जय गुरु देव : सत्य घटना
बाबा उमाकान्त जी महाराज उज्जैन संगत की गुलाब बाई एक दिन अपने निवास स्थान उज्जैन के हीरा मिल की चाल से फ्रीगंज क्षेत्र को जा रही थी।
प्लेटफॉर्म पर एक ट्रेन खड़ी थी आधा घंटा उन्होंने इंतजार किया कि ट्रेन आगे बढ़े और मैं उस पार निकल जाऊँ पर वह ट्रेन आगे नहीं बढ़ी फिर।
उनके मन में यह विचार आया कि ट्रेन के नीचे से निकलकर मैं पटरी पार कर लूंगी और मुझे फ्रीगंज जाना है तो मैं वहां जल्दी से जल्दी पहुँच जाऊँगी।
फिर ट्रेन के नीचे से उनका निकलना हुआ और अचानक ही ट्रेन चल दी जैसे ही ट्रेन आगे बड़ी गुरु महाराज की दया से उनके दिमाग में एक विचार आया कि मैं तुरंत पटरी के बीचो-बीच लेट जाती हूँ और वह पटरी के बीच में लेट गई और उनके ऊपर से पूरी 15 डब्बे की ट्रेन निकल गई।
सिर्फ वह नामध्वनि बोलती रही जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव
शेष क्रमशः अगली पोस्ट 31. में पढ़ें ...👇
★ जयगुरुदेव ★
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Jaigurudev