*स्वामी जी की कलम से -*

✪ जयगुरुदेव अमृतवाणी ✪

➥ हमने सब बताना बन्द कर दिया। तुम भी चुपचाप भजन करो। बात बतंगड़ से कुछ नहीं होगा। जब हमारी बाते और संकेत लोग नहीं समझ सके तो तुम्हारी बात क्या समझेंगे। हमने कुछ कहना बन्द किया और अब सारे भाषण खत्म।

➥ आज सब मेहनत ईमानदारी से कमाई करने लगें तो सारा देश सारा परिवार सुखी हो जाये। आप देखते हो कि मैं कितनी मेहनत करता हूं। मेहनत और ईमानदारी देश के अन्दर आ जाये तो देश बदल जाये। सब लोग सुखी हो जायें।

➥  हमारे स्वामी जी महाराज कहा करते थे कि किसी के अधीन होकर रहो तो बड़ा अच्छा रहता है। जो काम तुमको कहा गया वह कर दिया। जो काम लेता है उसको तमाम परेशानियां है किससे क्या काम लेना है कैसे लेना है। मेरा बड़ा अनुभव है क्योंकि मेरे पास तरह तरह के लोग आते हैं।

➥  अब लोगों में तकलीफें ज्यादा बढ़ गयी हैं। घर की व्यवस्था, समाज की व्यवस्था, सारे देश की व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गयी है। नौकरी चाकरी में काम काज में जब दखल अन्दाजी होने लगती है तो अव्यवस्था बढ़ जाती है।

➥  तुम कहते हो कि हमें छुटटी नहीं मिलती। अभी बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हो जाओ तो छुटटी मिलेगी कि नहीं। तुम्हें आतम बीमारी हो गयी है तुम उसके लिए आते हो। तुम लिख दो कि हमें आतम बीमारी हो गयी हैं हम भर्ती हो गये हैं। उनकी समझ में तो आएगा नहीं कि आतम बीमारी क्या है आपको लिखने का ढंग होना चाहिए, छुटटी मिल जाएगी।

➥  यह मेरी चेतावनी है कि अब आप लोग सावधान हो जाओ। यहां कोई राजनीतिक मामला नहीं है। मैंने पहले भी कहा था पर तुम लोग समझे नहीं। अब तो मैं यह कहता हूं कि तुम लोग भजन करो और अपने घर चलने की तैयारी करो। अपने देश में न जन्मना है न मरना है न कोई दुख क्लेश और बीमारी है। वहां आनन्द ही आनन्द है।

➥  तुम्हें कोई सेवा दे तो तुम उसे लाकर यहां जमा कर दो। तुम यह कभी मत सोचो कि हमें पता नहीं चलेगा। ऐसा करोगे तो तुम्हारा नुकसान हो जाएगा।

➥  जब जिले जिले में भण्डारे चल रहे हैं तब अपने अपने जिलों में जाकर रहो। दूसरी जगह छुपकर रहते हो और बुलाने पर चादर ओढ़ लेते हो यह परमार्थ के लिये अच्छी बात नहीं। ऐसा करने से तुम्हें कुछ नहीं मिलेगा।

➥  मेरी एक बात गांठ बांध लो। दरवाजे पर कोई भूखा प्यासा आ जाये तो उसे रोटी खिला दो या चुटकी भर आटा दे दो। इसके अलावा तुम मन्दिर मे घण्टा बजाओ या रोज गंगा नहाओ कुछ होने वाला नहीं है। भूखे को भोजन खिलाना सबसे बड़ा पुण्य कर्म है। ऐसा करने से दुबारा मनुष्य शरीर मिल जाता है।

➥  पेड़ में बहुत शाखें हो जाती हैं तो उनकी छटनी कर दी जाती है फिर नई शाखें निकलती हैं। इसी तरह से काल की शक्तियां आती हैं, मारकाट मचा देती हैं, आबादी कम हो जाती है। थोड़े से लोग रह जाते हैं वो धर्म पर चलने लगते हैं। सन्त ये काम नहीं करते। सन्त जीवों को माफ करके उनकी आत्मा को जन्म मरण से छुटकारा दिलाते हैं।

➥ जब तुम देखो कि कोई लाश जा रही है तो उसको प्रणाम करो और पांच कदम तक उसके साथ जाओ। अगर इच्छा हो तो शमशान घाट तक चले जाओ फिर सोचो कि यह क्या लेकर जा रहा है। जीवन की यही सच्चाई है।

➥  पिछले महात्माओं ने बहुत जीवों को पार कर दिया । गोस्वामी तुलसीदास जी ने 13 की तो बात कही कि पार किया लेकिन तेरह ही नहीं उन्होंने बहुतों को पार किया। यहां भी कितने पार पहुंच गये हैं पर तुम्हें क्या मालूम।

➥  हम चाहते हैं कि तुम्हारी तकलीफ भी चली जाय और तुम्हारा भजन भी बने लेकिन आप अपने को बहुुत चालाक बनते हो.  जायेंगे बाबाजी के पास दया ले आयेंगे, तकलीफ खतम हो जायेगी तो फिर आगे जाने की वहां जरूरत क्या है। तो बाबाजी भी चालाक हैं। कुछ तकलीफ आपकी बनी रहेगी फिर तुम बराबर आते जाते रहोगे।

➥  महात्मा जीव कल्याण के हर उपाय करते हैं। आप अपनी प्रतिज्ञा को निभाओ। आप का वादा है कि भजन करेंगे और हमारा वादा है कि हम आपकी मदद करेंगे लेकिन आप संसार को साथ लेकर चलते हो। संसार आपका है नहीं। आप अपना वचन निभाओ और भजन करो। निठल्लू तुम ऐसे बैठे रहते हो यह ठीक नहीं।

➥  आपको जो आदेश दिया जाये वह काम करो उसमें कोई बाधा नहीं। अपनी बुद्धि उसमें पेश मत करो। वही बात मोटी है वही बात महीन वही बात छोटी समझो और वही बड़ी समझो। जो वो कहेंगे वो करोगे तो उसमें कोई बनावट नहीं होगी, दिखावा नहीं होगा, दीनता आएगी। इसलिए जो आदेश वह दें उसे करो। अपनी बुद्धि उसमें पेश मत होने दो।

➥ ‘धाम अपने चलो भाई’ जो प्रार्थना करायी जाती है उसे हर सत्संगी को रोज करनी चाहिए। तुम अपनी रहनी गहनी ऐसी बना लो कि गुरु पूरे की दया हो जाय। तुम उनको रिझा लो। दुनिया की चालाकी उनमें नहीं है। वे बहुत भोले भाले होते हैं। 

➥  तुम यहां आते हो और अपनी तकलीफों का पुलिन्दा खोल देते हो कि सुनते सुनते कान पक गये। अरे भाई जो तुमने वो रक्खा है वही तो तुमको मिलेगा।

➥   आठ आने बखेड़ा कम करो तब भजन बनेगा।

➥  शाकाहारी रहो। मान लिया तुम नहीं खाते हो लेकिन साथ रहने वालों का असर आता है। बड़ा ही खराब समय आ रहा है और वो तुमको उधेड़ देगा। फिर न कहना कि बाबाजी ने बताया नहीं था। जब सबकी दाढ़ी में आग लगी होगी तो तुम्हारी कौन बुझायेगा ? इसलिए भजन करो।

➥  हम सबको चाहते हैं सबको प्यार करते हैं पर हम यह चाहते हैं कि सब लोग अच्छे रहें अच्छे बनें अच्छे काम करेें। अच्छे रहोगे तो भजन बनेगा क्योंकि भजन में निर्मलता चाहिए।

➥  तुमने अच्छी आदतें छोड़ दी खराब आदतें डाल लीं। पहले के लोग सबेरे कोई पूजा पाठ करते थे उसके बाद अपना काम शुरु करते थे। अब आठ बजे तक तुम सोते रहते हो। पूजा पाठ छोड़ दिया और अगर तुम्हें कोई जगाये तो तुम नाराज होते हो। आपको इसलिए महात्मा समझाते हैं ताकि विचारों में मजबूती आये और भजन बने।

➥  महापुरुषों की बातों को काटना नहीं चाहिए। तुम बातों को काट देते हो तो दुआ, दया, दवा सब चली जाती है। 

➥  सबका विवेक खत्म हो गया। किसी की पहचान नहीं रही। लड़की को लड़का मानने लगे लड़के को लड़की बना दिया। समझ न होने से कुछ भी मानने लगे। अगर पक्की समझ हो जाय तो कोई हिला नहीं सकता। कच्ची समझ कच्चा धागा है कोई भी तोड़ दे।

➥  जो शरण में होते हैं वो वही काम करते हैं जिसका उन्हें हुक्म मिलता है। तुम्हें कोई आदेश दिया जाये तुम न करो ये भक्ति नहीं है।

➥  अब यहां परमार्थ की दौलत बंट रही है। सब लोग बहुत ज्यादा आकांक्षा करने लगे हैं। अब जब मैं निकलूंगा तो देखिएगा कि कितनी भीड़ होगी। वह किसी के सम्हाल की नहीं होगी। यहां केवल परमार्थ की बाते हैं और राजनीति की हवा भी नहीं है। भजन की हवा है।

➥  अब किसी को उपदेश मत करने दीजिए। उपदेश केवल भजन करने का है। भजन करो। जहां उपदेश होता है वह बन्द कर दो। मैं सबको समझा लूंगा। तुम कुछ नहीं कर सकते हो और बेकार लोगो का नुकसान करते हो। तुम लोग उनका साथ मत दो जो उपदेश करते हैं। वे अपना समय बर्बाद तो करते ही हैं तुम्हारा भी समय बर्बाद करते हैं।

➥  तुमने जो भी विकास किया है वह बर्बाद करने का, मारने काटने का। आबादी के लिए कुछ भी नहीं किया पर जो ऊपर बैठा सबका धनी है वह सब देखता है। जब पाप का घड़ा भर जाता है तब वो सबको तहस नहस कर देता है। सब लोग होशियार रहो पता नहीं कब क्या से क्या हो जाय।

➥  कृष्ण भगवान थे उन्होने किसी को मुक्ति और मोक्ष नहीं दिया। निरन्तर उनके साथ रहने वाले पाण्डव द्रोपदी सहित मरने के बाद नर्क चले गये यह हमारी धर्म पुस्तकें कहती हैं। हमने तो कृष्ण को देखा नहीं और आशा रक्खें कि वो मुक्ति मोक्ष दे देंगे तो क्या मिल जाएगी ?

✪ जयगुरुदेव ✪
Baba-Jaigurudevji



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