प्रार्थना 112.
★ Koi kahiyo re prabhu avan ki ★
कोई कहियो रे प्रभु आवन की।
आवन की मन भावन की।।
आप न आवैं लिख नहिं भेजैं;
बाण पड़ी ललचावन की।।
ये दोउ नैन कह्यो नहिं मानैं;
नदियाँ बहै जैसे सावन की।।
कहा करूँ कछु नहिं बस मेरो;
पंख नहीं उड़ जाँवन की।।
"मीरा" कहै प्रभु कब रे मिलोगे;
चेरी भई हूँ तेरे दाँवन की।।
कोई कहियो रे प्रभु आवन की।।
प्रार्थना 113.
★ Kab aoge gurudev bahut din beet gaye ★
कब आओगे गुरुदेव बहुत दिन बीत गए।
मेरी अरज सुनो गुरुदेव बहुत दिन बीत गए।।
भक्तों के आंखों के तारे, मेरे भी बन जाओ सहारे।
मैं तो बाट निहारूं दिन रात बहुत दिन बीत गए।।
कब आओगे गुरुदेव बहुत दिन बीत गए।।
तुमरे दरश को ये अखियां है प्यासी।
रात दिवस स्वामी रहत उदासी।
तुम दर्शन दो गुरुदेव बहुत दिन बीत गए।।
अब आओ जयगुरुदेव बहुत दिन बीत गए।।
काम क्रोध मद लोभ सतावें।
नित नव भोग सामने आवें।
स्वामी इनका मुख दो मोड़ बहुत दिन बीत गए।
कब आओगे गुरुदेव बहुत दिन बीत गए।
अब आन मिलो गुरुदेव बहुत दिन बीत गए।।
तुम समरथ स्वामी अन्तर्यामी।
किससे कहूं स्वामी अपनी कहानी।
मेरे अंतर पट दो खोल बहुत दिन बीत गए।।
तुम दर्शन दो गुरुदेव बहुत दिन बीत गए।।
अब आओ जयगुरुदेव बहुत दिन बीत गए।।
मेरी अरज सुनो गुरुदेव बहुत दिन बीत गए।।
जयगुरुदेव प्रार्थना 114.
★ Kab tak rahoge ruthe ★
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कब तक रहोगे रूठे विनती सुनो हमारी,
कुछ तो हमें बता दो क्या भूल है हमारी ।।१।।
सब लोक लाज छोड़ा एक गुरु से नाता जोड़ा,
मुख मोड़ आप बैठे बिगड़ी दशा हमारी ।।२।।
पापी हृदय पिघलकर आँखों से निकल आया,
इन आँसुओ की माला लो भेंट है तुम्हारी ।।३।।
पतितों को तारते हो पापों की क्षमा करके,
क्यों हो गुरुवर रूठे आई हमारी बारी ।।४।।
मै भिक्षु हूँ तुम्हारा दाता हो स्वामी मेरे,
खाली न मुझको भेजो होगी हँसी तुम्हारी ।।५।।
प्रार्थना 115.
★ Guruji meri lagi lagan mat todna ★
जयगुरुदेव
लागी लगन मत तोड़ना,
गुरुजी मेरी लागी लगन मत तोड़ना।।
मेरी नैया तुमरे सहारे, बीच भंवर मत छोड़ना।
गुरुजी मेरी लागी लगन मत तोड़ना।।
खेती बोआई मैने तेरे नाम की।
मेरे भरोसे मत छोड़ना।
गुरुजी मेरी लागी लगन मत तोड़ना।।
तुम ही मेरे सेठ हो, तुम ही साहूकार हो।
ब्याज पे ब्याज मत जोड़ना।
गुरुजी मेरी लागी लगन मत तोड़ना।।
प्रार्थना 116.
★ Mere pyare dayalu satguru ★
मेरे प्यारे रंगीले सतगुरु मेरी सुरत चुनरिया रंग दो।
मेरे प्यारे रंगीले सतगुरु, मेरी सुरत चुनरिया रंग दो।।
मेरी सुरत चुनरिया रंग दो,
इसे उज्जवल निर्मल कर दो।
मेरे प्यारे रंगीले सतगुरु मेरी सुरत चुनरिया रंग दो।।
प्रेम सिंधु तुम अगम अपारा,
तुम ही मेरे नैनन तारा।
मोहे प्रेम दीवानी कर दो मोहे प्रेम दीवानी कर दो।।
मेरे प्यारे रंगीले सतगुरु मेरी सुरत चुनरिया रंग दो।।
रंग भरे तुम रंग बरसाओ,
रंग भरे रंग तुम बरसाओ।
मेरे मन की प्यास बुझाओ।
मेरे मन की कलशिया भर दो।
मेरे प्यारे रंगीले सतगुरु मेरी सुरत चुनरिया रंग दो।।
मन मोहन है रूप तुम्हारा,
मुझको है प्राणों से प्यारा।
मेरे हिए मुकुर में धर दो।
मेरे प्यारे रंगीले सतगुरु मेरी सुरत चुनरिया रंग दो।।
मन माया से अलग बचाकर, मोहि अजर अमर धुर वर दो.
मेरे प्यारे रंगीले सतगुरु मेरी सुरत चुनरिया रंग दो।।
बहु दिन बीते करत पुकारा,
हमको केवल एक सहारा,
हम को केवल तेरा सहारा।
मेरी आशा पूरी कर दो।
मेरे मन की कलशिया भर दो।
मेरे प्यारे रंगीले सतगुरु मेरी सुरत चुनरिया रंग दो।।
काल करम मोहे बहु भर्मावत,
मन मेरा मोहे नाच नचावत।
मेरे पांचों चोर पकड़ दो,
मेरे पांचों चोर पकड़ दो।
मेरे मन की कलशिया भर दो,
मेरे मन की कलशिया भर दो।।
जित जाऊं तित काल सतावत, चरणन में चित मोर जकड दो।
मेरे प्यारे रंगीले सतगुरु मेरी सुरत चुनरिया रंग दो।।
तुम दाता क्यों देर लगाओ, अब तो जल्दी कर दो।
मेरे प्यारे रंगीले सतगुरु मेरी सुरत चुनरिया रंग दो।।
कहाँ लग कहूं कहन नहीं आवे. मांगू सो मोहि वर दो।
मेरे प्यारे रंगीले सतगुरु मेरी सुरत चुनरिया रंग दो।।
सतगुरु स्वामी प्रीतम प्यारे,
हम हैं केवल शरण तुम्हारे।
नित नित अपना संग दो,
मोहे नित नित अपना संग दो।।
मेरे प्यारे रंगीले सतगुरु मेरी सुरत चुनरिया रंग दो।
मेरे प्यारे रंगीले सतगुरु मेरी सुरत चुनरिया रंग दो।।
प्रार्थना 117.
★ Meri naiya k satguru khivaiya ★
मेरी नैया के सतगुरु खिवैया,
मुझे तूफान का डर नहीं है !
डूब जाए जो मेरा सफ़ीना,
इतना गहरा समुंदर नहीं है !!
मुझे बहकाओ मत दुनिया वालों,
सर झुकाने दो गुरु के चरण में।
इसमें चेतन्य है रूप प्रभु का,
गुरु अनामी है मानव नहीं है।।
जयगुरुदेव
प्रार्थना 118.
★ Mera jivan sara beete ★
मेरा जीवन सारा बीते, तेरा नाम जपते जपते।
कोई बाधा न आने पाए, तेरी राहों में चलते चलते।।
भवसागर में मेरी नैया, जिसका कोई नहीं खिवैया।
भव सागर तर जाऊं, तेरा नाम जपते जपते।।
तेरी मंजिल मुझे बुलाए, मेरे पांव ना डग मगाएं
तेरी मंजिल तक में पहुंचूं, तेरा नाम जपते जपते।।
जिस हाल में सतगुरु राखो, खुश होकर उसे गुजारूं।
मेरी स्वांसें पूरी होवें, तेरा नाम जपते जपते।।
मेरा जीवन सारा बीते, तेरा नाम जपते जपते।
कोई बाधा न आने पाए, तेरी राहों में चलते चलते।।
जयगुरुदेव ★
शेष क्रमशः पोस्ट न. 20 में पढ़ें 👇🏽
पिछली पोस्ट न. 18 की लिंक...
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baba Jaigurudev |
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