समय से बच्चे-बच्चियों की शादी कर दो...

जयगुरुदेव
सन्देश / दिनांक 27.11.2021

सतसंग स्थलः जालंधर, पंजाब
सतसंग दिनांक: 24.नवम्बर.2021

"पूरे महापुरुष से हर तरह का लाभ-आराम मिलता है, पास में आकर ले लो....."
- बाबा उमाकान्त जी महाराज

मनुष्य की आध्यात्मिक तरक्की के साथ-साथ घर-परिवार में सुख, शांति और सम्पन्नता दिलाने वाले, इस समय के पूरे महापुरुष,
उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 24 नवंबर 2021 को जालंधर, पंजाब में दिए संदेश में बताया कि,
प्रेमियों कभी घर में ऐसी भी स्थिति आ जाती है कि झगड़ा बर्दाश्त से बाहर हो जाता है।

सास-बहू का झगड़ा मशहूर हो गया....
कारण यही है कि न सास अपने को कम समझती है न बहू अपने को। सास कर कुछ नहीं पाती, दांत गिर गया, हाथ-पैर ढीले हो गए, आंख-कान से दिखाई-सुनाई कम पड़ता है लेकिन अपना ही चलता चलाना चाहती है।

बहू कहती है सास अनपढ़ मैं पढ़ी-लिखी, इसकी बात क्यों मानूं? मैं तो अपनी ही चलाऊंगी। बस दोनों में खींचातानी होती रहती है।
बहू सोचती है कि बुढ़िया को अब कबर पर पहुंचा करके ही दम लूंगी और सास यह सोचती है कि बहू को तलाक दिला कर के घर से निकाल करके ही दम लूंगी। इसलिए लड़के को बोलती रहती है।
शादी को दो-चार महीना भी नहीं हुआ, तलाक और दहेज के मुकदमे चालू हो जाते हैं।

समय से बच्चे-बच्चियों की शादी कर दो...
नियम-संयम के साथ जब लोग काम करते थे, खान-पान, विचार-भावना, पूजा-पाठ एक जैसा रहता था, विचारों में विभिन्नता नहीं आती थी, समय से जब शादी-ब्याह हो जाता था, लड़के-लड़कियों को खुद खोजना नहीं पड़ता था।

नहीं तो भूख होती है, भूख के अनुसार जब भूख लगती है तो इधर-उधर भागने लगता है। इसीलिए कहा जाता है अपने-अपने बच्चे-बच्चियों की शादी समय से कर दो।

बच्चों को बेकार न घूमने दो, उन्हें नौकरी, काम में लगा दो ....

बच्चे अगर पढ़-लिख लिए हो और फिर कमाने लगे तो अपने हिसाब से लड़की देख कर के शादी ब्याह कर दो।

बच्चे-बच्चियां परिपक्व नहीं होते, धोखे में पड़ जाते हैं। धन-दौलत, पढ़ाई-लिखाई, रूप-रंग पर चले जाते हैं, नीयत साफ नहीं रहती, बस गलत बच्चों के हाथ में लड़कियां पड़ जाती हैं और ये लड़के अपराध जगत में पड़ जाते हैं।
आपके इन चीजों को ध्यान रखना चाहिए।

परिवार में झगड़ा-झंझट ऐसे टालो ....

परिवार में समन्वय इस समय पर इसलिए नहीं है क्योंकि खानपान, विचार-भावनाएं अलग हो गई तो स्वभाव नहीं मिलता तो किसी के पति या पत्नी या सास या बहु का स्वभाव क्रोधी हो जाता है, फिर झगड़ा शुरू।
ऐसे समय एक को गुस्सा आवे तो दूसरा चुप हो जाए तो झगड़ा टल जाएगा।

जब कड़वा बोले तो ये करो ....

कभी बहु कहती है कि सास की बात तीर की तरह चुभती है, कभी सास कहती है कि बहु ऐसा बोलती है कि दिल के अंदर घाव बन जाता है। ऐसी हालत में क्या करना चाहिए?
कान में उंगली लगाओ, कपड़ा डालो और जो भजन आपको बताया गया, भजन पर बैठ जाओ।
आंख-मुंह बंद करके कोई क्या बोल रहा है, न देखो, न सुनो तो गुस्सा अपने आप थोड़ी देर बाद शांत हो जाएगा।

आपको नामदान दूंगा, सच्चा भजन करना बताऊंगा ....

आप नए लोग सोचोगे भजन क्या चीज होती है?
कान-आंख बंद करके कैसे किया जाता है?
अभी बता दूंगा आपको। एक पंथ दो काज। एक साथ में दोनों काम होगा। आप का लोक-परलोक दोनों बनेगा।

 घर में भी सुख शांति होगी और परलोक में भी जाकर के उस आवाज को सुन सकते हो।
जब ये बाहर के कान आप बंद करोगे तो वहां ऊपर की आवाज पकड़ में आ सकती है। क्योंकि एक साथ दो काम नहीं होता, ठठ्ठा के हंस भी लो और गाल में फुला लो।

जब इधर की आवाज बंद करते हैं और उधर की आवाज पकड़ने की कोशिश करते हैं तो ऊपर ही आवाज मिल जाती है। इधर कान बंद करके झगड़ा-झंझट भी आप टाल सकते हो और वह भी काम अपना बना सकते हो।
वह तरीका आपको बता दूंगा, नामदान आपको दे दूंगा।

jaigurudev

Jaigurudev baba umakantji maharaj


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