*बाबा उमाकान्त जी महाराज की विश्व के प्रधानमंत्री - राष्ट्रपतियों से प्रार्थना; शांति का वातावरण बना कर विश्व युद्ध को टालो।*

*जयगुरुदेव*

*प्रेस नोट/दिनांक 29.08.2021*
आश्रम, उज्जैन, मध्यप्रदेश 

*बाबा उमाकान्त जी महाराज की विश्व के प्रधानमंत्री - राष्ट्रपतियों से प्रार्थना; शांति का वातावरण बना कर विश्व युद्ध को टालो।*

मानव के आध्यात्मिक विकास के साथ साथ सम्पूर्ण विश्व में शांति, प्रेम, भाईचारे की भावना जगा कर जन-धन की हानि को रोकने के लिए निरंतर प्रयासरत इस समय के महापुरुष,
उज्जैन वाले पूरे संत *बाबा उमाकान्त जी महाराज* ने 17 अक्टूबर 2020 को आश्रम उज्जैन, मध्यप्रदेश में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम *(jaigurudevukm)* पर प्रसारित संदेश में बताया कि,
अभी सीमाओं पर बहुत तेजी से तैयारियां हो रही हैं। लड़ाई की तैयारियां कौन करा रहा है? यह जो कुर्सी के प्रेमी राष्ट्रपति - प्रधानमंत्री हैं, जो मालिक हैं।

अब चाहे वह अपने बचत के लिए ही तैयारी क्यों न करा रहे हो कि हमारा देश बच जाए, हमारे देश की संपत्ति बच जाए, हमारे देश की प्रतिष्ठा बच जाए या चाहे इसीलिए ही क्यों न कर रहे हो कि हमारी कुर्सी बरकरार रह जाए, दोबारा चुनकर फिर हम आ जाएं ,चाहे इसीलिए ही कर रहे हो।

लेकिन अपनी मौत को लोग भूले हुए हैं। और अगर यह हो जाएगा कि कोई बम गिर जाएगा, कोई कीटाणु आ जाएं जिसका वायरस आप में भी फैल जाएगा, आपको भी शरीर छोड़ना पड़ेगा, आपको भी तकलीफ झेलनी पड़ेगी तो उनको भी मौत याद आ जाएगी।

दूसरे की जान की कीमत जो नहीं भी समझ में आ रही है, अपने जान की कीमत लगेगी, जब यह हो जाएगा कि कीमती चीज जीवात्मा जब निकल जाएगी, शरीर छूट जाएगा, कुर्सी-मान-प्रतिष्ठा छूट जाएगी सब बेकार हो तो कोई लड़ाई कराएगा?

हाथ जोड़ा जा रहा है, प्रार्थना की जा रही है विश्व के राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों, जिम्मेदारों, बड़े-बड़े अधिकारियों, सेना अध्यक्षों से कि भाई युद्ध को टालो, दूसरे के जान को बचाओ, सैनिकों के जान को बचाओ, उनके बच्चों पर रहम करो, जनता के धन संपत्ति को बचाओ, व्यवस्था को अस्त-व्यस्त मत होने दो।

*शान्ति का वातावरण बना लें तो अवश्यम्भावी विश्व युद्ध टल सकता है।*

समझ में तो आ रहा है, लेकिन कोई एकदम पैर में टकराएगा तो ठोकर तो मारना ही पड़ेगा। लेकिन अब सबको सद्बुद्धि आ जाए, अच्छी बातों को सब लोग अगर अपना लें और शांति का वातावरण बना ले तो विश्व युद्ध टाल जा सकता है, *नहीं तो विश्व युद्ध अवश्यंभावी है।*

*राम-कृष्ण ने भी युद्ध टालने के बहुत प्रयास किये।*

बहुत समझाया कृष्ण ने, मान जाओ, मान जाओ। नहीं माने। राम ने भी खूब समझाया, नहीं माने। फिर तो करवाना ही पड़ेगा, वह तो होगा ही होगा।
जब तक विश्व युद्ध टल जाए, हम चाहते हैं की टल जाए। कभी ऐसी भी स्थिति आ जाती है कि टल ही जाता है, संकट टल ही जाता है।
*हमारी तो यही प्रार्थना है, सर्वशक्तिमान से कि जनधन की हानि न हो, विश्व युद्ध टालो, किसी की जान जाने न पावे।*
*सबको सद्बुद्धि आये, अच्छी बातों को अपनाएं, तो विश्वयुद्ध टल जाए, जन-धन की हानि रुक जाए।*

Sant Satguru


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