*Swami Ji Ne Kahaa*


*【 स्वामी जी ने कहा 】*
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●  यह काल भगवान की सृष्टि है। उसने शरीर दिया फिर बिगाड़ देगा उसके बाद दूसरे शरीर में बन्द कर देगा। उसका यह क्रम बराबर चलता रहेगा। जब तक तुम अपने घर सत्तलोक नहीं पहुंच जाते स्थायी आराम नहीं मिलेगा। 

●  भजन धीरज का काम है, जल्दबाजी का नहीं। जल्दबाजी करोगे तो काम बिगड़ जाएगा। विवेक से काम लो। भजन लगन और विरह से करना चाहिए। 

●  चाहे स्त्री हो  या पुरुष, धीरे धीरे बात समझ में आती है। यहां भी कितनी देवियां आती हैं उनके पति रोकते हैं पर वो फिर भी आती हैं तो वो हार जाते हैं और कहते हैं चलो हम भी चलेंगे। इसलिए अपने काम में हारना नहीं । 

●   जो भी काम करो लगन से करो। जो चीज बिगड़ने वाली है वह बिगड़ेगी, तुम उसके पीछे क्यों पड़े हो।
तुम अपने को देखो, इनके उनके पीछे पड़े रहते हो और इसी का रोना गाना गाते रहते हो। यह नहीं कि अपना भजन करो।
हमको बड़ा दुःख रहता है कि ऐसा रास्ता पाकर भी तुम्हारे अन्दर लगन नहीं। 

●   परमार्थ की चाह होनी चाहिए। परमार्थ लगन से बनता है, दिखावे से नहीं। बनावटी काम करोगे कि वह ऐसा करता है तो मैं भी करुं, तो उसमें ईर्ष्या होगी जलन होगी। तुम अपना ही नुकसान करोगे। 

●   मेरे ऊपर ज्यादा बोझ मत दो। मैं कहते-कहते थक गया। शरीर पुराना हो गया है। अब ज्यादा मेहनत नहीं कर सकता। तुम दर्शन के लिए कूंदा फांदी करते हो यह अच्छी बात नहीं। प्रणाम दूर से भी किया जा सकता है। दूर से दर्शन करो, प्रणाम करो, अपनी आंखों में उतार लो।


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*【 चर्चे हो रहे 】*
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भारत के अनेक प्रान्तों के गांव-गांव में चर्चे हो रहे हैं, सन्देश सुनाए जा रहे हैं बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के जिन्होने सत्संगियों को आदेश दिया है कि एक-एक गांव में जाकर लोगों को आत्मा परमात्मा के बारे में, शाकाहारी रहने के बारे में बता दो।

मोतीहारी, रांची से प्राप्त सूचना के अनुसार गांव के प्रतिष्ठित लोगों ने कहा कि अभी तक आप कहां थे। पानी बरस रहा है उसमें भी प्रचार रुका नहीं। गांव वाले प्रार्थना कर रहे हैं कि बड़ा कार्यक्रम करिए हम सब साथ देंगे। ऐसे ही सन्देशों की अब जरूरत है।

स्वामी जी महाराज की दया का प्रत्यक्ष लोग अनुभव कर रहे हैं, लोगों के विचार बदल रहे हैं,  गलत खान पान से लोग मुख मोड़ रहे हैं और सन्देशों को हर वर्ग बहुत चाव से सुन रहा है। नये नये लड़कों के भाषण सुनकर पढें लिखे लोग अचंभित हो रहे हैं और कह रहे हैं कि ऐसा तो उन्होने कभी नहीं सुना।


स्वामी जी महाराज ने नए साल के दिन अपने सन्देश में कहा था कि तुम पढे लिखे, बे-पढे किसी को भी खड़ा कर दो, स्विच तो यहां से दबेगा और वहां उसके भाषण को सुनकर लोग सोचने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
जमाना बदलेगा, भारी परिवर्तन होगा जो अभी किसी के दिल दिमाग में नहीं है। 

साभार,
(जयगुरुदेव शाकाहारी सदाचारी पत्रिका,
28 जनवरी से 6 फरवरी 2002 तक)

जयगुरुदेव ●

shakahari patrika 28 jan. to 06 far. 2002
 

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