजी से फैल रहा है। इसमें बचने की जरूरत है। यह सरकारें जो भी हैं, जिस भी पार्टी की कहीं भी है, इस समय पर सरकारें लोगों की जान बचाने में लगी हुई हैं। सारा मतभेद भूलकर के लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं। अब यह है कि कहीं कम कहीं ज्यादा मदद हो पा रही है लोगों को।

जिनके पास धन और दौलत ज्यादा है वो लोग इस समय पर लोगों की जान बचाने के लिये बढ़-चढ़कर आगे आये

महाराज जी ने कहा कि आदमियों को भी चेतने की जरूरत है। आदमियों के अंदर भी सहयोग की भावना रखने की जरूरत है। खुद को बचाते हुए भी लोगों को बचाने की आवश्यकता है। सभी लोगों को इस समय पर लगने की जरूरत है। देखो बहुत से लोग चले गए आपके उज्जैन शहर में ही, पूरा परिवार चला गया। घर की रखवाली करने वाला भी कोई नहीं। विदेश में लड़की और दामाद को घर की रखवाली के लिए, सुरक्षा के लिए गार्ड को रखना पड़ा।
आप आप समझो घर मकान यह किस काम का उनके रह गया? वह तो चले गए, परिवार का परिवार चला गया। इस समय पर अपना कुछ भी नहीं समझना चाहिए कि यह मेरा है, मेरे ही काम आएगा। 
जिनके पास है, हमने देखा कम है या नहीं है, उनके भाव इस तरह के ज्यादा रहते हैं। जिनके पास ज्यादा होता है, धन-दौलत ज्यादा पसारा होता है, खर्च तो वो भी करते हैं, अपने हिसाब से। धन और दौलत के हिसाब से खर्चे में लोगों की जान बचाने में- हमारे समझ से अभी कमी है। तो और बढ़कर के लोगों को आगे आना चाहिए। धन से, शरीर से, दिल से, दिमाग से, बुद्धि से, लोगों की जान को बचाने में मदद करने की इस समय प्रेमियों आवश्यकता है, जरूरत है।

आप जितने भी सत्संगी हो, अपनी जान की हिफाजत करते हुये लोगों की जान बचाने की भरपूर कोशिश करो

महाराज जी ने प्रेमियों से आव्हान किया कि आप जितने भी सत्संगी हो, आप अपनी हिफाजत करते हुए लोगों की जान बचाने की भरपूर कोशिश करो। और जो भी नियम सरकार ने बनाया है जैसे मास्क लगाने का, एक दूसरे से कम से कम बीच की 2 गज दूरी रखने का - यह सब बराबर कायम रखो। कुछ भी नियम-कानून बना दिया है, पूरा नियम का पालन करने की कोशिश करो। 16 आना पूरा नियम-कानून का पालन करने की कोशिश करो। उसको मत छोड़ो। इनको सहयोग दो, इनका मनोबल बढ़ाओ जो दिन-रात देश के सुरक्षा में कर्मचारी लगे हुए हैं, अधिकारी लगे हुए हैं, व्यवस्था के जो अधिकारी-कर्मचारी लगे हुए हैं। जो भी अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स और भी जो कर्मचारी लगे हुए हैं, इनकी मदद करो इनका सहयोग करो। इस समय पर जरूरत है।

प्रेमियो! हमेशा सहयोग की, बचत की भावना बनाओ। पिछले महीने से ज्यादा इस महीने में तकलीफें आने वाली हैं
 
महाराज जी ने कहा कि जब सहयोग की भावना आदमी की बन जाती है तो वही आदत बन जाती है। यह मत सोचो कि अभी तकलीफें जो हैं, वहीं रह जाएंगी, खत्म हो जाएंगी। ऐसा मत सोचो। अभी तो और आ सकती है तकलीफें। आप यह समझो यह महीना पिछले महीने से भी ज्यादा खराब होने को है। इस महीना पिछले महीने से ज्यादा तकलीफ आने वाली हैं। इसलिए हमेशा सहयोग की भावना, बचत की भावना अपनी और दूसरों की सत्संगियों आप बनाओ।

प्रेमियो! उस मालिक से प्रार्थना करो कि जो बेचारे बीमार है, वो भी स्वास्थ्य हो जायें, लोगों भावना बदले और लोगों की रक्षा हो जाये

महाराज जी ने कहा कि प्रेमियों! बराबर प्रार्थना उस मालिक से करते रहो कि मेरा शरीर स्वस्थ रहें, मेरे परिवार के लोग भी दया का अनुभव करें, वह भी स्वस्थ रहें। जो बेचारे बीमार हैं, वह भी स्वस्थ हो। लोगों की भावना बदले, लोगों के विचार बदले, लोग अच्छे बन जाएं, लोगों की रक्षा हो जाए। यह भाव आप जितने भी प्रेमी सब लोग यह बनाओ।

जयगुरुदेव
परम् सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज आश्रम उज्जैन (म.प्र)



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