जयगुरुदेव
03.08.2023
प्रेस नोट
उज्जैन (म.प्र.)
*बावल और उज्जैन स्थित बाबा जयगुरुदेव जी के मंदिर से कोई खाली नहीं जाएगा*
*यहां हैवान से इंसान, इंसान से भगवान बनाया जाता है*
निजधाम वासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, कर्म काटने के आसान से आसान उपाय बताने वाले, कर्मों की सजा से बचाने वाले, बिगड़े को सुधारने वाले, जान बचाने वाले, जिनके जितने गुण गाये जाए कम हैं, ऐसे इस समय के युगपुरुष, पूरे समर्थ सन्त सतगुरु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 1 अगस्त 2023 सुबह उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि
प्रेमियों ने आप फैसला किया है, कभी बावल चलेंगे, कभी यहां (उज्जैन आश्रम) आएंगे, महीने में हम लोग आते रहेंगे। बहुत अच्छा रहेगा। आपने जगह-जगह गोष्ठी की है। आप जिम्मेदार जो लोग गोष्ठी किए हो, लोगों को बता दो। आने-जाने से कर्म कटेगा।
यह ऐसी जगह है, यहां आने से कुछ न कुछ फायदा होगा ही होगा। यहां से कोई खाली नहीं जाएगा। अन्य आश्रम जो बने हुए हैं, जहां गुरु की दया हो रही है, ऐसे आश्रमों पर भी (कृष्ण पक्ष) त्रयोदशी का और पूर्णिमा का कार्यक्रम करना शुरू कर दो। मासिक सतसंग, साप्ताहिक सतसंग, दैनिक ध्यान-भजन का जो चल रहा है, इसको तो चलाओ ही चलाओ और जो लोग जिन प्रान्तों, जिलों में आश्रम हैं, जिसको जो नजदीक पड़े, वहां भी आने-जाने की आदत डालो।
*यहां हैवान से इंसान, इंसान से भगवान बनाया जाता है*
देखो आप तो चले आते हो लेकिन परिवार के लोगों को नहीं ला पाते हो। वे तो उसी गृहस्थी दुनियादारी में लगे रह जाते हैं, उसी माहौल में फंसे रह जाते हैं। यही कारण है कि बहुत से सतसंगियों के बच्चे बिगड़ रहे हैं। पति, पत्नी, बच्चे बिगड़ रहे हैं। समाज का असर पड़ रहा है, गलत लोगों का साथ पड़ रहा है इसलिए बिगड़ते चले जा रहे हैं। लेकिन जब बनने वाली जगह आने-जाने लग जाएंगे, जहां हैवान से इंसान, इंसान से भगवान बना दिया जाता है, ऐसी जगहों पर जब आने लगेंगे तो वो सुधर जाएंगे। बहुत से पहले बिगड़े हुए लोग आपको मिल जाएंगे जो नशे में चूर रहते थे, जो खाने-पीने, मौज-मस्ती को ही अपना जीवन बना लिए थे, उनके अंदर भी भाव-भक्ति, सेवा भाव आ गया, सुमिरन ध्यान भजन करने लग गए।
*औरतों और बच्चियों को अकेले मत भेजना, समय खराब है*
साथ का असर होता है। साथ का असर होगा। बदलाव आएगा। बराबर परिवार वालों को भी भेजते रहना चाहिए। यह जरूर है कि औरतों को और बच्चियों को अकेले मत भेजना। साथ में परिवार का कोई एक आदमी जरूर आवे क्योंकि समय खराब है। यह नहीं कि गुरु महाराज ही रक्षा करेंगे, वह तो रक्षा करेंगे ही करेंगे, करते ही हैं लेकिन आपको भी सजग, होशियार रहना है।
*बेगुनाह बेमौत किसको कहते हैं*
(प्राकृतिक) मौत नहीं होती, गोली मार दिया, एक को गोली मारा, दुसरा बगल में खड़ा है, उसको भी लग गया, छर्रा ही लग गया, ऐसी जगह जहां बच न पाने लायक हो, मर गए तो बेगुनाह बेमौत मृत्यु हो जाती है। मारने काटने जलाने का जुनून जब सवार होता है तब यह नहीं देखता है कि कौन खड़ा है, कुछ नहीं। बड़ी खराब स्तिथि होती है जुनून। ज्यादातर जिनका खान-पान गलत होता है, उन्हीं के अंदर जुनून चढ़ता है इसलिए सुधारने, बताने की जरूरत है। शाकाहारी नशामुक्त बनो और बनाओ।
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