सन्त उमाकान्त जी महाराज जी के अनमोल वचन

जयगुरुदेव आध्यात्मिक सन्देश 

◆ जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव
◆ गुरुदेव तुम्हारे चरणों में सतकोटि प्रणाम हमारा है।

◆ तजो नशा शाकाहार अपनाओ, व्यभिचार तज सब चरित्रवान बन जाओ।
◆ सन्तों की दया से अर्थ धर्म काम मोक्ष की प्राप्ति होती है।
◆ मेहनत और ईमानदारी अपनाओ। बरकत कुदरत से पूरी पाओ।

◆ असली धर्म निरपेक्षता जनता को रोजी रोटी और अन्य सुरक्षा देना दिलाना है।
◆ बच्चों चरित्रवान बन जाओ। देश सेवा कर नाम कमाओ।

◆ पशु पक्षियों के मांस खाने पर ऐेसी बीमारियां आयेंगी कि बड़े बड़े वैज्ञानिकोें की बुद्धि फैल हो जायेगी। 
◆ परमार्थ के तीन स्तम्भ- सतसंग सेवा और भजन।

◆ यह मत सोचो कि आंख बचाकर जो गलत काम कर रहे हो उसे मालिक देख नही रहा है।
◆  माता पिता अधिकारी कर्मचारियों का सम्मान करो।

◆ सतगुरु से राय लेकर काम करने पर ही राजा और प्रजा का जीवन सुखी रहता है।
◆ गुरु में पूर्ण विश्वास ही सफलता की कुंजी है।

◆ गंगा यमुना के स्नान का लाभ तभी मिलेगा जब बुराईयां छोड़कर नशामुक्त शाकाहारी बन जाओगे।
◆ कलयुग में कलयुग जायेगा कलयुग में सतयुग आयेगा।

◆ कोई भी शाकाहारी नशामुक्त व्यक्ति मुसीबत के समय जयगुरुदेव नाम बोलकर मदद ले सकता है।
◆ जयगुरुदेव नाम रट लो और लोगों को रटा लो।

◆ हैवानी अक्ल से होश फना हो जायेंगे। खूरेंजी हो जायेगी, रहम ईमान चला जायेगा।
◆ कलयुग में सिवा नाम की कमाई के उद्धार का दूसरा कोई उपाय नहीं।

◆ शराब और मांस का सेवन खून को गरम और बेमेल कर काम क्रोध लोभ मोह अहंकार को तेज करता है।
◆ नशामुक्त व शाकाहारी रहो।

◆ विश्व के धर्म आस्था वाले लोग मानव धर्म का प्रचार तेज कर दें तो हिंसा हत्या रुक सकती है।
◆ मानव हत्या सबसे बड़ा गुना है।

◆ एक दिन चीख और चिल्लाहट में जनता को सन्त महात्माओं की जरूरत पड़ेगी।
◆ बाबाजी का यह उददेश्य पाप मुक्त हो देश विदेश।

◆ विश्व के धार्मिक व  राजनैतिक लोगों को जटिल समस्या पैदा करने वाले मिथ्या भाषण नहीं करने चाहिए।
◆ गुरु से सच्चा प्रेम करने पर ही अन्तर में प्रकाश प्रकट होता है।

◆ ये मानव शरीर दुर्लभ है। देवता भी इसके लिए तरसते हैं।
◆ शंकर जी ने कभी नशे का सेवन नहीं किया, इसलिए उनके नाम पर नशा करके बदनाम मत करो।

◆ बाबा उमाकान्त जी महाराज का कहना है शाकाहारी रहना हैै।




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