*यदि शाकाहार को नहीं अपनाया तो,* *कोरोना से भी तेज आने वाली बीमारियों से बच पाना बहुत मुश्किल होगा।*

*जयगुरुदेव*
*प्रेस नोट/ दिनांक 25.09.2021*
वलसाड़, गुजरात

*यदि शाकाहार को नहीं अपनाया तो,*
*कोरोना से भी तेज आने वाली बीमारियों से बच पाना बहुत मुश्किल होगा।*

जीव रक्षा और आध्यात्मिक उत्थान के लिए शाकाहार का वैश्विक प्रचार करने वाले,
उज्जैन के पूज्य संत *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने 24 सितंबर 2021 को वलसाड़, गुजरात मे यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेम *(jaigurudevUkm)* पर प्रसारित संदेश में भक्तों से आह्वान किया कि,
देखो! महापुरुषों के साथ छोटे लोग ही ज्यादातर रहे हैं। बंदर-भालू राम के साथ, गोपी-ग्वाले कृष्ण के साथ और कितना बड़ा परिवर्तन उन्होंने कर दिया।

ऐसे आप लोग भी परिवर्तन कर सकते हो, बहुत से लोगों में बदलाव ला सकते हो, *बहुत से लोगों को बीमारियों से बचा सकते हो अगर आपने शाकाहारी लोगों को बना दिया।*
दूध घी अन्न यह क्या है? शाकाहारी है। इसको अगर लोग खाने लग जाए, पशु-पक्षियों का मांस खाना बंद कर दें, तेज नशे की चीजों को पीना-खाना बंद कर दें तो बीमारियों से बचत हो जाएगी।

*कोरोना ज्यादातर मांसाहारी लोगों को हुआ,* *शाकाहारियों में जल्दी कंट्रोल हो गया।*
कोरोना में ज्यादातर उन लोगों को तकलीफ हुई जो मांसाहारी थे। जो शाकाहारी थे उनको हुआ भी तो जल्दी कंट्रोल हो गया। ऐसे कुछ ही लोग गए बाकी ज्यादातर बच गए।
अस्पतालों में जाओ और देखो। वहां पर जो भर्ती हैं वो मांसाहारी हैं कि शाकाहारी हैं। तो पता चलेगा कि मांसाहारी ज्यादा है। शाकाहारियो को बीमारियां कम होती हैं।

*अभी आपने तकलीफें क्या देखी है? तकलीफें तो आगे आ रही हैं।*
अभी आपने तकलीफ क्या देखी है? बीमारियां क्या देखी हैं?
अभी तो नई-नई बीमारियां बहुत ही आएंगी। नया नाम लेकर आएंगी। बुखार वही, तकलीफ वही। कोई डेंगू कहता है, कोई मलेरिया, कोई कुछ कहता है, वही जानलेवा हो जाता है।

*कोरोना की दवा सही रूप में आज भी नहीं खोज पाए और करोड़ों लोग चले गए दुनिया संसार से।*
आपको बहुत पहले बताया गया था कि ऐसी-ऐसी बीमारियां आएंगी कि दवा जल्दी से खोजने पर नहीं मिलेगी। कोरोना की दवा सही रूप में आज भी नहीं खोज पाए।
देखो कितने लोग मर गए। करोड़ों लोग पूरे विश्व में मर गए। विश्व स्तर का यह रोग फैला। अभी आपने देखा ही क्या है? कुछ नहीं। आगे देखना।

*कुदरत के नियम के खिलाफ लोग बहुत काम कर रहे हैं, भूकंप-तूफान आएंगे।*
कुदरत के नियम के खिलाफ लोग काम बहुत कर रहे हैं। धरती हिलेगी, भूकंप आएंगे। भूकंप आ जाए तो क्या कोई बचेगा?
मंजिल पर मंजिल शहरों में लोग खड़े करते चले जा रहे हैं, डेढ सौ - दौ सौ मंजिल। आप समझो उनका क्या हाल होगा। अरे वह कोई आसमान में रुका है? ऊपर का महल तो कोई है नहीं जो .
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*बिना भूमि एक महल बना है, तामै ज्योति अपारी रे।*
*अंधा देख - देख सुख पावे, बात बतावै सारी रे।।*
ऊपर के लोकों के महल तो है ही नहीं। ऊपर तो जमीन है ही नहीं।
जमीन भी अगर दिखाई पड़ती है, आसमान जैसा तो कोमल साफ दिखाई पड़ती है। वहां उजाला ही उजाला है, अंधेरा है ही नहीं। जर्रे-जर्रे में रोशनी है, कण-कण में प्रकाश है।
*कोई हैलोजन लाइट बत्ती नहीं जल रही है। ऊपरी लोकों को जब देखोगे, तब आपको पता चल जाएगा।*

*अगर तेज तूफान आ जाये तो डेढ सौ दो सौ मंजिल के मकानों क्या हाल होगा?*
यहां पर जितने भी मकान हैं सब धरती पर टिके हुए हैं। तो उनका क्या हाल होगा?
अगर तूफान आ जाएगी, ज्यादा वृष्टि हो जाएगी, हवा तेज हो जाएगी तब क्या हाल होगा?

*बिजली अगर तीन दिन के लिए फेल हो जाए तो शहरों से नदियों, पहाड़ों की तरफ दौड़ पड़ेंगे लोग।*
बिजली अगर तीन दिन के लिए फेल हो जाए तो इधर पहाड़ों-गांव की तरफ लोग शहरों से दौड़ पड़ेंगे कि चलो राहत की सांस ले कहीं, पानी मिल जाए, हवा मिल जाए।

*आध्यात्मिक तरक्की के आगे दुनिया की सारी तरक्की फेल है।*
कहते हैं तरक्की कर रहे हैं, तरक्की कर रहे हैं।
लेकिन यह तरक्की उस ऊपरी तरक्की के आगे कुछ नहीं है जो आध्यात्मिक शक्ति लोगों के अंदर में थी। कहते है कि हवाई जहाज-हेलीकॉप्टर बना लिया।
देखो! एक नट बोल्ट ढीला हो जाए तो गिर जाता है। तेल खत्म हो जाए तो क्रेश हो जाएगा। लेकिन हनुमान जी कौन से हेलीकॉप्टर में बैठकर के गए थे?
उड़ कर के गए थे। आदमी उड़कर के पहुंच जाता था। आत्मशक्ति रहती थी। आत्मशक्ति आपमें आ जाएगी जब करोगे तब रोज करोगे।
*जो भी आप कर रहे हो छोटी-मोटी संगत है, जो जनहित का काम करते हो, सब करते रहो।*



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