◆ JaiGuruDev Prarthanayen ◆ (post no.12)
जयगुरुदेव प्रार्थना
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मेरी नैया भंवर में फंसी है,
हाथ आता किनारा नहीं है |
सतगुरु पार कर दो दयाकर,
और कोई सहारा नहीं है ||
जन्म देकर जगत में फंसाया|
गुरु तुम ही निकलोगे इससे,
और कोई भी चारा नहीं है ||
ऐसे पापी भी तो तर गये हैं |
कौन है जो शरण आ गया हो,
और गुरु ने उबारा नहीं है ||
मेरे ह्रदय में बस जाओ स्वामी |
और कोई रूप प्यारा नहीं है ||
हो सकेगा न साधन भजन कुछ,
जो सहारा तुम्हारा नहीं है ||
भीख दे दो मुझे अब दया की|
हाथ जिसका भी पकड़ा है तुमने,
पार किसको उतारा नहीं है ||
हाथ आता किनारा नहीं है |
सतगुरु पार कर दो दयाकर,
और कोई सहारा नहीं है ||
जयगुरुदेव प्रार्थना
भटकती सुरत को पावन,
शरण में इससे आया हूं,
मेरी झोली भी भर कर के,
दया कर तुच्छ सेवक यदि,
हो पारस लोहे को कंचन,
उस अंतिम स्वांस लौ अपना,
जयगुरुदेव प्रार्थना
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मुझे है काम सतगुरु से,
जगत रूठे तो रूठन दे।।
मान धन लाज लोकन की।
गुरु का भजन करने में,
अगर छूटे तो छूटन दे।।
बैठ सत्संग सन्तन के।
लोग दुनिया के भोगों में,
मौज लूटे तो लूटन दे।।
गुरु का ध्यान करने की।
प्रीत संसार विधियों से,
अगर छूटे तो छूटन दे।।
मेरे गुरुदेव ने झटकी।
वो ब्रह्मानन्द ने पटकी,
अगर फूटे तो फूटन दे।।
जगत रूठे तो रूठन दे।।
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जिसे सुनकर के मस्ती में,
ये बोझा मेरे तेरे का,
दुखी दुनिया के हाहाकार,
तुम्हारी सत्य दुनिया की,
जिसे सुनते ही प्रेमी जन,
तुम्ही में अपनी हस्ती को,
सुना करके मधुर वह तान
जिसे सुनकर के मस्ती में
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मुझे निज कर के अपना लो गुरु।
वचन सुना के जगा दो गुरु।
मेरे पूरण भाग बढ़ा दो गुरु।
मोहि प्रेम का प्याला पिला दो गुरु।
मोहि अन्तर में दरसा दो गुरु।
मेरा बज्र कपाट खुला दो गुरु।
आज शब्द से सुरति मिला दो गुरु।
अब जाल से खूंट छुटा दो गुरु।
अबके पार लगा दो गुरु।
मोई मेहर से पार करा दो गुरु।
दे दर्शन प्यास बुझा दो गुरु।
मुझे शब्द का भेद बता दो गुरु।
मेरी जल्दी फांस कटा दो गुरु।
इनका जाल मिटा दो गुरु।
मेरे मन को इनसे हटा दो गुरु।
मेरे घट से जोर घटा दो गुरु।
इसे शब्द का चाट चटा दो गुरु।
मेरा आवागमन मिटा दो गुरु।
मेरी जड़ से गांठ खुला दो गुरु।
मुझे घंटा शंख सुना दो गुरु।
मुझे गुरु का रुप दिखा दो गुरु।
मुझे बंशी की तान सुना दो गुरु।
मुझे बीन की धुन दरसा दो गुरु।
मुझे जयगुरुदेव धाम वसा दो गुरु।।
मुझे चरणों का दास बना लो गुरु,
मुझे निज कर के अपना लो गुरु।
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Jaigurudev