महाराज जी के वचनों की वीडियो क्लिप (21.)

परम् पूज्य परम् सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के जनहितकारी परमार्थी वचन :-


290. बोध नहीं कराते हैं कि ये तुमको करना है।


300. आवाज सबको अलग-अलग सुनाई दे रही है।


301. शिष्य को ऐसा चाहिए कि गुरु को सर्वस्व दे का क्या अर्थ है ?


302. ब्याज परमार्थ का बाधक है।


303. महात्मा भूख को ही खा लेते हैं।


304. जिसको कछु ना चाहिए सोई शहंशाह।


305. हिरना चकिया बांधकर कूदा होय। 


306. जामुन आदमी के नाक पर गिरा।


307. डॉक्टर साहब टांके मत लगाना, चैन लगा देना या बटन लगा देना।


308. कृष्ण जी माया अर्जुन के ऊपर।


309. पंचों की सब बात मंजूर है।


310. मूड़ मुड़ाय तीन गुण.....


311. महाआलसी चेला।

baba umakantji maharaj


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