प्रेमियों! बाबा जयगुरुदेव जी का सारा शेष काम आप ही कर दो ताकि दूसरे लोग आवें तो उन्हें सतयुग जैसा वातावरण मिले

जयगुरुदेव
प्रेस नोट
9.6.2021
बाबा उमाकान्त जी महाराज आश्रम, उज्जैन, मध्य प्रदेश

*प्रेमियों! बाबा जयगुरुदेव जी का सारा शेष काम आप ही कर दो ताकि दूसरे लोग आवें तो उन्हें सतयुग जैसा वातावरण मिले*

धरती पर सतयुग आ जाये, लोग ईश्वरवादी बन जाये, घर और समाज ख़ुशहाल हो जाये - इस लक्ष्य को लेकर चलने वाले उज्जैन के पूज्य संत बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बाबा जयगुरुदेव जी महाराज की नवीं पुण्यतिथि के भंडारा अवसर पर भक्तों को बताया कि आप के जिम्मे गुरु महाराज बहुत काम देकर के गए हैं। 

आप यह कोशिश करो कि सारा काम हम ही लोग कर दें, रह ही ना जाए। दूसरे लोग आवें तो उनको सुख शांति जैसा वातावरण मिले, सतयुग जैसा वातावरण मिले। लेकिन आप यह कब कर पाओगे? जब आप में मजबूती रहेगी।

*प्रेमियों प्रांतों और जिलों में जो अच्छे लोग हैं, उनकी बनाओ कमेटी*

महाराज जी ने कहा कि प्रेमियों! जब आप अपनी कमेटी बनाओगे, जिलों की, प्रांतों की, तो उसमें अच्छे सतसंगियों को, अच्छे लोगों को, अच्छे सेवादारों को, नए पुराने लोगों को जिनके भाव अच्छे हों, जिनके अंदर भक्ति हो, जिनके अंदर योग्यता हो, उनको आप कमेटी में अपने ले लो। जो जिसके लायक है, वह काम उनको दे दो। 

आप जो बुजुर्ग लोग हो, सब काम करते रहे जब संगत छोटी थी, आप यह मत सोचो कि हम सब यह कर सकते हैं। 1 दिन ऐसा आएगा जब मजबूरी हो जाएगी। आपकी कुछ बता भी नहीं पाओगे, सिखा भी नहीं पाओगे। ऐसा भी समय आ जाता है जब आदमी बता भी नहीं पाता है और दुनिया से चला जाता है। 

अभी लोगों को समझाने बताने की सेवा आपको मिल रही है। आप उनको समझा दो, ट्रेंड कर दो। अपनी इस दुनिया में रहते-रहते सारा काम जो आप जानते हो, उनको सिखा दो। उनके अंदर जो योग्यता है, आप उन से काम ले लो, चाहे वह नए हो या पुराने।

*प्रेमियों! पुराने लोग भी अगर आपसे जुड़ना चाहते हैं तो उनको भी जोड़ लो*

महाराज जी ने कहा कि प्रेमियों! पुराने आदमी भी अगर आपसे जुड़ना चाहते हैं, वो चाहे आपका विरोध ही किए हो, आपको गाली ही दिए हो या हमको भी गाली दिए हो तो उसको दिमाग से निकाल दो। इधर उत्तर प्रदेश और बिहार की तरफ जब बारात जाती है तब औरतें गाली देती हैं, बहुत भद्दी-भद्दी गाली दूल्हे और दूल्हे के पिता और बरात वालों को। 

इतनी भद्दी कि सुनकर के लोग मुस्कुराते हैं और जब खा कर के आ जाते हैं तब हंसते हैं। कोई माइंड करता है? कोई दिमाग में रखता है? नहीं। समझ लो शादी-विवाह की गाली दिया था उन्होंने।

*प्रेमियों! अगर देश-विदेश में काम करना है तो आदमियों की जरूरत पड़ेगी*

महाराज जी ने बताया कि अगर वह हाथ बढ़ावे, आपसे मिलना चाहते हैं, आपके साथ काम करना चाहते हैं, तो एतराज मत करो, काम ले लो। लेकिन जो जिसके लायक काम है, वह उसको दो। आप धोखा न खा जाओ की दौड़-दौड़ करके सब आपका काम करें और एक दिन आपको और संगत को बदनाम कर दें। 

ऐसे स्वार्थी आदमी से तो दूरी बनाए ही रखो। लेकिन जिसके अंदर परमार्थी भाव है, सेवा भाव है, जो पहले आपके और आपके संगत के विरोध में चले गए थे अब उनको ज्ञान हुआ है, अब वह आपके साथ आना चाहते हैं तो उनको भी जोड़ लो क्योंकि अगर देश और विदेश में काम करना है तो आदमियों की जरूरत पड़ेगी ही।


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