*सन्त उमाकान्त जी महाराज की सम्मति*
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यह दो हजार 19 का सन्
तुम रटलो जयगुरुदेव नाम
यह काम जरूरी है सबको
चाहे गाँव शहर या कस्बा हो
पूज्यनीय समय के सतगुरुजी
घटनाये घटने वाली हैं
मंदिर मस्जिद या जाति धर्म की
तुम उससे बचकर के रहना
यह मंदिर मस्जिद पूजाघर
लेकिन दंगे मे मौत हुई
जो मरते हैं दुर्घटना मे वे भूत प्रेत हो जाते हैं ।
वे प्रेत पिशाच किसी को भी
यह भूत प्रेत भूखे रहते
जो भले बुरे का भेद त्याग
उनसे बचने का एक मात्र
सब रट लें जयगुरुदेव ध्वनी
इस तरह काट लो सन् 19
सतगुरु की इच्छा पूरी हो
सब देश विदेश सुखी होवें
दर्शन हो जाये मालिक का
प्रेमियों किसी की भी निंदा
जो करता उसको करने दो
हमको तो प्यार मोहब्बत से
शाकाहारी करके उनको
यह परमार्थ की सेवा है
धीरे से निकल चलो घर को
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Jaigurudev