जयगुरुदेव
समय का संदेश
14.11.2024
कटनी, म. प्र.
1. *यह संसार ही सन्तमत का होगा।*
3:04:34 - 3:05:22
मैं मिलूंगा सबसे। मैं नजदीक से देखूंगा, आप भी देख लेना। कहा ना कि -
दरस परस मंजन और पाना,
कटे पाप कहें वेद पुराना।
तो बहुत पहले समय से ये चीज चली आ रही है। गुरु महाराज तो एक- एक से मिलते थे। सिर पर हाथ भी रखते थे लेकिन उस समय संख्या कम रहती थी। अब तो बहुत बढ़ गई और बढ़ती ही जा रही है और देखना आगे चल करके कितनी बढ़ेगी। सन्तमत की ये जो बेल है, ये बढ़ती ही जाएगी। देश में तो बढ़ेगी ही, विदेशों में ये फैल जाएगी। समय आएगा तो ये संसार ही सन्तमत का होगा।
2. *जयगुरुदेव नामध्वनी बोलने से बहुत से लोगों की जटिल समस्याएं सुलझ गई।*
1:46:04 - 1:47:03
देखो! इसमें बहुत से लोग मिल जाएंगे जो जयगुरुदेव नाम बोल करके फायदा उठाए हैं। मुसीबत में, तकलीफ में, गरीबी में जयगुरुदेव नाम की धुनी सुबह शाम जो इस समय बताई गई है कि बोलो जयगुरुदेव नाम की धुनी और अपनी तकलीफों को दूर करो। विश्वास के साथ जो करने लगे हैं, उनकी तकलीफों में कमी आ गई है। बहुत से लोगों की बहुत सी तकलीफें दूर हो गईं। जटिल समस्या जिसे कहते हैं, जटिल समस्या किसे कहते हैं? जैसे कोई गांठ फंस जाती है तो जल्दी खुलती ही नहीं है। गाड़ी चलते चलते गियर फंस गया तो गियर लगता ही नहीं है, छूटता ही नहीं है। तो कहते हैं बड़ी जटिल समस्या हो गई। ऐसे ही बड़ी जटिल जटिल समस्या सुलझी हैं लेकिन जिन्होंने विश्वास कर लिया है उनकी।
3. *गुरु किस चीज से खुश होते हैं?*
1:32:34 - 1:33:40
गुरु किससे खुश होते हैं? जिस काम के लिए आते हैं उस काम में जो मदद कर देते हैं, उससे गुरु खुश हो जाते हैं। जैसे गुरु महाराज आए थे तो गुरु महाराज ने क्या नारा लगाया, क्या सिखाया? जब देखा कि जीव बहुत दुखी हैं, परेशान हैं तब उन्होंने कहा कि भाई जिस तरह से पतीली में ही नमक डाल दिया जाता है तो दाल के हर दाने में नमक आ जाता है, नमकीन हो जाता है तो इसी तरह से एक ऐसा काम क्यों न किया जाए जिससे लोग खुशहाल हो जाएं, अपने कर्तव्य को समझने लगें, अपने को समझने लगें, अपनी आत्मा को समझने लगें, परमात्मा को समझने लगें। ऐसा काम क्यों न किया जाए, तो वो कौन सा काम? सतयुग लाने का काम।
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