जयगुरुदेव प्रार्थना
◆ Guru bacha loge jisko vo bach jayega ◆
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गुरु बचा लोगे जिसको बो बच जायेगा,
फेर लोगे नजर तो वो फंस जायेगा ।
तेरी नजरों में कोई करामात है,
हर समय होती अमृत की बरसात है ।
उसको विरला ही कोई समझ पायेगा ।।
गुरु बचा लोगे...
वो दयादृष्टि जिस पर हो जायेगी,
भाग्य उसकी तत्क्षण सुधर जायेगा ।
वो सफल उसका नरतन भी हो जायेगा ।।
गुरु बचा लोगे...
बन चुका भार कोई हो संसार का,
फेर ली हो नजर जिससे सब प्यार का,
सब तरफ का भी हारा संभल जायेगा ।।
गुरु बचा लोगे...
तन में शक्ति नहीं, धन भी रत्ती नहीं ।
धर्म की भी तरफ भाव भक्ति नहीं ।
मन दुराचार में भी जो रम जायेगा ।।
गुरु बचा लोगे...
जिसका तेरे सिवा और कोई नहीं,
रात दिन तेरी भक्ति में सोई नहीं।
अंग संग उसके तब तू ही हो जायेगा ।
गुरु बचा लोगे...
जो नजर तेरी नजरों में डाले खड़ा,
धन्य वह हो गया भाग्यशाली बड़ा।
उसका यमदूत कुछ भी न कर पायेगा ।।
गुरु बचा लोगे...
दीन दुखिया है मैं तेरे द्वारे पड़ा,
पाप से भर चुका है ये मेरा घड़ा।
जो किया है उसी का फल पायेगा ।
गुरु बचा लोगे...
तेरे अतिरिक्त किसको पुकारूं गुरु,
तेरी मूरत सुरत में उतारूँ प्रभु।
नाम नौका पै चढ़ दास तर जायेगा ।
गुरु बचा लोगे...
नाम तेरा मैं मुख से उचारूँ प्रभु,
अपने अन्तः करण में निहारूँ प्रभु।
दीप जलते ही सब पाप धुल जायेगा।।
गुरु बचा लोगे...
दीप के साथ ध्वनियाँ भी बजने लगी,
स्वर्ग बैकुण्ठ की रील चलने लगी।
देव भी ऐसे साधु का गुण गायेगा ।।
गुरु बचा लोगे...
जयगुरुदेव भगवान का नाम है,
तुमको जो जान लेगा बना काम है।
देव मानव से भगवान हो जायेगा।।
गुरु बचा लोगे जिसको वो बच जायेगा।।
【 चेतावनी- Chhod kar sansar jab tu jayega 】
छोड़ कर संसार जब तू जाएगा।
कोई न साथी तेरा साथ निभाएगा।।
गर प्रभु का भजन किया ना,
सत्संग किया न दो घडि़याॅं।
यमदूत लगाकर तुझको,
ले जायेंगे हथकडि़यां।
कौन छुड़वायेगा- कोई न साथी......
इस पेट भरन की खातिर,
तू पाप कमाता निसदिन।
शमशान में लकड़ी रखकर,
तेरे आग लगेगी एक दिन।
खाक हो जायेगा- कोई न साथी........
सत्संग की बहती गंगा,
तू इसमें लगा ले गोता।
वरना इस दुनिया से,
जाएगा एक दिन रोता।
फिर पछताएगा- कोई न साथी.....
क्यों कहता मेरा मेरा,
यह दुनिया रैन बसेरा।
यहां कोई न रहने पाता,
है चंद दिनों का डेरा।
हंस उड़ जाएगा- कोई न साथी....
गुरुदेव चरण में निशदिन,
तू प्रीत लगा ले बन्दे।
कट जायेंगे सब तेरे,
ये जन्म-मरण के फंदे।
पार हो जायेगा- कोई न साथी.....
जयगुरुदेव चेतावनी
◆ Kya lekar tu aya jag me ◆
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Jaigurudev