वार्षिक भण्डारा प्रसाद वितरण की रूपरेखा
जयगुरुदेव
वार्षिक भण्डारा प्रसाद वितरण की रूपरेखा
सभी प्रांत वाले अपने अपने हिसाब से (बड़ी संगत/छोटी संगत/कम संगत) योजना बना लें।
परम पूज्य बाबा जयगुरुदेव जी महाराज व वक्त गुरु परम पूज्य बाबा उमाकान्त जी महाराज का स्वरूप साफ कुर्सी या तखत पर साफ सफेद कपड़ा डालकर लगाएंगे। उसके बाद -
*********************************
प्रार्थना भाव भक्ति वाला बोला जायेगा -
1. गुरु बिन मैलो मन को धोई......
2. यह विनती गुरुदेव हमारी.......
फिर ध्यान भजन 15-15 मिनट किया जायेगा। उसके बाद --
संदेश वाहक, वक्ता कुछ सुनाएंगे -
1. जयगुरुदेव नाम की महिमा, नाम ध्वनि, वर्णात्मक नाम, ध्वनात्मक नाम, वक्त गुरु से ही मिलता है।
2. वक्त गुरु की महिमा/जरूरत
3. चमत्कारी बातें सही सही बतावें (अपने क्षेत्रों के प्रेमी का नाम, नम्बर, पता नोट कर लें)
4. 12वे वार्षिक भंडारे का आँखों देखा हाल (दया का अनुभव बताना है)
उसके बाद समय अनुसार एक या दो चेतावनी बोलना है
१. गुरु बचा लोगे जिसको वो बच जायेगा...
२. छोड़ कर संसार जब तू जायेगा...
४. जीवन है बेकार भजन बिन दुनिया में...
उसके बाद नाम ध्वनि १०-१५ मिनट।
प्रसाद की महिमा बताकर सभी को प्रसादी बांट देना है।
कार्यक्रम में आये नये भाई बहनों को गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में नामदान दिलवाने का प्रयास करना है। नाम, नम्बर, पता नोट कर लें।
प्रसाद वितरण के बाद संगत के सभी भाई बहनों को संगत से संबन्धित सामान्य बातें बतानी हैं, जैसे-
१. गुरु महाराज के दर्शन के समय सिक्का, फूल न फेंकें।
२. दर्शन के समय जयगुरुदेव व नामध्वनि न बोलें, जिससे नये आये लोग गुरु महाराज से बात करने वाले अपनी बात आसानी से कह सकें।
३. साप्ताहिक सतसंग केन्द्र में आने का नियम बना लेना है।
४. मंदिर सेवा के लिये प्रेरणा देना है।
५. तन, मन, धन की सेवा की महिमा समझाना है।
६. सभी घरों में वक्त गुरु की फोटो व जयगुरुदेव नाम का झंडा लगाना है।
७. घरों पर जयगुरुदेव नाम लिखना है।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ
Jaigurudev