*शराब, कबाब, शबाब विनाश के, भक्षक देवता हैं- सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज*

जयगुरुदेव 

09.07.2024
प्रेस नोट
बावल (हरियाणा)


*शराब, कबाब, शबाब विनाश के, भक्षक देवता हैं- सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज*

*बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताये सपूत के लक्षण, सपूत बनो तब तो भवसागर पार हो पाओगे*



निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के लायक सच्चे सपूत, उनके नाम-काम को आगे बढाने में दिन-रात एक करने वाले, उनके आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि 

शराब, शबाब, कबाब यह विनाश के देवता हैं। जैसे रक्षक देवता होते हैं, ऐसे भक्षक देवता भी होते हैं। यह जीवन को बर्बाद कर देने वाले होते हैं। कबीर साहब ने कहा- मांस मछलियां खात है, सुरा से करते हेत। ये नर नरके जाएंगे माता-पिता समेत।। इतिहास मिलता है, जो सपूत हो जाते हैं, खुद तो पार हो जाते हैं, अपने माता-पिता और विद्या गुरु को भी पार कर दिया करते हैं। सपूत किसको कहते हैं? लीक लीक कायर चले, लीकै चले कपूत। लीक छाड़ तीनों चलें, शायर सिंह सपूत।। लीक कच्चे रास्ते को कहते हैं। 

कायर लीक को देखते हुए, लीक पर चलता है। कायर किसको कहते हैं? वो जो अपना स्थान नहीं बना पाते हैं। दूसरे के सहारे रहते हैं। जब हारने लगते हैं तो हाथ उठाकर के सरेंडर कर देते हैं। कपूत किसको कहते हैं? जिनके बारे में बहुत से लोग कहते हैं, बच्चे और बच्चियां, लड़का बिगड़ गया, लड़का शराबी हो गया, लड़का घर से निकल जाता है, लड़का बात नहीं मानता है, लड़की बात नहीं सुन रही, शादी करने के लिए तैयार नहीं है जहां मैं चाहता/चाहती हूं, वह कपूत हो जाते हैं।

*सपूत किसको कहते हैं*

लीक छाड तीनों चलें, इन रास्तों को जो छोड़ करके चलता है। जैसे शेर जिधर चल पड़ता है, रास्ता हो जाता है। शायर होता है, शायरी करते हैं, कविता लिखने वाले दूसरे की कविता की नकल नहीं करते हैं। कवि सम्मेलन में एक आदमी ने प्रश्न किया, इसने कविता में उत्तर दिया। तुरंत दिमाग में या कागज पर लिख डालते हैं। वही उसका पढ़ करके कविता में ही जवाब दे देते हैं। तो शायर सिंह सपूत। कौन होते हैं? जैसे बहुत से लोग आप लोग फंसे हुए हो की पिताजी कहते थे कि पत्थर धो करके पियो तो मुक्ति हो जाएगी, दादाजी कहते थे कि तीर्थ नदियों में स्नान करोगे तभी मुक्ति मोक्ष मिलेगा। 

कोई कहता हमारे यहां देवी को, देवता को खुश किया जाता था, मुर्गा बकरा भैंसा की बलि चढ़ाई जाती थी। वह (व्यक्ति) क्या कर रहा है? लीक पर ही चल रहा है। वह सपूत कैसे बन सकता है? उसे लीक को जब छोड़ना पड़ेगा और ये सन्तमत का रास्ता अपनाना पड़ेगा, जो सीधा सरल है, जिसमें कोई दिक्कत बाधा नहीं, तब तो (भवसागर से) पार हो पाएगा। सपूत वह होता है जो सब चीज को भूलता है। 

आगे बढ़ने की, अपने हिम्मत पर कोशिश करता है। ऐसे को साथी मिल जाते हैं, ट्रेन करने वाले मिल जाते हैं। जो बच्चे तेज होते, मेहनत करते हैं तो मास्टर उनसे प्यार करते हैं। उनको आगे बढ़ाने की कोशिश करते हैं। अपने घर पर भी बुलाकर पढ़ाते हैं कि यह टॉप कर जाए, आगे बढ़ जाए। जो हिम्मत करता है उसको समर्थ गुरु मिल जाते हैं। उसको भवसागर से पार करने का रास्ता दिखा कर, चला कर, उसको पहले पार कर देते हैं। फिर उसके अंदर शक्ति आ जाती है तो माता-पिता, कुल गुरु को कितने सन्तों ने पार कर दिया। इसी तरह से जहन्नुम नरकों में ले जाने वाले, खाने-पीने वाले लोग होते हैं, वह सब को ले जाते हैं, मांस मछलियां खात है, सुरा से करत है हेत।

*मांस मछलियां खाने-पीने वाले लोग नरकों में ले जाने वाले होते हैं*

सुरा कहते हैं शराब को, नशे को, शराब जैसा कोई भी नशा हो, सब उसी में आता है। शराब, कबाब , शबाब यह सब क्या है? शराबी का शरीर जब सूखने लगता है, जब अंदर से शक्ति कम होने लगती है, तब लोग कहते हैं मांस नहीं खाओगे तो तुम्हारे आंतें लीवर खराब हो जाएगा, तुम्हारी खाले सिकुड़ जाएंगी। 

तो मांस खाने लगता हैं। और शराब मांस क्या मांगता है? शराब, कबाब क्या मांगता है? शबाब, जो औरतों की पहचान खत्म करता है, मां बहन बेटी की पहचान खत्म कर देता है, सबको अपनी औरत ही समझने लगता है, अपनी बच्ची को भी अपनी औरत समझ बैठता है। ऐसे लोगों का क्या होता है? माता-पिता सहित नरक जाना पड़ता है कबीर साहब ने कहा।




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