*"इस समय पर तलवार की धार पर चलने की तरह से है लोगों की जिंदगी..."*

*जयगुरुदेव*
*सन्देश / दिनांक 26.12.2021*

*सतसंग स्थलः आश्रम उज्जैन, मध्यप्रदेश*
*सतसंग दिनांक: 22.नवम्बर.2020*

*"इस समय पर अपनी और दूसरों की भी जान बचाने का, सोचने और समझने का अवसर मिला है...."*
*- बाबा उमाकान्त जी महाराज*

भारत का ही नहीं बल्कि विश्व का कल्याण चाहने वाले, खराब समय से बराबर आगाह करने वाले और समय समय पर बचने और बचाने के उपाय भी बताने वाले,

इस समय धरती पर मौजूदा पूरे समरथ संत *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने 22 नवंबर 2020 को आश्रम उज्जैन, मध्यप्रदेश में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम *(Jaigurudevukm)* पर प्रसारित सतसंग में बताया कि,
समय की चेतावनी बराबर गुरु महाराज भी देते रहे और हमको भी देना पड़ रहा है। *आगे का समय भारत और पूरे विश्व के लोगों के लिए अच्छा नहीं है।*

*"इस समय पर तलवार की धार पर चलने की तरह से है लोगों की जिंदगी..."*
आप अगर समाचार देखते हो, विश्व पटल पर आपकी नजर जाती है तो देखो! बहुत से देश, बहुत से देश को चलाने वाले और उन देशों के लोग बहुत ज्यादा परेशान हैं।
उनको इस बात का आभास हो गया है कि हमारी जिंदगी इस समय तलवार की धार पर चलने की तरह से है। बारूद के ढेर पर हम खड़े हैं। कभी भी हम खत्म हो सकते हैं।

जैसे इस समय पर कुछ देश की सीमाओं पर जो फौजें लगी हुई हैं, उन्हें कुछ भरोसा नहीं है कि इस जगह को छोड़ कर के हम वापिस अपने बच्चों, परिवार के बीच में जा पाएंगे, ठाठ-बाठ और हाट बाजार हम देख पाएंगे?

*"जब गृह युद्ध में नहीं बचते तो विश्व युद्ध में कौन बचेगा?"*
ऐसे ही हाल कुछ देश के लोगों का भी हो रहा है। इस वक्त पर जो युद्ध का माहौल तैयार हो रहा है कि सक्षम और सबल देशों में अगर लड़ाइयां शुरू हुई और उन्होंने इसे अपनी अगर प्रेस्टीज बनाया तो विश्व युद्ध होने में देर नहीं लगेगी।
यह छोटी लड़ाई जब बड़ी लड़ाई बन जाएगी तो फिर विश्व युद्ध बन जाएगा। उसमें कौन बचेगा? कौन रहेगा?
जब छोटे युद्ध में, जब गृह युद्ध में, जब घर की लड़ाई में नहीं बचते हैं, भाई-भाई को, बाप-बेटे को, पत्नी-पति को, पति-पत्नी को मार देता है।

जब चारों तरफ लड़ाई का माहौल हो जाएगा तो यह धन, दौलत, पुत्र, परिवार, मान, प्रतिष्ठा, आप जो पढ़े-लिखे बुद्धिजीवी लोग हो, *सोचो! किसी का रह जाएगा? किसी के काम आएगा? किसी के काम का नहीं।*

*"का वर्षा जब कृषि सुखाने, समय चूकि पुनि का पछिताने..."*
इस समय पर अपनी और दूसरों की भी जान बचाने का, सोचने और समझने का अवसर मिला है। इस समय पर जरूरत है कि आप जगो और समझो।
लोगों को जगाओ और समझाओ, अपनी और दूसरों की भी जान बचाओ। इस वक्त पर विचार करने और सोचने का अवसर आपको मिला है।

*जैसे खेत सूख गया और फिर बरसात हुई तो कोई फायदा नहीं। ऐसे ही जब समय निकल जाएगा फिर पछताने से कुछ नहीं होगा। इसलिए समय पर चेतो और समझो। रास्ते को पकड़ो और रास्ते पर चलो।*


guruvar daya k sagar


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