✶ परमात्मा का विधान ✶
जयगुरुदेव बाबा ने बताया कि 84 लाख योनियों में तथा नरकों में भ्रमण करने के पश्चात अंतिम योनि गाय और बैल की मिलती है। नरकों में जीवात्माओं को महान कष्ट मिलता है और निरन्तर चिल्लाया करती हैं। सदियों तक दुख भोगने के बाद तुम्हें यह अनमोल मनुष्य शरीर मिला है। यह इसलिए मिला है कि तुम भगवान का भजन करो और मरने के पहले अपनी जीवात्मा को उस आनन्द के देश में जहां न लड़ाई है, न झगड़े हैं, न बीमारी है, न किसी किस्म की गन्दगी है, न रोना है, न कल्पना है, पहुंचा दो। यह तुम्हारा जन्म जात अधिकार है।
भगवान को पाने का सबको समान अधिकार है। कबीर जुलाहे थे, रैदास चमार थे, राम क्षत्रिय थे, कृष्ण यदुवंशी थे। सभी धर्मग्रन्थों में बतााया है कि पथ प्रदर्शक होना चाहिये। वह कौन हो सकता है ? गुरु। कहा है कि गुरु बिन भव निधि तरै न कोई, जो विरंचि शंकर सम होई। मनुष्य शरीर में इस जीवात्मा को कैसे उतारा जाता है। यह सारा का सारा खेल दिव्य आंख खुल जाने पर नजर आता है। तो हम लोग गाय और बैल को इसलिये सम्मान देते थे कि शरीर छूटने के बाद इन्हें मनुष्य शरीर मिलेगा।
✶ आगे एक एसी स्कीम बनेगी कि शहर के सेठ साहूकार लोग गांवों में जब अनाज खरीदने जायेंगे तो किसान उनके रुपये पैसों को भी छीन लेंगे और मारेंगे भी।
✶गल्ले की कमी आगे इस तरह हो जायेगी कि लोग रुपये की झोली लेकर घूमेंगे और अन्न नहीं मिलेगा। भुखमरी होगी।
✶मनुष्यों में आजकल सिनेमा का इश्क बहुत अधिक है और यह मर्ज रोज बढ़ता जा रहा है। इस सिनेमा ने सबको बर्बाद कर दिया। हर एक सरकार को चाहिये कि सिनेमा द्वारा धन एकत्र करने की ओर ध्यान न देकर जनता के चरित्र को बनाने, उसे सुधारने के लिये कोशिश करे। सिनेमा को खत्म कर दिया जाये और वकीलों का पेशा खत्म हो जाय तो बुराई बहुत हद तक दूर हो जाये। और यह सरकार नहीं तो आगे आने वाली सरकार तो इन्हें जरूर ही खत्म कर देगी। मैं यूं ही नही कहता हूं, यह जरूर होगा।
✶ जयगुरुदेव के सम्बन्ध में लिखी हुई पुस्तकों को ही लोग ढूढ़ ढू़ढ़ कर पढ़ेंगे। आज जो भौतिक सुख के पीछे लोग दौड़ते हैं आगे पराविद्या के लिये दौड़ेंगे। सत्संगी डायरियां लिखें। आगे चलकर वही मान्य होंगी और तुम्हारे द्वारा लिखित पुस्तकों की लोग पूजा करेंगे।
✶ स्वप्न सच होगा ✶
गौरखपुर। जयगुरुदेव बाबा ने यहां बताया कि तुमने मेरे बारे में बहुत कुछ कहा। मैंने तुम्हारी बातों पर ध्यान न दिया न तो आज देता हूं। जब तुम आते हो तो तुम्हें गले से लगाता हूं। मैंने जीवन में कभी बीड़ी मुंह से नहीं लगाया। तम्बाकू नहीं पिया और न चरस भांग या सुल्फा ही पिया और व्यसन तो आप छोड़ दीजिये। आप सोचते हैं कि मैं माल चाभता हूं लेकिन अगर आप मेरे साथ कुछ दिन रह लें तो आपको हैरत होगी और मेरे इतना खायें तों भूखों मर जायेंगे।
आप मुझे खेत पर काम करते देखें तो आप कभी यह सोच भी नहीं सकते हैं कि मैं मंच पर बैठकर बोल सकता हूं और मंच पर आप देखते हैं तो सोचते हैं कि मैं परिश्रम नहीं कर सकता। अभी आश्रम पर 52 बीघा जमीन में 900 मन गेहूं पैदा किया। अगर प्रकृति अनुकूल रहती तो 1500 मन होता। आप कहते हैं कि बाबा जी काम नहीं करते हैं। मैं हाराम की नहीं खाता हूं। किसी का एक गिलास पानी भी पी लेता हूं तो उसको अदा कर देता हूं।
बाबा ने आगे कहा कि मुझे स्वप्न होते रहते हैं। जमाना अब जरूर बदलेगा। लोगों में सद्भाव आयेगा। लोग मांस, मछली, अण्डा, शराब छोड़ेंगे। धर्म की तरफ लोगों का झुकाव होगा। यदि राम की बात मान लेता तो रावण की जीत हो जाती। लेकिन रावण राम की बात को नहीं मान सकता। लंका की त्रिजटा राक्षसी का स्वप्न यदि सच हो सकता है तो बाबा जी कोई लंका के राक्षस नहीं हैं। मैं तो उत्तरप्रदेश का हूं और गंगा यमुना के बीच की भूमि में पैदा हुआ हूं, मेरा स्वप्न कभी गलत नहीं हो सकता और न कभी गलत हुआ है।
✶ धर्म संस्थाओं की भूमियों को ऋषियों मुनियों के आश्रमों को जमीन को एक्वायर करके अगर उद्योग खोलें जा सकते हैं तो दिल्ली में राजनीतिज्ञों के कब्रों को भी खोद कर औद्योगिक संस्थान बनाया जा सकता है।
✶ जिस देश में नारियां शराब पीने लग जायं उस देश के लोगों का नैतिक और चारित्रिक पतन किस सीमा तक हो गया है इसे कहा नहीं जा सकता है। आज दिल्ली में 80 बल्कि 95 प्रतिशत नारियां शराब पीने लग गई हैं।
✶ सभी सत्संगी इकरार नामे के पर्चे एक एक घर में पहुंचा दें। एक समय भोजन न करें उससे पैसा बचाकर अवश्य पर्चे को छपवा दें।
✶ सभी सत्संगी सुमिरन ध्यान भजन अवश्य करें। जब तक तुम समय नहीं दोगे तब तक तुम्हारी दिव्य आंख नहीं खुलेगी और न ही परमात्मा की आकाशवाणियां ही सुनाई पड़ेंगी।
✶ राष्ट्रपति का चुनाव खुद जनता करे। जनता का प्रतिनिधी राष्ट्रपति हो।
✶ मेरा परिचय ✶
बाबा जी ने अपना परिचय देते हुये कहा कि मैं आपकी तरह से इंसान हूं। माताओं के गर्भ से पैदा हुआ और उन्होंने इस किराये के मकान का नाम रखा तुलसीदास। मेरा एक छोटा सा आश्रम मथुरा में है और मैं आपकी तरह किसान हूं। मैं खेती करता हूं साल में एक फसल में एक हजार मन गल्ला पैदा करता हूं। साग सब्जी सब इसके अलावा है। मेरे उस आश्रम पर कोई भी आ जावे बगैर भोजन किये लौट नहीं सकता है।
200 आदमियों का भोजन रोज बनता है। मैं साल भर पूरे देश में घूम घूम कर जयगुरुदेव नाम का प्रचार करता हूं। आप पहचान लें- मैं ही एक बाबा हूं जो पूरे भारत में जयगुरुदेव नाम का प्रचार करता हूं। यह जयगुरुदेव नाम मेरा नहीं है और न किसी जानवर का है। यह नाम भगवान का है। इस समय का जगाया हुआ नाम है जिससे आप सभी का कल्याण होगा। इस प्रकार पूरे साल भर मैं आप सबकी सेवा करता रहता हूं। मैं कोई भगवान नहीं हूं और न कोई महात्मा हूं मैं तो आप सबका सेवादार हूं।
मैं हर किसी छोटे-बडे़, हिन्दु-मुसलमान, पढ़े-लिखे बेपढ़ को दिल से लगाता हूं तथा सबके दुख दर्द को सुनता हूं। और उसको दूर करने का ढंग भी बताता हूं। इसके साथ ही मैं हर मनुष्य शरीर को भगवान से मिलने का रास्ता, वेदवाणी, आकाशवाणी, कलमा, आसमानी आवाजें सुनने का रास्ता बताता हूं।
✶ औतारी बच्चे विदेश नहीं गये हैं ✶
मडुवाडीह (देवरिया) 15 अक्टूबर। यहां ग्रामवासियों की एक विधानसभा को सम्बोधित करते हुये जयगुरुदेव बाबा ने कहा कि वर्षों से जो तकलीफ इस जिले पर आई है वह तुम लोगों के पाप बरस रहे हैं। ईश्वर की ओर से कुछ नहीं हो रहा है। अगर आप सभी अण्डा, मांस, शराब, ताड़ी, गांजा, भांग से दूर हो जायें, और अन्य अनैतिक कार्यों से दूर हो जाएँ तो यह पृथ्वी आपकी भरपूर सेवा करेगी।
चार महीने वर्षा, चार महीने गर्मी, चार महीने जाड़ा समय समय से पड़ेगा। न अधिक गर्मी, न अधिक वर्षा, न अधिक ठण्ड पड़ेगी। इसलिये आप लोग धर्म पर जल्द से जल्द आ जाइये तो प्रकृति आपका पूरा पूरा साथ देगी।
बाबा ने आगे कहा कि यह धर्म परायण देश है। यहां की जनता धर्म परायण है परन्तु आगे धीरे धीरे सब उस धर्म पर कुठारघात हो गया और होता जा रहा है जिसके कारण सभी तकलीफ में हैं। मैं आपकी तकलीफ से दुखी हूं। मैं यह राजनीति नहीं बोल रहा हूं, यह तो अभी आगे बोलूंगा। एक बात है और वह यह है कि जो बच्चे 20, 30 वर्ष के हैं उनका मैं आवाहन करता हूं कि वे अगर राजनीति में भाग लेना चाहें तो हरिद्वार में आयें और इकरारनामें भरें। 24 नवम्बर 73 से 1 दिसम्बर तक गंगा का आचमन कराया जायेगा और वे बच्चे देश व दुनिया में विशाल परिवर्तन लायेंगे, उनमें से कोई बच्चा विदेश नहीं गया है।
✶ और अखबारों की तरह हमारे इन अखबारों को रद्दी समझकर फेंक मत देना। हमारे ये अखबार कभी पुराने नहीं होंगे। चार साल बाद भी ये उसी दाम पर बिक जायेंगे।
✶ अगर तुम राज्य नहीं कर सकते हो तो गद्दी छोड़कर हट जाओ और बच्चों को आने दो। फिर देखो कि ये बच्चे क्या क्या काम करके दिखाते हैं।
✶महाभारत जब समाप्त हो जायेगा तब तुम्हें समझ आयेगी। जब कृष्ण भगवान ने लोगों को समझाया था तो कोई भी उनकी बातों को मानने को तैयार नहीं था। तुम्हें भी तब समझ में आयेगी जब काम पूरा होगा।
✶ तुम मेरी नकल मत करना। नकल करोगे तो मार खानी पड़ेगी। यह मेरी धार जो काम कर रही है इसके सामने जो भी आयेगा कट जायेगा।
✶ अब अगर तुमने भगवान पर और अपने गुरु पर विश्वास नहीं किया तो तुम्हें पछताना पड़ेगा। तुम इस रास्ते पर इतने आगे निकल आये हो कि यहां से आगे बढ़ने में ही कल्याण है। पीछे मुड़ जाओगे तो नुकसान ही नुकसान है। इसलिये अब मुड़ने का काम नहीं है।
✶ तुम टिकट बन्द कर दो, रेल हवाई जहाज को बन्द कर दो, बसों की परमिट कैंसल कर दो लेकिन इससे अब मेरे प्रेमी रुकने वाले नहीं हैं। मेरी आवाज लगते ही ये हजारों मील भी पैदल चल पडेंगे।
✶ हरिद्वार से धर्म का प्रकाश फैल गया है। उसकी किरणें अमेरिका और इंग्लैण्ड में पहुंच चुकी हैं। एक समय आ रहा है जबकि सब लोग संतमत को स्वीकार कर लेंगे।
✶ मैं तो धन्यवाद देता हूं बी.बी.सी. लंदन को जिसने हमारे इस आठ दिन के महामानव यज्ञ के प्रोग्राम को प्रसारित किया। शर्म है भारत के रेडियो और अखबार पर जिसने इतने बडे़ विशाल कार्यक्रम की जिसमें लाखों लोगों ने भाग लिया जरा भी चर्चा न की।
✶ प्रेमियों! अब समय आ गया है तुम अपने पेट को प्रेस और मुंह को अखबार बना लो और हरिद्वार के कार्यक्रम की चर्चा घर-घर में पहुंचा दो। तुम्हारा प्रेस और अखबार ऐसा काम करे कि जहां भी कोई गलत प्रचार किया जाये वहां तुम अपने मुखारबिन्द से अखबार से उनकी गलत बात को काटकर सच्चाई सबको बता दो।
✶ अब तुम्हें ये काम करना है जिसके लिये तुमने प्रतिज्ञा स्वरूप मुंह में बालुआ का कण रखा है। तुम सबको बता दो कि इस बार अपनी वोट की झाड़ू से एक बारगी इन सारे एम.पी एम.एलों को जब जब जहां जहां अवसर आये निकाल बाहर करो। फिर देखो स्थिति कैसे नहीं सुधरती है। इनके निकलते ही आठ आने सुधार अपने आप हो जायेगा।
✶बच्चों अब तुम्हारा काम ये है कि तुम जगह जगह स्कूल और काॅलेज में बच्चों को इकरार नामें के बारे में समझा दो। उनसे यह कह दो कि तुम्हें कोई पैसा खर्चा नहीं करना पड़ेगा। अगर तुम राजनीति में भाग लेना चाहते हो तो इसको भर दो।
✶ यह तुम्हें नहीं मालूम है केवल मैं जानता हूं कि वो कौन से बच्चे हैं जो आकर अपने कार्य कुशलता का परिचय देने लगेंगे।
✶ तुम क्या मेरे पास पुलिन्दे भेजते हो ? मैं तुम्हें क्यों अवतार घोषित करुं ? तुम जनता के सामने अपने कार्य करके दिखा दो। ये जनता तुम्हें भगवान मान लेगी। सूरज निकलता है वो कहने नहीं जाता है कि मैं सूरज हूं। प्रकाश को देखकर ही लोग समझ लेते हैं कि सूरज निकल आया।
✶ सन् 1984 से भारत के अखवारों और रेडियो पर से जनता का विश्वास हट जायेगा और वह उनसे उदासीन हो जायेगी।
✶ जिस महात्मा के दरबार में हजारों की भर्ती रोज हो रही हो वह महात्मा क्या नहीं कर सकता है ?
✶ अब बहुत से लोग तैयार हो गये हैं जो जान देने के लिये और हर काम करने के लिए तैयार हैं।
✶ सभी सत्संगी वोटरलिस्ट में अपना नाम देख लें। आगे सभी को मतदान देना है।
✶ मैंने उत्तरप्रदेश में कई स्थानों पर सत्संग में बताया कि वैसे तो भगवान को जो मंजूर होगा वही होगा किन्तु हमारी इच्छा तो यही है कि वर्तमान सरकार एकबार फिर शासन में आ जाये ताकि मेरा काम जो 2 वर्षों में होने वाला है वह एक वर्ष में ही पूरा हो जाये।
✶ स्वप्न में जो मुझको ऊपर से आदेश मिलते हैं उन्हें बराबर में लोगों को सुनाया करता हूं। मेरी कोई भी बात न गलत हुई और न भविष्य में कभी गलत होगी।
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