★ *साधना करने वालों को ये प्रतिज्ञा माननी होंगी* ★
१ *√ प्रथम में उपदेश लेने के बाद से सत्य बोलूंगा|*
२ *√ ब्रह्मचर्य का पालन दो माह तक करुंगा|*
३ *√ मेहनत की कमाई से अपना और अपने परिवार का पालन करुंगा|*
४ *√ अपनी स्त्री के अतिरिक्त सब हमारी बहिन, बेटी व माता होंगी|*
५ *√ राज्य सरकार की नौकरी का कार्य भली भांति मेहनत के साथ करुंगा|*
६ *√ सारे मनुष्य के साथ प्रेम करुंगा|*
७ *√ अपनी आमदनी के सौ हिस्से में से पांचवा हिस्सा परोपकार में अथवा गुरु की सेवा में खर्च करुंगा|*
८ *√ जीव हिंसा किसी भी जीवों की नहीं करुंगा|*
९ *√ किन्हीं भी जीवों का मांस नहीं खाऊंगा||*
१० *√ शराब, अफीम, गांजा, भांग आदि नशीली वस्तुओं का सेवन नहीं करुंगा||*
११ *√ कितना भी कष्ट आने पर अण्डा नहीं खाऊंगा||*
१२ *√ सदा धर्म के न्याय का पालन करुंगा||*
१३ *√ पक्षपात से सदा दूर रहूंगा और जो न्याय होगा उसके करने में कभी हिचकूंगा नहीं||*
१४ *√ सदा न्यायपूर्ण इंसाफ करुंगा चाहे अपने घर के ही लोग हों||*
१५ *√ गुरुजनों की सेवा तन, मन, धन से करुंगा||*
१६ *√ जो भी अतिथि हमारे ग्रह द्वार आयेंगे उनकी भली भांति अपनी शक्तिअनुसार सेवा करुंगा||*
१७ *√ अपने शरीर से किसी को दुःख नहीं पहुंचाऊंगा|*
१८ *√ जो गुरु ने रास्ता आत्मकल्याण का दिया है उसके लिए डेढ़ घण्टा सुबह और डेढ़ घण्टा शाम को अपना वक्त साधना में दूंगा|*
१९ *√ किसी अतिथि साधू महात्माआंे से किसी पदार्थ की कभी याचना नहीं करुंगा|*
२० *√ अपने शरीर को गुरु समर्पण कर दूंगा जैसे एक स्त्री अपने पति को शरीर समर्पण कर देती है|*
२१ *√ जो भी वस्तु अपने शरीर से सम्बन्ध रखती है वह गुरु की है और गुरु की वस्तु अपनी समझूंगा|*
२२ *√ बाहर और अन्दर से किसी प्रकार गुरु से दुराव नहीं करुंगा|*
२३ *√ गुरु के नियमों का भली भांति पालन करुंगा|*
२४ *√ जो अपना ध्येय गुरु से उपदेश लेने का है उसको पूरा कर दिखाऊंगा|*
२५ *√ सत्संग के कार्य को भली भांति बढ़ाऊंगा|*
२६ *√ सिनेमा थियेटर आदि कुचरित्र की क्रिया को नहीं देखूंगा|*
साभार, अमर सन्देश
जयगुरुदेव ●
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