(मात्र 60 सेकंड में कुछ नया सुनें)। बाबा उमाकान्त जी महाराज के कुछ महत्वपूर्ण वचन":-*_ 38.

713. गुरु पूर्णिमा पूजन कार्यक्रम श्रावण पूर्णिमा तक बराबर चलेगा।


714. आत्मा का काम हो जाए, इसलिए थोड़ी बहुत तो तकलीफ लगी रहेगी14।


715. जिनमें गुरु की पॉवर होती हैं, उन्हीं से जीवों का कल्याण होता हैं।


716. आध्यात्मिक सन्त रहते ही रहते हैं धरती पर।


717. सेवा और भजन से कर्म नहीं काटोगे, तो गरीब घर में जन्म मिलेगा।


718. बराबर साधना करते रहो।


719. पशु-पक्षी के सामने भी इन पाँच नामों को नहीं बताना हैं।


720. भारत के जटिल संविधान से न्याय, सुरक्षा, सुख-शान्ति दिलाना बहुत कठिन हैं।


721. जब से ये प्रचार प्रेमियों का शुरू हुआ, जगह-जगह पानी बरसाने लगा।


722. बहुत से साधक नकली सतलोक में ही रह जाते हैं।


723. कभी-कभी काल, सतगुरु का रूप धारण करके भी आ जाता हैं।


724. गुरु को भी माया के लोक में भूल जाता हैं, साधक।


725. जब से सेवा भाव खत्म हुआ, लोग दुःखी हो गए।


726. ऊपरी लोकों का नशा हर पल, हर क्षण रहता हैं, उतरता ही नहीं जल्दी।


727. शुरुआत में केवल अनामी प्रभु का अनामी लोक था।


728. काल भगवान के पास जीवात्मा डालने - निकालने का रास्ता बंद करने का मसाला हैं, ही नहीं।


729. तन की सेवा में भी कई चीजें आती हैं।


730. मन से भी सेवा होती रहती है।


731. लक्ष्मी को खुश करने के लिए धन की सेवा होती है।


732. अपने मुंह मिट्ठू।


733. पैसे वाले लोग 99 (निन्यानबे) के चक्कर में ही रहते हैं।


734. सेवा करना चाहें तो बहुत तरह की सेवा है।


735. अपना समझकर सेवा करो।


736. परमात्मा और भगवान में भी फर्क होता है।


737. गुरु के मिशन से अलग होगे तो धोखा खाओगे।


738. आज के दिन संकल्प बनाओ कि गुरु के महत्व को लोगों को समझाएंगे।


739. देवताओं को किस बात की फिक्र रहती है ? पार्ट-1


740. देवताओं को किस बात की फिक्र रहती है ? पार्ट-2


741. गुरु महाराज ने धरती पर ऐसा काम किया जिससे उऋण नहीं हुआ जा सकता है।


742. ज्यादा मिठास में कीड़े पड़ते हैं। 


743. आपके शरीर और आपके इस गुलाबी वस्त्र का भी असर लोगों को आने वाले समय में दिखाई पड़ेगा।


744. सन्तों के पास रहना तलवार की धार पर चलने की तरह से होता हैं।


745. सन्तों के पास रहना तलवार की धार पर चलने की तरह से होता हैं। पार्ट 1


746. गुरु जब किसी को तैयार करते हैं तो दुनियादारी जैसा ही व्यवहार करते हैं।


746. एक बार तो जीवन में बड़ी में निराशा हुई।


748. युक्ति, उपाय के अनुसार देवताओं से मिलना, दर्शन और बात होगीं।


749. सतसंग वचन मौके पर बहुत काम आते हैं।


750. नेकी कर दरिया में डालों।


751. प्रभु के बनाए सिध्दांत के अनुसार चलेंगे, तो सुखी रहेंगे।


752. गुरु के मिशन से अलग होगे, तो धोखा खाओगे।


753. ज्यादा मिठास में कीड़े पड़ते हैं।


754. आज के दिन संकल्प बनाओ कि, गुरु के महत्व को लोगों को समझाएंगे।


755. गुरु महाराज ने धरती पर ऐसा काम किया, जिससे उ नहीं हुआ जा सकता हैं।


756. एक गाँव के आदमी ने कहा कि हमारे गांव में तो नौजवान बुड्ढे होते ही नहीं।


757. ज्यादा दिन तक जिंदा रहने के लिए ऋषि-मुनियों ने संयम-नियम बनाया था।


758. थोड़ा समय आपको मिल रहा है इस समय का उपयोग कर लो।


759. विचार - भावनाओं का असर बच्चे पर पड़ता है।


760. पांचों तत्वों से शरीर के अंग बनते हैं।


761. औकात से ज्यादा काम करने पर मनुष्य को भी देवता कहने लगते हैं। 


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