महाराज जी के सत्संग वचनों के वीडियो क्लिप (मात्र 60 सेकंड में कुछ नया सुनें) 48.

परम् पूज्य परम् सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के जनहितकारी परमार्थी वचन:-

1091. प्रेमियो ! आपका मेहनत रंग लाएगा।

1092. मनुष्य की रक्षा के लिए ही पशु पक्षियों को बनाया गया है।

1093. प्रकृति से छेड़छाड़ के दुष्प्रभाव क्या होंगे ?

1094. अध्यात्म के सामने ये सारी चीज़ें छोटी पड़ जाती हैं।

1095. गर्व से कहो कि हम भारतीय हैं।

1096. आपको देश से प्रेम होना चाहिए।

1097. संगत की सेवा से शरीर के कर्मों को धो डालो।

1098. मौत का डर कब खत्म होगा ?

1099. बुरा काम करने के लिए मन कहे तो तुरंत निर्णय मत लेना।

1100. कम से कम दो लोगों को नामदान दिला दो।

1101. नामदान दिलाने से भजन में बरकत मिलेगी।

1102. देवी देवता साक्षात दिख जाएंगे।

1103. लगे रहोगे तो दया हो जाएगी।

1104. नौजवानों के हित के लिए नशा खत्म करो !*    

1105. मुनि और त्रिकालदर्शी किसे कहते हैं ?

1106. हद में रहे सो मानवा,वेहद रहे सो साध,हद वेहद दोनों तजे वाको मता अगाध।

1107. साध(साधक) और सन्त किसे कहते हैं ?

1108. आध्यात्मिक दौलत बख्शीश में मिलती है।

1109. मुख से कुछ बोलत नहीं नैन देत हैं रोए।

1110. अरे भइया खाली मत बैठो, कुछ कमाते रहो।

1111. व्यापार साझे (पार्टनरशिप) में मत करो।

1112. हमेशा रिश्ता दरवाजे तक ही रखो, घर में मत घुसने दो।

1113. संगत में तमाम ठग लोग घुस गए।

1114. जेवर, सोना पहनकर मत आओ।

1115. कोई किसी भी जाति मजहब का हो, किसी का कुछ छुड़वाते नहीं हैं।

1116. कदम कदम पर गुरु की जरूरत पड़ती है।

1117. आप क्या सेवा करोगे अब सेवा रह ही नहीं गई।

1118. मन धोखा दे तो क्या करना चाहिए ?

1119. असली बच्चा किसे मानते हैं ?

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अंदर और बाहर दोनों तरफ से अपने अपनाए हुए जीवों की संभाल करने वाले  

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