*सन्त उमाकान्त जी महाराज की सम्मति*

*सन्त उमाकान्त जी महाराज की सम्मति*
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यह दो हजार 19 का सन् 
पिछले से खतरनाक होगा।
तुम रटलो जयगुरुदेव नाम 
हर संकट से बचाव होगा।।

यह काम जरूरी है सबको 
इसमे मत हो कोई देरी।
चाहे गाँव शहर या कस्बा हो 
हर दिन पर हो प्रभात फेरी।।
 
पूज्यनीय समय के सतगुरुजी 
प्रभु उमाकाँत का कहना है। 
घटनाये घटने वाली हैं 
उन सबसे बच कर रहना है।।

मंदिर मस्जिद या जाति धर्म की 
यदि उन्मादी चर्चा हो ।
तुम उससे बचकर के रहना 
चाहे देता कोई खर्चा हो।।

यह मंदिर मस्जिद पूजाघर 
बिगड़ेंगे फिर बन जायेंगे।
लेकिन दंगे मे मौत हुई 
मानव तन कैसे पायेंगे।।

जो मरते हैं दुर्घटना मे वे भूत प्रेत हो जाते हैं ।
वे प्रेत पिशाच किसी को भी 
लग जाते उसे रुलाते हैं।।

यह भूत प्रेत भूखे रहते 
दिन रात सदा अकुलाते हैं।
जो भले बुरे का भेद त्याग 
चाहे जिसको लग जाते हैं।।

उनसे बचने का एक मात्र 
महाराज ने जतन बताया है।
सब रट लें जयगुरुदेव ध्वनी 
ऐसा सबको समझाया है।।

इस तरह काट लो सन् 19 
फिर ऐसा काम दिखाना है। 
सतगुरु की इच्छा पूरी हो 
धरती पर सतयुग लाना है।।

सब देश विदेश सुखी होवें 
खुद भजन करें करबाना है। 
दर्शन हो जाये मालिक का 
मानव तन सुफल बनाना है।।
 
प्रेमियों किसी की भी निंदा 
अथवा बुराइयां मत करना। 
जो करता उसको करने दो 
रगड़े झगड़े मे मत फँसना।।

हमको तो प्यार मोहब्बत से 
जो सुने उसे समझाना है।
शाकाहारी करके उनको 
मालिक का नाम रटाना है।।

यह परमार्थ की सेवा है 
यह ही हम सबको करना है।
धीरे से निकल चलो घर को 
संसार मे नही उलझना है।।

*जयगुरुदेव*
 
  जयगुरुदेव  जयगुरुदेव  जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव।

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