*जयगुरुदेव*
*सतसंग सन्देश / दिनांक 25.जनवरी.2022*
*सतसंग दिनांक: 04.03.2019*
*सतसंग स्थलः लखनऊ, उत्तरप्रदेश*
*सतसंग चैनल: Jaigurudevukm*
*"हमारे यहां तो सत्य, अहिंसा, परोपकार, सेवा, मानवधर्म, देशभक्ति और देश की संपत्ति को अपना मानना सिखाया जाता है.....*
*- बाबा उमाकान्त जी महाराज*
मानव, समाज और देश के उत्थान के लिए मानवीय मूल्यों और गुणों को बताने और सिखाने वाले इस समय के पूरे संत सतगुरु उज्जैन वाले *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने शिवरात्री पर्व 2019 पर प्रसारित सतसंग सन्देश में बताया कि,
देखो! हमारे यहां मानव और मानवता की बात है।यहां कोई जाति और धर्म पर जोर नहीं दिया जाता है। यहां तो मानव धर्म सिखाया जाता है।
सत्य, अहिंसा, परोपकार और सेवा यह है मानव धर्म। यहां देश भक्ति सिखाई जाती है। हड़ताल, तोड़फोड़, धरना, घेराव से लोगों को दूर रहना सिखाया जाता है।
*देश की संपत्ति को अपना मानना सिखाया जाता है। यहां पर वसुधैव कुटुंबकम की बात सिखाई जाती है।*
*"उस मालिक ने न हिंदू, न मुसलमान, न भारत और न पाकिस्तान बनाया..."*
यह जात पात! यह सब आदमी की बनाई हुई चीज है। उस मालिक ने हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाईं, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शुद्र, हिंदुस्तान, पाकिस्तान, अमेरिका, ब्रिटेन नहीं बनाया।
अरे! उसने तो इंसान बनाया। धरती और आसमान बनाया। इसी धरती पर सब देश आपने बनाया। ये गांव, जिला प्रांत आपने बनाया। यह जात पात तो आपने बनाया। यह तो आदमी की बनाई हुई चीज है।
*"सभी में मालिक की अंश जीवात्मा है..."*
*उस मालिक ने क्या बनाया?*
इंसान। सबकी जीवात्मा, हड्डी, मांस, खून, टट्टी पेशाब का रास्ता एक जैसा है। जो जीवात्माओं को देखता है वह सबसे प्रेम करता है।
उसके लिए तो सब समान होते हैं। हमारे यहां तो सब समानता है। लेकिन जो आपका नियम समाज का बना हुआ है उसको भी तोड़ना नहीं चाहता हूं।
क्योंकि आदत आपकी बनी हुई है। इस समय पर बीच का रास्ता निकाल ले रहा हूं। आप जहां रहते हो, वहीं रहो। जिसके साथ रोटी खाते हो खाओ।
बैठ कर पंचायत करते हो उसी खाट पर बैठ कर के करो, हम उसके लिए मना नहीं कर रहे हैं। शाकाहारी भोजन जहां खाते हो वहीं खाना, लड़का-लड़की का जहां शादी-ब्याह करते हो, वही करना।
*"भारत एक आध्यात्मिक देश है..."*
जो ये कहते हैं कि हमने हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर बना लिया। हम वैज्ञानिक हो गए हैं लेकिन बगैर पेट्रोल के कोई हवाई जहाज उड़ता है?
नहीं उड़ता है। वह भी विज्ञान था जब हनुमान जी उड़ कर के गए थे और संजीवनी बूटी सहित पहाड़ को उठाकर के ले आए थे।
वो कोई हवाई जहाज से गये थे? जब लोगों ने सीखा तब कुछ तरक्की किया। *जब जीरो दिया मेरे भारत ने तब दुनिया को गिनती आई।* उसी भारत के आध्यात्मिक विज्ञान को पकड़ कर के फिर वह तरक्की कर गए।
भारत के लोग जब दूसरे देशों में गए, वहां उन्हीं के विज्ञान में संशोधन के द्वारा उनकी तरक्की करा दिया। *भारत एक आध्यात्मिक देश रहा है और आध्यात्मिक विज्ञान भारत में ही है।*
*"संत कर्जा किसी का नहीं रखते हैं..."*
किसी का मार करके, छीन करके मत लाना। अगर लाओगे तो उसी तरह से चला जाएगा।
मेहनत और ईमानदारी की कमाई पर भरोसा करना। उसमें बरकत मिलेगी। *बहुत लोगों को बरकत दिया गुरु महाराज ने।*
पैर में जूते-चप्पल नहीं होते थे। कपड़े सिलवा नहीं पाते थे, फटे रहते थे, धोने के लिए साबुन नहीं था। वो आज मोटर कारों पर चलते हैं।
गुरु महाराज ने कर्जा किसी का नहीं रखा। संत कर्जा किसी का नहीं रखते। एक गिलास पानी भी जो पिला देता है, उसका भी कर्जा अदा कर देते हैं।
*किसी ने एक दिया तो उसका दस गुना कर के गुरु महाराज ने अदा कर दिया।*
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Jaigurudev Baba umakantji maharaj |
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