*भगवान के नियमों के खिलाफ काम करने से प्रकृति, देवी-देवता नाराज, हैं सजा देने को तैयार*

जयगुरुदेव

07.10.2023
प्रेस नोट
अलवर (राजस्थान)

*अपने-अपने समाज के लोगों को प्रेरणा दे कर बनाओ शाकाहारी नशामुक्त, होगा देश का बहुत बड़ा भला*

*भगवान के नियमों के खिलाफ काम करने से प्रकृति, देवी-देवता नाराज, हैं सजा देने को तैयार*


जीते जी जीवात्मा को उपरी दिव्य लोकों में भ्रमण कराते हुए अपने निज घर सतखंड जयगुरुदेव धाम ले चलने वाले, अंतर की दौलत देने वाले, गोपनीय पांच नाम का नामदान देने के लिए एकमात्र अधिकृत, वक़्त के मसीहा, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज जी ने 1 अक्टूबर 2023 प्रातः अलवर (राजस्थान) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि 

संग और समाज के दोष के वजह से लोगों ने मांस खाना, शराब पीना एक तरह से फैशन बना लिया। समाज के लोग चाहे व्यापारी, अधिकारी, चिकित्सक आदि हो, अपने-अपने समाज के लोगों को ही प्रेरणा देकर अगर शाकाहारी नशामुक्त बनाते हैं तो इससे देश का बहुत बड़ा भला हो जाएगा। बुद्धजीवी वर्ग अगर उनको सलाह दें, स्वस्थ मस्तिष्क से योजना बनाकर लागू कर दें तो यही देश जो सोने की चिड़िया, आध्यात्मिक गुरु था, अपने पहले की स्थान पर अब भी आ सकता है। शराब, कबाब, शबाब- यह एक दूसरे के साथी सर्वनाश करते हैं। 

दुर्योधन पापी के अन्न दोष से भीष्म पितामह की बुद्धि खराब हो गई थी तो मांस खाने से कैसे बुद्धि सही रह सकती है। शराब और मांस, अपराध और भ्रष्टाचार को जन्म देते हैं। इससे जब तक दूर नहीं होंगे तब तक प्रकृति खुश नहीं हो सकती। जब-जब धरती पर खून बहता है तब तब कयामत आती है। धर्म की जब जब हानि होती है तो भारी परिवर्तन होता है। सत्य अहिंसा परोपकार सेवा रूपी मानव धर्म खत्म होता चला जा रहा है। 

भगवान ने मानव बनाया, जाति-पाती, कौम-कौमियत, जिला-देश नहीं बनाया। मानवता का ह्रास होने की वजह से यह धरती हिल जाती है। धरती पर कही अग्नि लग जाती है। बहुत से लोग रिसर्च करते हैं। सरकारो को भी पता नहीं चलता की कहां से आग लगी। आग लगी क्योंकि देवता नाराज हैं। जितने भी जानवर मारे काटे जाते हैं इनके हड्डी खाल खून कि बदबू धरती पर गिरने से हवा में फैलने से दूषित हो रही है यह सब विनाश का कारण बन रहा है। इसी तरह से विनाश होता रहा तो लोग चैन की रोटी खा नहीं पाएंगे क्योंकि भूत परेशान करेंगे। बहुत अकाल मृत्यु होने से प्रेत आत्माओं के बढ़ने से घर में रोटी खाना मुश्किल होगा इसलिए हिंसा हत्या से बचने की जरूरत है।

 शाकाहारी दिवस तो 1994 से शुरू हुआ लेकिन इससे बहुत पहले से गुरु महाराज शाकाहार का प्रचार करवाते थे। हमारा अभियान तो बहुत दिनों से चला रहा है। नोट कर लो शाकाहारी नशामुक्त जब तक लोग नहीं बनेंगे कितना भी पूजा, पाठ, यज्ञ, जप, तप, हवन कर लेंगे लेकिन उसका फल नहीं मिलेगा। मानव मंदिर को साफ सुथरा रखोगे तभी प्रभु मिलेगा। नशे की हर चीज बाधा डालती है। चाहे नशे की गोली हो या शराब अफीम कोकीम गांजा भांग हो। इनका सेवन करोगे तो कोई भी जिम्मेदारी निभा नहीं सकते हो, चाहे घर का मुखिया हो या चाहे जिस कुर्सी पर बैठा हुआ अधिकारी हो या देश को चलाने वाले मंत्री प्रधानमंत्री राष्ट्रपति हो, ठीक से व्यवस्था चला नहीं सकता।

 अगर नशे में है और देश या घर पर हमला हो गया तो कुछ सूझेगा नहीं की कैसे हम धन संपत्ति देश बचाएं। संकल्प बनाने की जरूरत है कि स्वयं शाकाहारी रहेंगे और दूसरों को भी बनाएंगे। अपने-अपने स्तर से लग जाएंगे तो बहुत बड़ा काम हो जाएगा। संकल्प बनाओ कि एक-एक दिन में पांच-पांच आदमियों को शाकाहारी बनाएंगे। परिवर्तन की बेला है। कलयुग में कलयुग जाने और कलयुग में सतयुग आने की बात गुरु महाराज ने कही थी। वह समय धीरे-धीरे आ रहा है। अगर लोगों को सतयुगी चरित्रवान नहीं बनाया जाएगा तो वो कैसे सतयुग देख पाएंगे? 

इसलिए कड़क शब्दों में नहीं, हाथ जोड़कर विनय, हमारी तजो नशा बनो शाकाहारी, छोड़ो व्यभिचार बनो ब्रह्मचारी, सतयुग लाने की करो तैयारी। व्यभिचारियों को कभी मुक्ति मोक्ष नहीं होता। यह सत प्रतिशत सत्य है। नरकों में जाना ही पड़ता है। वहां काटा सड़ाया तपाया तड़पाया जाएगा। उनको बचाने की जरूरत है।


तकलीफों में आराम दिलाने वाले सन्त उमाकान्त जी महाराज 

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