*"मौजूदा संत की बातों को न मानो तो जो धार्मिक ग्रंथ या मजहबी किताब में पहले के संत लिख कर गये हैं, उसे तो पढ़ो और मानो..."* *- बाबा उमाकान्त जी महाराज*

*जयगुरुदेव*
*सतसंग सन्देश / दिनांक 29.जनवरी.2022*

*सतसंग दिनांक: 21.04.2020*
*सतसंग स्थलः आश्रम, उज्जैन, मध्यप्रदेश*
*सतसंग चैनल: Jaigurudevukm*

*"मौजूदा संत की बातों को न मानो तो जो धार्मिक ग्रंथ या मजहबी किताब में पहले के संत लिख कर गये हैं, उसे तो पढ़ो और मानो..."*
*- बाबा उमाकान्त जी महाराज*

विश्व विख्यात संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, कलियुग के इस बढ़ते प्रभाव के बीच धरा पर इस समय मनुष्य शरीर में मौजूद पूरे समरथ सतगुरु, भक्तों की तकलीफों में मदद करने वाले, उज्जैन के त्रिकाल दर्शी पूज्य संत *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने सतसंग सन्देश में बतलाया कि,
आगे का समय हमको बहुत अच्छा दिखाई नहीं पड़ रहा है। समय खराब और जन-धन की हानि बहुत दिखाई पड़ रही है। 

*"बड़े-बड़े देश खात्मे के कगार पर दिख रहे हैं, विश्व की आबादी कम होगी..."* 
बड़े-बड़े जो देश हैं? यह एकदम से बिल्कुल खत्म होने के कगार पर दिखाई पड़ रहे हैं। भारत देश का यह जो बॉर्डर अभी जहां पर है, यह उससे बहुत दूर दिखाई पड़ रहा है।
*कुल मिला कर के समझो पूरे विश्व की आबादी कम होगी।*

*"दूसरे देशों की अपेक्षा भारत में मृत्यु संख्या कम है, क्योंकि संत महात्माओं की भारत देश के ऊपर दया है..."* 
खराब समय आएगा। भारत का उतना नुकसान तो नहीं होगा। अब भी दूसरे देशों की अपेक्षा कम हो रहा है।
रोग तो फैल रहा हैं लेकिन मृत्यु संख्या कम है। दूसरे देशों में रोग की अपेक्षा से मृत्यु संख्या ज्यादा है। यह भारत के ऊपर संत महात्माओं की दया है, लेकिन जब बातों को पकड़े तब।
यदि मौजूदा संत की बात न मानो तो किताबों में जो पहले संत आए हैं, लिख कर के गए हैं, चाहे वह मजहबी किताब रही हो, चाहे वह हिंदू धर्म के ग्रंथ रहे हो, उनको पढ़ो, समझो और उन्हीं बातों को मान लो।
*सब लोगों ने कहा है कि शाकाहारी रहो, नशा मुक्त रहो और जीवों पर दया करो।*

baba umakantji maharaj


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