*"शराब और मांस के पैसों से कोई देश तरक्की नहीं कर सकता है ...."* *- बाबा उमाकान्त जी महाराज*

*जयगुरुदेव*
*सतसंग सन्देश / दिनांक 26.जनवरी.2022*

*सतसंग दिनांक: 21.04.2020*
*सतसंग स्थलः आश्रम, उज्जैन, मध्यप्रदेश*
*सतसंग चैनल: Jaigurudevukm*

*"शराब और मांस के पैसों से कोई देश तरक्की नहीं कर सकता है ...."*
*- बाबा उमाकान्त जी महाराज*

विश्व विख्यात संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, देश व जनता के हित में प्रांत और देश के जिम्मेदारों को बार-बार आगाह करने वाले उज्जैन के त्रिकालदर्शी पूज्य संत *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने सतसंग सन्देश में अपील की कि,

देखो! कितने नौजवान, देश के कितने होशियार बच्चे नशे में मस्त हो रहे हैं। ऐसी ऐसी गोलियां आ गई कि खा लिया और मस्त पड़े हैं।
जो नशे में रहेगा, वो क्या कर पायेगा? नशे में आदमी को कुछ याद रहता है? कुछ नहीं।
शराब की दुकान खोलते और बढ़ाते चले जा रहे हैं। कह रहे हैं की इनकम बढ़ेगी। तो आज मैं आपको बता दे रहा हूँ कि मांस और शराब के पैसों से देश कभी तरक्क़ी नहीं कर सकता है।
*हिंसा और हत्या किया हुआ का पैसा कभी फलदायी नहीं हो सकता है।*

*"शराब और मांस के पैसे से कितनी भी बढ़िया दवा बना लो, बीमारियों को रोक नहीं पाएंगे..."*
मांस और शराब से हुई आमदनी का लालच छोड़ दो क्योंकि इस पैसे से आप कितनी भी बढ़िया से बढ़िया दवा बना दो, कल कारखानों में निवेश कर दो, विदेशीयों को बुला लो लेकिन इस रोग को हटा नहीं सकते हो।
*एक कोरोना जाएगा तो दूसरा कोरोना, तीसरा कोरोना आ जायेगा, नाम बदल कर, रूप बदल कर आ जायेगा।*

*"आप कितना भी राशन बांट दो वो राशन बेच कर शराब पी जाएंगे और उनके बच्चे रोते बिलखते रह जायेंगे..."*
इसलिए हमारी तो यही प्रार्थना है आप शराब की दुकानों को बन्द करो। अभी तो बहुत से लोगों की आदतें भी छूट गई है। अभी खुल जाएगीं, जगह-जगह तो फिर पीने लगेंगे।
पीकर जब एक्सीडेंट करने लगेंगे तब आपका और पैसा खर्च होगा। आप तो कहोगे हम शराब और मांस की दुकानों से इनकम बढ़ा रहे हैं। तो इनकम क्या बढ़ेगा?

उसमें फिर खर्चा करना पड़ जायेगा। आप कितना भी राशन बांटोगे, शराब की दुकान जब खुली दिख जायेगी शराबी को तो राशन बेच कर पी जाएगा।
*उन्हें कितना भी राशन बांट दो, कितना भी सुख सुविधा उनके बच्चों के लिए दे दो, बच्चे वैसे के वैसे ही रोते रह जाएंगे।*

*" शराब और मांस तो अपराध और भ्रष्टाचार की जननी है..."*
क्या राजा का यही धर्म होता है? क्या प्रजा को पालने का यही तरीका होता है?
तो प्रार्थना है प्रांत की, देश की सरकारों से, अधिकारीयों से, जो प्रस्ताव पास कराने के लिए बनाते है, नियम बनाते है की *आप शराब की दुकानों को बन्द ही करा दो।*

बिहार के मुख्यमंत्री ने शराब को बन्द कर दिया तो वो प्रांत भी तो चल रहा है। वहाँ कौन सा नुकसान हो गया?
और जहां शराब की बिक्री हो रही है, वो कौन सा तरक्की कर गया? बल्कि वहाँ नुकसान ज्यादा हो रहा है।
*शराब पी करके तोड़फोड़, हड़ताल, अपराध और भ्रष्टाचार ज्यादा करते है तो शराब देश मे बन्द ही कर देनी चाहिए।*

*"जीव हत्या नहीं रोकी तो वायरस कंट्रोल नहीं होगा..."*
जो जीव हत्या हो रही है, जीव हत्या को भी आप बन्द कर दो। नहीं तो वायरस इतना बढ़ेगा कि कंट्रोल कर पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
अभी से हारने लग गए। सेवा करते करते, ये काम करते करते, डरने लग गए क्यूंकि इनको भी होने लग गया।
*तो आगे चलकर आपकी उम्मीदें रखी रह जाएगीं, इन पर पानी फिर जाएगा। इसलिए बात को मान लेना चाहिए और शराब, मांस और जीव हत्या बन्द कर देना चाहिए।*




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