1644. भजन करना है तो रात को एक रोटी की भूख रखकरके खाओ ताकि आलस्य,नींद ना आवे, बैठ सको।
1645. तन मन धन से कोई अच्छा काम बन जाए तो उसमें गुरु, प्रभु की दया समझनी चाहिए।
1646. बुराई, निन्दा करने वाले से दुश्मनी नहीं करनी चाहिए।
1647 छोटा बन जाओगे तो सीख जाओगे, अहंकार में सब चला जाता है।
1648 देखने, सुनने, कहने और गलत काम शरीर से करने पर पाप लगता है।
1649 गुरु भक्ति वही कर पाता है जो गुरु का गुलाम होता है।
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TV Episode - 1148 | सन्तों की पहचान कौन करवाता है ? भाग -2
1650 प्रार्थना - गुरु जी मेरी क्यों नहीं सुनत पुकार |
1651. काल तो खुद ही पिता बनकर बैठ जाता है।
1652. देखने, सुनने, कहने और गलत काम शरीर से करने पर पाप लगता है।
1653. छोटा बन जाओगे तो सीख जाओगे, अहंकार में सब चला जाता है।
1654 प्रार्थना - गुरु जी मेरी क्यों नहीं सुनत पुकार |
1655 प्रार्थना - सतगुरु पार लगाओ मोरी नैया |
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